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Gorakhpur News: बीटेक छात्र भी एमए में दाखिला लेकर कर सकेंगे इतिहास, भूगोल की पढ़ाई, ये होगी शर्त
Gorakhpur News: डीडीयू में प्रवेश समिति की बैठक में कुलपति ने परास्नातक में प्रवेश को लेकर समीक्षा की। प्रवेश समिति के समन्वयक प्रो. हर्ष सिन्हा ने तैयारियों को लेकर प्रजेंटेशन दिया।
Gorakhpur News: नई शिक्षा नीति के तहत हो रहे बदलाओं के क्रम में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी ने बीटेक, विज्ञान स्नातक छात्र-छात्राओं को भी मानविकी विषय से परास्नातक करने का अवसर दे दिया है। अब बीटेक करने के बाद भी छात्र इतिहास, भूगोल जैसे विषयों से एमए की परीक्षा उत्तीर्ण कर सकेंगे। इस नियम को 29 अप्रैल से शुरू हो रही प्रवेश प्रक्रिया में लागू कर दिया गया है। लेकिन शर्त यह होगी कि जिन छात्रों का बीटेक या विज्ञान स्नातक में 45 फीसदी नंबर होगा वे ही प्रवेश के लिए अर्हता रखेंगे।
कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में हुई प्रवेश समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया। परास्नातक में प्रवेश की प्रक्रिया 29 अप्रैल से शुरू होगी। अन्य कई महत्वपूर्ण फैसले भी लिए गए हैं। पीएचडी में प्रवेश के लिए प्रक्रिया अगले हफ्ते शुरू हो सकती है। प्रवेश समिति के समन्वयक प्रो. हर्ष सिन्हा ने बताया कि पीएचडी प्रवेश परीक्षा में सत्र 2023 तक परास्नातक करने वाले अभ्यर्थी ही आवेदन कर सकेंगे। सत्र 2023-24 की निरस्त हुई परीक्षा के अभ्यर्थियों को आवेदन शुल्क जमा नहीं करना है। पीजी में प्रवेश के लिए आवेदन को लेकर अर्हता को भी आसान किया गया है। सामान्य और ओबीसी वर्ग के वे विद्यार्थी जिनका स्नातक में 45 प्रतिशत या उससे अधिक अंक हो, वे आवेदन के लिए अर्ह होंगे।
एससी-एसटी वर्ग के 40 प्रतिशत अंक पाने वाले विद्यार्थी पीजी में आवेदन कर सकेंगे। पहले अलग-अलग विषयों के लिए योग्यता भिन्न-भिन्न होती थी। इसके साथ ही पीजी में प्रवेश के लिए भेदभाव पैदा करने वाला वेटेज भी सत्र 2024-25 से खत्म कर दिया गया है। इसे पहले ही मंजूरी मिल चुकी है। अब तक डीडीयू कैंपस से यूजी उत्तीर्ण विद्यार्थियों को पीजी में प्रवेश पर 10 अंक, सम्बद्ध कॉलेजों के विद्यार्थियों को 4 अंक वेटेज दिया जाता था। दूसरे विश्वविद्यालयों या कॉलेजों के विद्यार्थियों को कोई वेटेज नहीं मिलता था। छात्राओं, एनसीसी, एनएसएस आदि को मिलने वाला 4 अंक का वेटेज जारी रहेगा।
29 अप्रैल से होने वाली प्रवेश प्रक्रिया में प्रभावी होगा निर्णय
डीडीयू में प्रवेश समिति की बैठक में कुलपति ने परास्नातक में प्रवेश को लेकर समीक्षा की। प्रवेश समिति के समन्वयक प्रो. हर्ष सिन्हा ने तैयारियों को लेकर प्रजेंटेशन दिया। कुलपति ने सोमवार से पीजी में प्रवेश की प्रक्रिया को लेकर हरी झंडी दे दी। बता दें कि डीडीयू में अब तक परास्नातक में प्रवेश के लिए यह जरूरी था कि स्नातक अंतिम वर्ष में जो दो विषय होते थे, उनमें से किसी एक विषय में एमए किया जा सकता है। एनइपी के उद्देश्यों के अनुरूप बहुविषयकता के तहत ये निर्णय लिया गया है। अब विद्यार्थी परास्नातक में मनपसंद विषय में एमए कर सकेंगे, भले ही उन्होंने स्नातक किसी भी विषय से किया हो।