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Yogi Adityanath: राम मंदिर आंदोलन से प्रभावित होकर महंत अवेद्यनाथ से मिले थे अजय विष्ट, ऐसे जीता गुरु का भरोसा, बन गए योगी
Yogi Adityanath: उत्तराखंड में विज्ञान स्तानक की पढ़ाई करने वाले अजय कुमार विष्ट महंत अवेद्यनाथ के करीब आए थे। वर्ष 1991 में मुलाकात के बाद अजय विष्ट में ऊर्जा देखकर वर्ष 1994 में महंत अवेद्यनाथ ने अजय विष्ट को उत्तराधिकारी घोषित किया था।
Gorakhpur News: गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ और उनके गुरु ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ के मुलाकात में सेतु का काम राम मंदिर आंदोलन ने किया था। इसी आंदोलन के चलते उत्तराखंड में विज्ञान स्तानक की पढ़ाई करने वाले अजय कुमार विष्ट महंत अवेद्यनाथ के करीब आए थे। वर्ष 1991 में मुलाकात के बाद अजय विष्ट में ऊर्जा देखकर वर्ष 1994 में महंत अवेद्यनाथ ने अजय विष्ट को उत्तराधिकारी घोषित किया था। जिस मंदिर आंदोलन को शुरू करने में ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ ने मुकाम पर पहुंचाया था। उसमें अधूरे कार्यों को उनके शिष्य अजय कुमार विष्ट यानी अबके योगी आदित्यनाथ पूरी शिद्दत से मुकाम पर पहुंचा रहे हैं।
राममंदिर आंदोलन से प्रभावित होकर अजय सिंह बिष्ट नाम की पहचान के साथ योगी, महंत अवेद्यनाथ से मिलते हैं। छात्र जीवन में आरएसएस के स्वयंसेवक के रूप में विद्यार्थी परिषद से जुड़े देश और समाज को समर्पित अजय सिंह बिष्ट ने राममंदिर आंदोलन से प्रभावित होकर 1991 में गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ से मुलाकात की। वह नाथ पंथ की कठोर दीक्षा परम्परा और उसकी तपस्या पर खरे उतरे। इसके बाद गुरु महंत अवेद्यनाथ ने 1994 में उन्हें अपना उत्तराधिकारी घोषित कर दिया। इसके बाद योगी आदित्यनाथ अपने गुरु के साथ श्रीराम जन्मभूमि मुक्ति यज्ञ समिति की बैठकों में शामिल होने लगे।
विश्व हिंदू महासम्मेलन से मिली मंदिर आंदोलन को धार
योगी आदित्यनाथ ने विश्व हिंदू महासम्मेलन करा आंदोलन को जीवंत किया। 13, 14, 15 फरवरी 2003 को विराट हिन्दू संगम और 22, 23, 24 दिसंबर 2006 को विश्व हिंदू महासम्मेलन कराकर योगी आदित्यनाथ ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे फिर से जीवंत कर दिया। विश्व हिन्दू महासम्मेलन और विराट हिन्दू संगम में 970 से ज्यादा हिन्दूवादी संगठनों और 10 हजार से ज्यादा साधुओं ने हिस्सा लिया। सम्मेलनों में युवा सांसद योगी आदित्यनाथ को हिन्दू हृदय सम्राट कहा जाने लगा।
अयोध्या में भव्य दिवाली से मिलने लगे थे संकेत
सड़क से संसद तक राममंदिर के लिए संघर्ष करते हुए योगी 2017 में सूबे के मुख्यमंत्री बने। बतौर मुख्यमंत्री फैजाबाद जिले का नाम बदलकर अयोध्या किया तो पूरी दुनिया में इसकी चर्चा होने लगी। उनकी अगुवाई में पहली दिवाली पर लाखों दीयों से भव्य दीपोत्सव का शुभारंभ हुआ तो दुनिया को अयोध्या के भविष्य का संकेत मिल गया। शिलान्यास से लेकर 22 जनवरी को होने जा रहे प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक अपने गुरुजनों की साधना को मूर्त रूप में साकार करने का सौभाग्य योगी आदित्यनाथ को मिल रहा है।