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Gorakhpur: पूर्वोत्तर राज्यों को मिलेगा वैकल्पिक रेल मार्ग, वाल्मीकिनगर रूट पर दोहरीकरण का शुरू
Gorakhpur News: दोहरीकरण के इस कार्य में पहले फेज में कैंट से कप्तानगंज तक करीब 36 किमी रेल लाइन बिछाई जाएगी।
Gorakhpur News: पूर्वोत्तर के राज्यों के लिए गोरखपुर से अब जल्द ही नया रेलमार्ग मिल जाएगा। चुनावी शोर के शांत होते ही गोरखपुर-नरकटियागंज रूट पर दूसरी लाइन बिछाने का काम शुरू हो गया। इस लाइन से जहां गोरखपुर, कुशीनगर, महराजगंज और बिहार के लोगों की राह आसान होगी वहीं, मालगाड़ियों का संचालन भी सुधरेगा। इसके निर्माण में 1120 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
दोहरीकरण के इस कार्य में पहले फेज में कैंट से कप्तानगंज तक करीब 36 किमी रेल लाइन बिछाई जाएगी। यहां सबसे पहले मिट्टी और गिट्टी भराई के अलावा स्टेशनों के विस्तार, प्लेटफार्म और पुल निर्माण का काम होगा। कप्तानगंज से पनियहवा तक निर्माण के लिए काम तेजी से चल रहा है। रूट पर पड़ने वाली गंडक नदी पर करीब 854 मीटर लंबा पुल बनेगा। गोरखपुर से वाल्मीकिनगर के बीच 16 बड़े व 38 छोटे पुल बनेंगे। कैंट, उनौला, पिपराइच, बोदरवार, कप्तानगंज, घुघली, सिसवा बाजार, पनियहवा, वाल्मीकिनगर सहित 10 क्रासिंग स्टेशन व महुअवा खुर्द और गुरलीराम गढ़वा हाल्ट स्टेशन बनेंगे। कुल 96 किमी दोहरीकरण में लगभग 89 किमी अपने प्रदेश में जबकि करीब 6 किलोमीटर बिहार में निर्माण होगा।
रेलमार्ग का दोहरीकरण से बढ़ेंगे रोजगार के अवसर
गोरखपुर-वाल्मीकिनगर रेलमार्ग का दोहरीकरण पूरा होते ही उत्तर से पूर्व तक का दोहरीकरण कार्य पूरा हो जाएगा। मालगाड़ियां और यात्री ट्रेनें कम समय में उत्तर भारत पंजाब से पूर्वी भारत के असम के लबडिंग स्टेशन तक पहुंच जाएंगी। दोहरीकरण कार्य के दौरान गोरखपुर, महराजगंज, कुशीनगर और पश्चिमी चंपारण के लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
खर्च होंगे 1120 करोड़ रुपये
रेल मंत्रालय ने वर्ष 2019-20 में गोरखपुर कैंट-वाल्मीकिनगर 96 किलोमीटर लंबे रेलमार्ग के दोहरीकरण की स्वीकृति दी थी। 16 अगस्त 2023 को आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने दोहरीकरण की मंजूरी दे दी। 3 साल में दोहरीकरण पूरा करने का लक्ष्य है। इसके निर्माण में 1120 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।