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Bijli Nijikaran Virodh: गोरखपुर बिजली पंचायत में निर्णायक संघर्ष का ऐलान, 1 जनवरी को बिजली कर्मी काली पट्टी बंधेंगे

Bijli Nijikaran Virodh: निजीकरण के बाद बिजली की दरों में काफी वृद्धि हो जाती है। उन्होंने बताया कि मुंबई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17.71 रुपये प्रति यूनिट हैं, जबकि यूपी में सरकारी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दरें 06.50 रुपये प्रति यूनिट हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 27 Dec 2024 7:55 PM IST
Bijli Nijikaran Virodh: गोरखपुर बिजली पंचायत में निर्णायक संघर्ष का ऐलान, 1 जनवरी को बिजली कर्मी काली पट्टी बंधेंगे
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 गोरखपुर बिजली पंचायत में निर्णायक संघर्ष का ऐलान, 1 जनवरी को बिजली कर्मी काली पट्टी बंधेंगे (newstrack)

Bijli Nijikaran Virodh News: बिजली के निजीकरण के खिलाफ गोरखपुर में आयोजित बिजली पंचायत में संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि बिजली कर्मचारियों को मुख्यमंत्री पर पूरा भरोसा है और बिजली कर्मचारी लगातार सुधार में लगे हुए हैं, लेकिन पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन निजीकरण की एकतरफा कार्रवाई कर अनावश्यक रूप से ऊर्जा निगमों में औद्योगिक अशांति का माहौल पैदा कर रहा है।

विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के पदाधिकारियों शैलेंद्र दुबे, इंजी. जितेंद्र सिंह गुर्जर, महेंद्र राय, चंद्र भूषण उपाध्याय, पीके दीक्षित, सुहैल आबिद, छोटे लाल दीक्षित, श्रीकांत, सरजू त्रिवेदी आदि ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारी 01 जनवरी को पूरे दिन काली पट्टी बांधकर काम करेंगे और 01 जनवरी को काला दिवस मनाया जाएगा। गोरखपुर की बिजली पंचायत में सिद्धार्थनगर, संत कबीर नगर, बस्ती, महराजगंज, देवरिया और गोरखपुर से बिजली कर्मचारी, संविदा कर्मचारी और अभियंताओं की भारी भीड़ जुटी। गोरखपुर की बिजली पंचायत में सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि बिजली कर्मचारियों को प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर पूरा भरोसा है और उनके नेतृत्व में बिजली कर्मचारी लगातार सुधार में लगे हुए हैं। वर्ष 2016-17 में 41 प्रतिशत घाटा था, जो वर्ष 2023-24 में घटकर 17 प्रतिशत रह गया है।

बिजली कर्मचारी अगले एक-दो साल में लाइन हानियों को 15 प्रतिशत से नीचे लाने के लिए कृतसंकल्प हैं। काम का अच्छा माहौल था, जिसे पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने अचानक निजीकरण की घोषणा करके बिगाड़ दिया है। संघर्ष समिति ने कहा कि सरकारी बिजली वितरण निगम घाटे में रहते हैं और घरेलू उपभोक्ताओं को लागत से भी कम कीमत पर बिजली उपलब्ध कराते हैं। निजी कंपनियां मुनाफे के लिए काम करती हैं।

निजीकरण के बाद बिजली की दरों में काफी वृद्धि हो जाती है। उन्होंने बताया कि मुंबई में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली की दरें 17.71 रुपये प्रति यूनिट हैं, जबकि यूपी में सरकारी क्षेत्र में घरेलू उपभोक्ताओं के लिए अधिकतम दरें 06.50 रुपये प्रति यूनिट हैं। साफ है कि निजीकरण होते ही बिजली की दरें एक झटके में तीन गुना बढ़ जाएंगी।

उन्होंने कहा कि पावर कारपोरेशन ने निजीकरण का जो मसौदा तैयार किया है, उसमें पूरे वितरण निगम की पूरी जमीन को मात्र एक रुपये प्रति वर्ष के पट्टे पर निजी कंपनी को देने का प्रस्ताव है। इसी तरह लाखों करोड़ रुपये की परिसंपत्तियों को बिना मूल्यांकन के कौड़ियों के भाव निजी घरानों को सौंपने की साजिश है।

उन्होंने कहा कि पूरी जमीन को मात्र एक रुपये में दे देना और परिसंपत्तियों को बिना मूल्यांकन के कौड़ियों के भाव बेचने की कोशिश करना एक साजिश है। बिजली कर्मचारियों को पूरा भरोसा है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे।

29 दिसंबर को झांसी में और 05 जनवरी को प्रयागराज में बिजली पंचायत का आयोजन किया गया है।

गोरखपुर बिजली पंचायत में यह भी आरोप लगाया गया कि पावर कारपोरेशन के चेयरमैन और पूर्वांचल व पश्चिमांचल के प्रबंध निदेशक अपनी विफलता से हताश होकर वीसी के माध्यम से मनमाने ढंग से निलंबन और दंड देकर भय का माहौल बना रहे हैं, जो पूरी तरह से भड़काऊ कदम है। यदि उनकी मनमानी पर अंकुश नहीं लगाया गया तो तीखी प्रतिक्रिया होगी और गंभीर परिणाम होंगे।



Ragini Sinha

Ragini Sinha

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