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Gorakhpur News: CBSE बोर्ड से मान्यता वाले 17 नामी स्कूलों पर होगी कार्रवाई, हजारों बच्चों के भविष्य का गुनहगार कौन?

Gorakhpur News: शिकायतकर्ता मनीष का कहना है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की कक्षाओं के लिए जमीन के साथ भवन का नक्शा स्वीकृत होना अनिवार्य है।

Purnima Srivastava
Published on: 14 Aug 2024 10:55 AM IST
Gorakhpur News
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सीबीएससीई बोर्ड प्रतीकात्मक तस्वीर (Pic: Social Media)

Gorakhpur News: सीबीएसई बोर्ड से मान्यता के लिए जरूरी है कि परिसर 6000 वर्ग मीटर का हो। जिसमें कमरे हवादार हों। प्ले ग्राउंड से लेकर लैब आदि की सुविधा हो। अनहोनी की स्थिति में बच्चों के निकलने में दिक्कत नहीं हो। लेकिन उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में सीबीएसई बोर्ड ने मान्यता आंख बंद कर दे दी है। इसे लेकर शिकायत हुई तो एसडीएम ने तहसीलदारों और लेखपालों को स्कूलों की जमीन की पैमाइश का आदेश दिया है।

गोरखपुर जिले के कई निजी स्कूलों की सीबीएसई बोर्ड से संबद्धता में बड़ा खेल सामने आया है। ऐसे 17 विद्यालयों की शिकायत प्रशासन से की गई है। इसमें तय मानक से कम जमीन होने के बावजूद सीबीएसई की मान्यता देने का आरोप लगाया गया है। साथ ही इसमें कुछ विद्यालय ऐसे भी हैं, जिनका जीडीए की ओर से नक्शा पास नहीं होने के बावजूद उसे बेसिक शिक्षा विभाग से संबद्धता मिल गई है। शिकायत पर अपर जिलाधिकारी ने तहसीलदार सदर, सहजनवां और बांसगांव को जांच सौंपी है। शिकायतकर्ता मनीष मिश्रा ने इस संबंध में मंडलायुक्त से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया है कि शहर के कई विद्यालयों में समिति से प्राप्त की गई मान्यता में इंगित भूमि है ही नहीं। उन्होंने जांच कराकर मान्यता निरस्त करने की मांग की है। उन्होंने यह भी शिकायत की है कि शहर में 80 प्रतिशत से अधिक स्कूल बिना नक्शे के संचालित हो रहे हैं। उपर जिलाधिकारी सुशील कुमार गोड का कहना है कि संज्ञान लेकर जांच के लिए 17 विद्यालयों की सूची तहसीलदार सदर, सहजनवां और बांसगांव को दी गई है। इन्हें मौके पर जाकर जांच कर रिपोर्ट देनी है। इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

कई स्कूलों का मानचित्र स्वीकृत नहीं

शिकायतकर्ता मनीष का कहना है कि प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्तर की कक्षाओं के लिए जमीन के साथ भवन का नक्शा स्वीकृत होना अनिवार्य है। बेसिक शिक्षा विभाग की तरफ से इसके लिए मानक बनाए गए हैं। भवन निजी होने के साथ भू- उपयोग शैक्षणिक मद में पंजीकृत होना भी अनिवार्य है। इन नियमों को दरकिनार कर आराम से लोगों ने निजी स्कूल की संबद्धता बोर्ड से करवा ली और संचालन कर रहे हैं।

इन स्कूलों की शिकायत

नवल्स एकेडमी की राप्तीनगर और सूरजकुंड शाखा, महादेव झारखंडी स्थित उदया पब्लिक स्कूल, माधोपुर न्यू कालोनी में एनएस चिल्ड्रेन एकेडमी, नथमलपुर ग्रीन सिटी में जेपी एजुकेशनल एकेडमी, साकेतपुर में उर्मिल यूनीक सेंट्रल एकेडमी, बरडाड में हेरीटेज एकेडमी, देवरिया रोड पर सूर्या एकेडमी, सहजनवां में ब्लूमिंग बर्ड हायर सकेंड्री स्कूल, सिक्टौर में संस्कार इंटरनेशनल स्कूल, माल्हनपार में आरसी आईडियल पब्लिक स्कूल, बिछिया में दूर पब्लिक स्कूल, बिछिया में निधि आइडियल स्कूल, बेतियाहाता में तुलसीदास मेमोरियल कैटलिस्ट आइडियल स्कूल, दिव्यनगर खोराबार में एबीसी पब्लिक स्कूल।




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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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