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Gorakhpur News: DDU के स्थापना दिवस कार्यक्रम से वर्चुअल जुड़ीं राज्यपाल, 112 मेघावियों को मिला गोल्ड मेडल
Gorakhpur News: डीडीयू का 74वां स्थापना दिवस समारोह सकुशल संपन्न हुआ। इस दौरान कुलपति ने 112 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल भी दिया।
Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय का 74वां स्थापना दिवस समारोह सकुशल संपन्न हुआ। कार्यक्रम में कुलाधिपति श्रीमती आनंदीबेन पटेल वर्चुअल जुड़कर अध्यक्षता की। इस दौरान कुलपति ने 112 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल भी दिया। कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति प्रो पूनम टंडन तथा विशिष्ट पुरातन छात्रों द्वारा जल संचयन कर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया गया। समारोह में मेधावी विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक सहित कुल 112 स्वर्ण पदक प्रदान किया गया। महामहिम की गरिमामयी उपस्थिति में मेधावियों विद्यार्थियों को 48 विश्वविद्यालय स्वर्ण पदक तथा 64 स्मृति स्वर्ण पदक दिया गया। इसके साथ ही युवा महोत्सव, सांस्कृतिक, क्रीड़ा प्रतियोगिताओं तथा एन.एस.एस./एन.सी.सी. की विभिन्न प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय, राज्य या क्षेत्रीय स्तर पर बेहतर प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट प्रदान किया गया। इसके बाद ललित कला एवं संगीत विभाग के विद्यार्थियों द्वारा राष्ट्रगीत तथा कुलगीत की प्रस्तुति की गई।
कुलपति ने किया संबोधित
वर्चुअल उद्बोधन में कुलाधिपति ने कहा कि किसी भी सभ्यता, किसी भी देश, किसी भी नगर की तरह संस्थाओं के इतिहास में स्थापना दिवस का विशेष महत्व होता है। वह दिन उसकी जीवन यात्रा का प्रस्थान बिंदु होता है और उसके मूल्यांकन का पहला मानक भी स्थापना दिवस के आयोजन से जहां परंपराओ का स्मरण होता है तो वहीं वर्तमान प्रगति के मूल्यांकन और भविष्य की योजनाओं की रूप-रेखा तैयार करने का अवसर भी प्राप्त होता है। गोरखपुर की पावन धरा का अपना एक विशिष्ट ऐतिहासिक, सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक महत्व है। यह महात्मा बुद्ध, भगवान महावीर, गुरु गोरक्षनाथ, संत कबीर दास आदि अनेक महापुरूषों की पवित्र भूमि रही है। मैं ऐसी पावन धरती को नमन करती हूँ।
दीनदयाल उपाध्याय की हुई बात
उन्होंने कहा की विश्वविद्यालय का नाम एकात्म मानववाद के प्रणेता पंडित दीनदयाल उपाध्याय जी से जुड़ा हुआ है। पंडित जी अत्यंत उच्च कोटि के दार्शनिक एवं विचारक थे, जिन्होंने इस बात पर बल दिया कि देश की आर्थिक, शैक्षणिक, सामाजिक और राजनीतिक व्यवस्था भारतीय संस्कृति की बुनियाद पर ही निर्धारित और नियोजित होनी चाहिए। कुलाधिपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने सात दशकों से अधिक की अपनी अनवरत यात्रा में समाज के सभी क्षेत्रों में अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करायी है। यह आप सभी की कार्य कुशलता का ही परिणाम है कि दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय ने नैक मूल्यांकन में 'ए प्लस प्लस' श्रेणी प्राप्त कर देश के श्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची