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Gorakhpur News: चुनावी शुभारंभ के बाद चिकित्सकों की नियुक्ति नहीं, आयुष यूनिवर्सिटी में खाली ओपीडी
Gorakhpur News: आयुष विवि में ओपीडी का 15 फरवरी 2023 को सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा शुभारम्भ किया गया था। चिकित्सकों और दवाओं के आभाव में बीते चार महीने से ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी डबल इंजन सरकार में महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय में ओपीडी का शुभारंभ हो गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के हाथों हुए लोकार्पण के बाद लोगों को इलाज की उम्मीद जगी और आसपास के 300 से 400 मरीज ओपीडी में पहुंचने लगे। लेकिन चुनावी शुभारंभ की कलई अब खुलने लगी है। चिकित्सकों की तैनाती नहीं होने से ओपीडी 70 से 100 मरीजों पर सिमट गई है।
गोरखपुर के भटहट क्षेत्र में निर्माणाधीन महायोगी गुरु गोरखनाथ राज्य आयुष विश्वविद्यालय में व्यवस्था बेपटरी हो गई है। बमुश्किल छह महीने पहले यूनिवर्सिटी के ओपीडी में 300 से 400 मरीज रोज इलाज के लिए पहुंचते थे। ओपीडी में आयुर्वेदिक, होमियोपैथिक एवं यूनानी पद्धति से इलाज किया जा रहा है। आयुष विवि में ओपीडी का 15 फरवरी 2023 को सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा शुभारम्भ किया गया था। पर चिकित्सकों और दवाओं के आभाव में बीते चार महीने से ओपीडी में मरीजों की संख्या में लगातार गिरावट आ रही है। इलाज कराने विश्वम्भर ने बताया कि चिकित्सक अपने ओपीडी कक्ष में बैठ कर मरीजों का इंतजार कर रहे थे। डॉक्टर ने तुरंत देख लिया लेकिन दवाएं नहीं मिलीं। विवि में ओपीडी के लिए आयुर्वेद, होमियोपैथ, यूनानी के चिकित्सक तैनात हैं। चिकित्सकों की स्थाई तैनाती के लिए साक्षात्कार हुआ लेकिन रजिस्ट्रार ने हस्ताक्षर ही नहीं किया। जिससे मामला लटक गया।
कुलपति बोले, ठंड में लोग कम बीमार पड़ते हैं
एक तो यूनिवर्सिटी में चिकित्सकों की स्थाई तैनाती नहीं है। वहीं नये वर्ष को लेकर यहां तैनात डॉक्टर अवकाश पर चले गए हैं। आयुष यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ.एके सिंह का कहना है कि ठंड में बीमारी कम होती है। ऐसे में ओपीडी में मरीजों की संख्या में गिरावट हुई है। इसकी कुछ डॉक्टरों द्वारा बाहर की दवाएं लिखने की शिकायत मिली है, इसकी जांच कराई जाएगी। जल्द ही आयुष विवि में स्थायी चिकित्सक आ जाएंगे।