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Gorakhpur News: भाजपा विधायक ने जिसपर हत्या की सुपारी का आरोप लगाया, कर रहा विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी
Gorakhpur News: बताया जा रहा है राजीव रंजन कैम्पियरगंज विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, जिससे फतेह बहादुर को खुद की जमीन खिसकती दिख रही है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के कैम्पियरगंज सात सात बार के भाजपा विधायक फतेह बहादुर सिंह ने जिस तरह खुद की हत्या के लिए 5 करोड़ रुपये की सुपारी का सनसनीखेज आरोप लगाया, वह उनके लिए उल्टा पड़ता दिख रहा है। विधानसभा के जिस हिस्ट्रीशीटर राजीव रंजन चौधरी उर्फ रिंकू पर फतेह बहादुर हत्या की सुपारी का आरोप लगा रहे हैं, वह विधायक का बेहद करीबी रहा है। लेकिन जब उसने मां को भाजपा के टिकट पर जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता लिया, तभी से दोनों में राजनीतिक अदावत हो गई। बताया जा रहा है राजीव रंजन कैम्पियरगंज विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहा है, जिससे फतेह बहादुर को खुद की जमीन खिसकती दिख रही है।
राजीव रंजन चौधरी उर्फ रिंकू कभी विधायक बेहद करीबी था। चुनाव में भी फतेह बहादुर के साथ रहा, लेकिन वर्ष 2023 में विधायक के मना करने के बाद भी राजीव रंजन ने अपनी पत्नी को नगर पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा दिया। वहीं से दूरी बनी और रंजिश बढ़ती गई। इस दूरी के बाद से ही राजीव रंजन पर कई आपराधिक मामले दर्ज हुए। राजीव रंजन पर गुंडा एक्ट लग चुका है और वह पीपीगंज थाने का हिस्ट्रीशीटर भी है। पिछले दिनों लोकसभा चुनाव में राजीव पर विधायक ने इरादतन मुकदमा दर्ज करा दिया गया। पीपीगंज नगर पंचायत के वार्ड संख्या 15 भरवल के प्राथमिक विद्यालय के बाहर भगवा गमछा लगाने को लेकर विवाद हुआ था। इस मामले में पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष चिंता देवी के देवर सुरेंद्र यादव व जिला पंचायत सदस्य के बेटे च हिस्ट्रीशीटर राजीव रंजन चौधरी समेत 27 लोगों पर हत्या के प्रयास व अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ था। इस मामले को लेकर भी विधायक से राजीव रंजन को दूरियां बढ़ गई।
राजीव ने कहा, पूरे मामले की जानकारी पिता से मुख्यमंत्री को दी है
भाजपा विधायक के सनसनीखेज आरोप के बाद पुलिस ने इस मामले में जब जांच शुरू की तो बहुत सारे तथ्य सामने आने लगे। राजीव रंजन चौधरी ने पुलिस को बताया कि उनके पिता जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मिलकर सारी बातें बता चुके हैं। उनकी माता सरोज देवी वार्ड नंबर 15 से भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जिला पंचायत सदस्य बनीं। उसका पूरा परिवार विधायक फतेह बहादुर सिंह के साथ हर चुनाव में खड़ा रहा है। राजीव का कहना है कि जबसे नगर पंचायत चुनाव में पत्नी को लड़ाया, तभी से विधायक खार खाए हुए हैं। यह चाहते थे कि भाजपा से उनके प्रत्याशी का समर्थन कर दें। वह कैंपियरगंज में किसी भी व्यक्ति को राजनीति में आगे जाना नहीं देना चाहते हैं। इसके आद से उन्होंने फर्जी तरीके से मुकदमे दर्ज करा दिए। प्रभाव में गुंडा एक्ट भी लगवाया। लोकसभा चुनाव में भी में जिस मामले में शामिल नहीं था, उसमें नाम डलवा दिया गया। मैं एसटीएफ क्या सीबीआई जांच को तैयार हूं।
जिलाधिकारी और एसएसपी ने कहा, जांच में कोई देरी नहीं
डीएम कृष्णा करुणेश और एसएसपी डॉ गौरव ग्रोवर ने बताया कि विधायक द्वारा लगाए गए आरोप के बाद किसी प्रकार की लापरवाही नहीं हुई है। स्थानीय पुलिस के साथ ही लोकल एसटीएफ यूनिट के स्तर से भी इस प्रकरण की जांच की जा रही है। विधायक के सुरक्षा की समय- समय पर समीक्षा की जाती है। कोई भी उल्लेखनीय प्रगति होने पर या कोई महत्वपूर्ण तथ्य संज्ञान में आने पर उचित एवं विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।
मां बोलीं, बेटे से सपा के पक्ष में प्रचार कराना चाहते थे विधायक
हत्या की सुपारी का आरोप जिस राजीव पर लगा है उसकी जिला पंचायत सदस्य मां सरोज भी अब मीडिया के सामने आ गई है। उनका कहना है कि मैं और मेरा परिवार 15 वर्ष से भाजपा में है। कैंपियरगंज के विधायक फर्जी मुकदमे दर्ज करवाकर मेरे बेटे को फंसा रहे हैं। मेरे परिवार को जानमाल की धमकी देते हैं। लोकसभा चुनाव में सरोज विधायक ने मेरे बेटे से सपा प्रत्याशी काजल निषाद का समर्थन करने को कहा था। विधायक की पत्नी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं और वह मेरे क्षेत्र में विकास कार्य को करने नहीं देती हैं।
विधायक के आरोप को प्रदेश की सत्ता में मचे घमासान से जोड़कर देखा गया
बीजेपी विधायक फतेह बहादुर सिंह ने गुरुवार को मीडिया के सामने आकर सनसनीखेज आरोप लगाए तो इसे यूपी की सत्ता में मचे घमासान से जोड़कर देखा गया। विधायक ने आरोप लगाया कि विरोधियों ने पांच करोड़ रुपये में मेरी हत्या की सुपारी दी है। जिसमें से एक करोड़ रुपये चंदा के जरिये जुटा भी लिए गए हैं। जिस शूटर को हत्या की सुपारी दी गई थी, उसने ही मुझे बताया है। चार से पांच दिन में शूटर के साथ ही हत्या की साजिश करने वाले का नाम भी उजागर कर दूंगा।
भाजपा विधायक ने कहा कि हत्या की साजिश रचने वालों में पुलिस भी शामिल है। थानेदार भी मिला हुआ है। मैं तो चाहता हूं कि मेरे जिंदा रहते मुझसे जानकारी ले ली जाए। मरने के बाद थोड़े ही कुछ बता पाऊंगा। विधायक का आरोप है कि 11 दिन पहले ही मुख्यमंत्री को इस घटना की सूचना दे दी थी। इसके बाद भी पुलिस से लेकर किसी जांच एजेंसी ने कोई पूछताछ नहीं की। लंबी चुप्पी से संदेह बढ़ता देख केन्द्रीय नेतृत्व को पूरी जानकारी दिया हूं।