मे अपना नाम दर्ज कराया है। अभी हाल ही में आपने क्यू०एस०वर्ल्ड रैंकिंग में दक्षिण एशिया क्षेत्र में दो सौ अट्ठावनवीं (258वीं) की रैंक प्राप्त कर उल्लेखनीय सफलता अर्जित कर पुनः अपने आपको प्रमाणित किया है। यूनिवर्सिटी के शिक्षक साल दर साल अपने विद्यार्थियों के Intellectual, Academic और Physical Development को निखारते हैं तथा छात्रों का सामर्थ्य बढ़ाते हैं। छात्र अपने सामर्थ्य को पहचानें, इसमें भी शिक्षकों की बड़ी भूमिका होती है।
विश्वविद्यालय को मिला यूजीसी से ग्रेड 1 यूनिवर्सिटी का दर्जा: कुलपति
अपने स्वागत उद्वोधन में कुलपति प्रो पूनम टंडन ने कहा की आजादी के बाद उत्तर प्रदेश में स्थापित यह प्रथम विश्वविद्यालय आज अपने अमृत काल में प्रवेश कर रहा है। यह विश्वविद्यालय देश के उन शीर्ष विश्वविद्यालयों में शामिल है जिसने नैक मूल्यांकन में ए डबल प्लस श्रेणी अर्जित करने के साथ साथ दुनिया भर की अनैक रैंकिग सूचियों में अपना स्थान बनाया है। विश्वविद्यालय को भारत सरकार की पीएम-ऊषा योजना के अन्तर्गत शोध एवं नवाचार के लिये चयनित करते हुए 100 करोड़ रूपये की धनराशि स्वीकृत की गयी है। यूजीसी ने विश्वविद्यालय को ग्रेड 1 यूनिवर्सिटी के रूप में चिन्हित किया है। विश्वविद्यालय ने अथक परिश्रम से सत्र नियमन, परीक्षा और परिणामों की घोषणा में उल्लेखनीय सफलता पायी है। देश ही नहीं दुनिया के अनेक महत्वपूर्ण शिक्षा संस्थानों के साथ एमओयू साइन किये हैं। हमने राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्यों के अनुरूप अनेक महत्वपूर्ण सुधार किये हैं। हम इस वर्ष से 4 वर्षीय स्नातक कार्यक्रम प्रारम्भ कर दिये हैं। विवि पाठ्यक्रमों को यूजीसी एवं उत्तर प्रदेश शासन के निर्देशों के अनुरूप डिजाइन करने वाले अग्रणी परिसरों में से एक है।
पुरातन छात्रों को मिला सम्मान
स्थापना दिवस समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले विशिष्ट पुरातन छात्रों में पद्म श्री प्रो. विश्वनाथ प्रसाद तिवारी, चंद्रप्रकाश अग्रवाल, अतुल सर्राफ़, डॉ एलके पाण्डेय, श्रीमती निर्मला एस चंद्रा, पूर्व आईपीएस जितेन्द्र प्रताप सिंह एवं भारतीय रेल सेवा के डॉ. स्वामी प्रकाश पाण्डेय को सम्मानित किया गया।
एक माह में विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने 7 पेटेंट रजिस्टर कराए
खेलकूद और सांस्कृतिक गतिविधियों को समान रूप से प्रोत्साहित करते हुए हमने उत्कृष्ट शोध की ओर भी कदम बढ़ाया है। बीते एक माह में विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने 7 पेटेंट रजिस्टर कराए हैं। 15 पेटेन्ट स्वीकृति की प्रक्रिया में हैं। हमारा लक्ष्य इस वर्ष 50 नये पेटेन्ट रजिस्टर कराने का है। विश्वविद्यालय आज दो महत्वपूर्ण सेवाओं की शुरूआत कर रहा है। हमारे विद्यार्थी अपने अंकपत्रों, उपाधियों को प्राप्त करने के लिये परेशान न हों और इन्हें परीक्षा से लेकर उपाधि तक घर बैठे प्राप्त हो सके, इसके लिये एक पोर्टल- SERVE का लोकार्पण माननीया कुलाधिपति जी के करकमलों से किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त सैंमसंग इनोवेशन कैम्पस कार्यक्रम स्वदेश का भी शुभारम्भ हो रहा है जिसमें विद्यार्थियों को स्किल डेवेलोपमेंट के क्षेत्र में अनेक पाठ्यक्रम एवं अवसर प्राप्त होंगे।