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Gorakhpur News: जीवनशैली जन्य रोगों के लिए संजीवनी है आयुर्वेद, बोले विश्व आयुर्वेद मिशन के अध्यक्ष

Gorakhpur News: आयुर्वेद जीवनशैली जन्य रोगों के लिए भी संजीवनी है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार ‘आयुर्वेद फ़ॉर वन हैल्थ’ पर कार्य कर रहा है। भारत वर्ष के अलावा सौ से अधिक देश इस पर कार्य कर रहे हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 24 Aug 2024 6:39 PM IST
Gorakhpur News
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Gorakhpur News: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के तृतीय स्थापना दिवस समारोह के उपलक्ष्य में आयोजित व्याख्यानमाला में शनिवार को ‘वर्तमान स्वास्थ्य समस्याओं के समाधान में आयुर्वेद की भूमिका’ विषय पर विश्व आयुर्वेद मिशन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राजकीय आयुर्वेद महाविद्यालय हंडिया, प्रयागराज के पूर्व प्राचार्य प्रो. (डॉ.) जीएस तोमर ने व्याख्यान दिया। इस अवसर पर प्रो. तोमर ने कहा कि विश्व की सबसे प्राचीनतम विधा आयुर्वेद मात्र एक चिकित्सा पद्धति न होकर सम्पूर्ण जीवन दर्शन है। यह स्वस्थ व्यक्ति के स्वास्थ्य की रक्षा करती है तथा रोगी के रोग का निवारण करती है। आयुर्वेद जीवनशैली जन्य रोगों के लिए भी संजीवनी है। उन्होंने कहा कि आयुष मंत्रालय भारत सरकार ‘आयुर्वेद फ़ॉर वन हैल्थ’ पर कार्य कर रहा है। भारत वर्ष के अलावा सौ से अधिक देश इस पर कार्य कर रहे हैं। इसमें मानव के अतिरिक्त जीव जन्तु एवं पेड़ पौधों के लिए भी स्वास्थ्य लाभ के उपाय बताए गए हैं।

कोरोना काल में विश्व ने आयुर्वेद को स्वीकारा

डॉ. तोमर ने कहा कि हमारे देश की अस्सी प्रतिशत से अधिक जनसंख्या आज भी गाँवों में निवास करती है तथा अपनी दैनिक बीमारियों की लिए अपने पास उपलब्ध जड़ी बूटियों पर ही निर्भर है। कोरोना कालखण्ड में तुलसी, अश्वगंधा व गिलोय जैसी औषधियों की कार्यकारिता को सम्पूर्ण विश्व ने स्वीकार किया है। संक्रामक रोगों के बचाव में आयुर्वेद रोगी के व्यधिक्षमत्व को बढ़ाने का काम करता है। प्रकृति में उपलब्ध असंख्य जड़ी बूटियाँ ही आयुर्वेद का अक्षय भण्डार है। हमें शहरीकरण के इस दौर में अपनी इसी बन सम्पदा की रक्षा करनी होगी। डॉ. तोमर ने कहा कि आयुर्वेद में वर्णित औषधियां ही प्राणरक्षक नहीं हैं अपितु इसमें वर्णित जीवनशैली भी आदर्श एवं अनुकरणीय है। यह हमारी पारम्परिक चिकित्सा विधा है वैश्विक परिदृश्य में इसे और अधिक ग्राह्य एवं उपयोगी बनाने के लिए हमें इसे साक्ष्य आधारित प्रमाणों से पुन: सिद्ध करना होगा।

निशुल्क आयुर्वेदिक स्चिकित्सा शिविर में प्रो. तोमर ने देखे 116 मरीज

गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज बालापार में निशुल्क आयुर्वेद चिकित्सा शिविर में प्रो. (डॉ.) जीएस तोमर ने 116 मरीजों को निशुल्क चिकित्सकीय परामर्श दिया। शिविर में उन्होंने मधुमेह, अस्थमा, स्पाइन, गठिया और अन्य व्याधियों से निदान के लिए आयुर्वेदिक दवाओं के प्रयोग के साथ योग करने व दिनचर्या में सुधार के परामर्श दिए।



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Shalini singh

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