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Gorakhpur: UP ATS के हत्थे चढ़ा एक और ‘तेलगी’, यूपी-बिहार से लेकर दिल्ली में सप्लाई करते थे फर्जी स्टांप पेपर
Gorakhpur News: यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा नवाब आरजू उर्फ लालू शातिर अपराधी है। वह पहले भी कूटरचित स्टांप पेपरों की तस्करी में जेल जा चुका है।
Gorakhpur News: स्टाम्प घोटाला से देश को अरबों रुपये का चोट देने वाले अब्दुल करीम तेलगी की मौत को 7 साल का समय गुजर चुका है, लेकिन उसके फार्मुले पर अमीर बनने का सपना पालने वालों की संख्या कम नहीं हो रही है। रविवार को एटीएस ने फर्जी स्टाम्प और लाखों रुपये की नकदी के साथ एक गैंग को गोरखपुर से गिरफ्तार किया है। ये खुद स्टाम्प छाप कर राजस्व को चोट पहुंचा रहे थे। एटीएस की टीम इनसे पूछताछ कर इनके नेटवर्क की तह तक जाने की कोशिश में जुटी हुई है।
यूपी एटीएस ने प्रदेश में कूटरचित स्टांप पेपरों और टिकटों की सप्लाई का सिंडिकेट चलाने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर दिया है। बिहार में ऐसे स्टांप पेपर और टिकट छापकर अपने गैंग के जरिए देश और प्रदेश के विभिन्न जिलों में तस्करी करने वाले अन्तर्राज्जीय गिरोह के मास्टर माइंड नवाब आरजू और उसके सहयोगी राजू कुमार यादव को एटीएस ने रविवार की सुबह गोरखपुर से गिरफ्तार कर लिया।
एटीएस के अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए गैंग के सदस्य प्रदेश के सभी जिलों में कूटरचित भारतीय स्टांप पेपर और कूटरचित स्टांप टिकट छापकर अपने गैंग के सहयोगियों जरिये इसकी तस्करी कर रहे हैं। इन्होंने प्रिंटिंग मशीन बिहार में लगा रखी है। एटीएस की पड़ताल में पूरे खेल में मास्टर माइंड के रूप में बिहार के रहने वाले नवाब आरजू का नाम सामने आया। यूपी एटीएस ने गोरखपुर में रविवार की सुबह नवाब और उसके साथी राजू कुमार यादव को गिरफ्तार कर लिया। गिरफ्तार आरोपियों के पास से 6.94 लाख रुपए मूल्य के कूटरचित भारतीय स्टांप पेपर, 72000 रुपए मूल्य के कूटरचित भारतीय स्टांप टिकट और तीन मोबाइल फोन मिले हैं। उनकी एक क्रेटा कार भी पुलिस ने बरामद की है।
शातिर अपराधी है नवाब उर्फ लालू
यूपी एटीएस के हत्थे चढ़ा नवाब आरजू उर्फ लालू शातिर अपराधी है। वह पहले भी कूटरचित स्टांप पेपरों की तस्करी में जेल जा चुका है। वर्तमान में वह अपने गुर्गों के साथ यूपी, बिहार और दिल्ली के विभिन्न जिलों में कूटरचित स्टांप पेपरों और टिकटों की तस्करी कर रहा था। इसके गैंग के कमरूद्दीन, साहबजोदे, ऐश मोहम्मद, रविन्द्र दीक्षित, नन्दलाल प्रसाद और संतोष गुप्ता पहले भी जेल जा चुके हैं। गिरोह के अन्य सक्रिय सदस्य एटीएस के रडार पर हैं।