Gorakhpur News: गोरखपुर विवि में होगी ‘अयोध्या अध्ययन केंद्र’ की स्थापना, अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू होगा पाठ्यक्रम

Gorakhpur News: पूर्वांचल का प्रतिष्ठित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय महापुरुषों की कर्मभूमि एवं जन्मभूमि से घिरा एक महत्वपूर्ण अध्ययन केंद्र है।

Purnima Srivastava
Published on: 21 Jan 2024 1:04 PM GMT
gorakhpur news
X

गोरखपुर विवि में होगी ‘अयोध्या अध्ययन केंद्र’ की स्थापना (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: अयोध्या से महज 134 किलोमीटर दूर स्थित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय ‘अयोध्या अध्ययन केंद्र’ स्थापित करने जा रहा है। विश्वविद्यालय के कला संकाय में स्थापित होने वाला यह केंद्र अयोध्या की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक तथा एक विश्व प्रसिद्ध आधुनिक पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित होने की ऐतिहासिक यात्रा के विभिन्न पहलुओं पर अध्ययन को प्रोत्साहित करेगा। इसके साथ ही यह केंद्र विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों में अयोध्या तथा प्रभु श्रीराम से सम्बंधित पाठ्यक्रमों, शोध कार्यो के प्रोत्साहित करने तथा उनमें समन्वय स्थापित करने का कार्य करेगा।

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि पूर्वांचल का प्रतिष्ठित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय महापुरुषों की कर्मभूमि एवं जन्मभूमि से घिरा एक महत्वपूर्ण अध्ययन केंद्र है। प्रभु श्री राम की जन्मभूमि अयोध्या सिर्फ 134 किमी दूर, गौतमबुद्ध की परिनिर्वाण स्थली कुशीनगर सिर्फ 55 किमी दूर तथा उनका जन्मस्थली लुम्बिनी 122 किमी, संत कबीर की समाधी स्थली 30 किमी दूर स्थित है।

ऐसे में विश्वविद्यालय को विद्यार्थियों को इन महापुरुषों के जीवन तथा उनके अवदानों के अध्ययन के लिए आगे आना चाहिए। अयोध्या अध्ययन केंद्र इसी दिशा में लिया गया कदम है। यह केंद्र प्राचीन इतिहास, पुरातत्व तथा संस्कृति विभाग में स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र का मुख्य उद्देश्य अयोध्या की ऐतिहासिक यात्रा पर ध्यान केंद्रित करके एक प्राचीन शहर से एक आधुनिक तीर्थस्थल के रूप विकसित होने से सम्बंधित विषयों पर अध्ययन को प्रोत्साहित करना है।

‘अयोध्या की ऐतिहासिकता’ पाठ्यक्रम को किया जाएगा अनिवार्य

कुलपति ने कहा कि इसके साथ ही परास्नातक पाठ्यक्रम में इतिहास के विद्यार्थियों के लिए कोर (अनिवार्य) ‘अयोध्या की ऐतिहासिकता’ पाठ्यक्रम को अगले शैक्षणिक सत्र से शुरू किया जाएगा। अन्य विषयों के परास्नातक के विद्यार्थियों के लिए ‘अयोध्या की ऐतिहासिकता’ एक इलेक्टिव पाठ्यक्रम के रूप में भी ऑफर किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम में अयोध्या की ऐतिहासिक विकास यात्रा के विभिन्न कालखंड तथा विकास को शामिल किया जाएगा। इस पाठ्यक्रम को प्राचीन इतिहास, पुरातत्व तथा संस्कृति विभाग मध्यकालीन एवं आधुनिक इतिहास विभाग द्वारा संचालित किया जाएगा।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story