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Gorakhpur News: बेटे को फर्जी प्रमाण पत्र पर PG में दाखिला दिलाने में नपे गोरखपुर एम्स के निदेशक, ये है पूरा मामला

Gorakhpur News Today: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. जीके पाल के बेटे के प्रमाणपत्र की जांच करने गुरुवार को विजिलेंस की टीम एम्स पहुंची थी।

Purnima Srivastava
Published on: 27 Sept 2024 9:18 PM IST
Gorakhpur News Today Action on AIIMS Director Prof Dr GK Pal
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Gorakhpur AIIMS Director

Gorakhpur News: अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के कार्यकारी निदेशक डॉ. जीके पाल को हटा दिया गया है। उनके जगह भोपाल एम्स के निदेशक एके सिंह को कार्यभार सौंपा गया है। डॉ.पाल के पास पटना एम्स का कार्यभार है। उनके बेटे के ऊपर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर कोर्स का आरोप है। जिसमें बिजलेंस की जांच चल रही थी। बता दें कि इसके पहले सुरेखा किशोर को भी विवादों के बाद निदेशक के पद से हटाया गया था।

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ. जीके पाल के बेटे के प्रमाणपत्र की जांच करने गुरुवार को विजिलेंस की टीम एम्स पहुंची थी। टीम के पहुंचने पर एम्स में पूरे दिन चर्चाओं का बाजार गर्म रहा। इस बीच टीम के सदस्यों ने ओपीडी से लेकर एडमिन कार्यालय, स्टैंड और कैंटीन तक के फोटो खींचे। बताया जा रहा है कि शिकायतकर्ता डॉ. गौरव गुप्ता से टीम मुलाकात करना चाह रही थी। बता दें कि एम्स के कार्यकारी निदेशक के बेटे ओरो प्रकाश पाल का ओबीसी का एनसीएल प्रमाणपत्र पटना से जारी हुआ है। मामले में डीएम पटना भी कमेटी बनाकर जांच करा रहे हैं।

निदेशक के बेटे पर फर्जी प्रमाण पत्र पर पीजी में दाखिले का आरोप

बता दें कि एम्स के सर्जरी विभागाध्यक्ष डॉ.गौरव गुप्ता ने कार्यकारी निदेशक प्रो. डॉ.जीके पाल के खिलाफ शिकायत की थी अपने बेटे डॉ. ओरो प्रकाश पाल का फर्जी ओबीसी प्रमाणपत्र बनवाकर पीजी के माइक्रोबायोलॉजी पाठ्यक्रम में प्रवेश दिलाया। एनसीएल का लाभ लेने की शिकायत थी। शिकायत के बाद बेटे ने चार दिन बाद ही इस्तीफा दे दिया। बता दें कि एम्स में चल रहे विवाद की आंच स्वास्थ्य मंत्रालय तक पहुंच चुकी है। मामले में दो केंद्रीय मंत्री सहित एक सांसद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को एम्स की पूरी कहानी बता चुके हैं। सांसद रवि किशन ने तो बैठक में खुलकर यह नाराजगी जता चुके हैं कि यहां पर मरीजों का इलाज कम रेफर ज्यादा किए जा रहे हैं।

निदेशक के खिलाफ चल रही है जांच

विवाद को लेकर एम्स निदेशक के खिलाफ जांच का आदेश हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री के निर्देश पर स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन सदस्यीय कमेटी गठित की ●किया है। आरोप है कि कार्यकारी निदेशक प्रो.जीके पाल के बेटे का पीजी में प्रवेश फर्जी ओबीसी प्रमाण पत्र पर हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने तीन सदस्यीय कमेटी में अध्यक्ष के तौर पर सेंट्रल गर्वमेंट हेल्थ स्कीम मिनिस्ट्री (सीजीएचएस) के डॉ. मनस्वी कुमार को शामिल किया गया है। इंस्टीट्यूट ऑफ नेशनल इंपॉर्टेंस की निदेशक प्रियदर्शिका श्रीवास्तव और विजिलेंस एंड लाइजन ऑफिसर ओबीसी के निदेशक सतीश कुमार सदस्य हैं। तीन सदस्यीय जांच कमेटी को सप्ताह के अंदर रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है। ओबीसी प्रमाणपत्र पटना से जारी हुआ है। पटना में भी इसकी शिकायत की गई है। इसका असर यह है कि पटना के डीएम चंद्रशेखर सिंह ने भी मामले की जांच शुरू करा दी है। इसके लिए अधिकारियों के नेतृत्व में कमेटी भी बनाई गई है।



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