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Gorakhpur: अपनी ही सरकार के खिलाफ BJP MLC फिर मुखर, PCS-RO परीक्षा के शेड्यूल पर उठाए सवाल

Gorakhpur: मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एमएलसी का कहना है कि अलग-अलग पालियों में परीक्षा कराने से शुचिता पर असर पड़ने की संभावना है। अ

Purnima Srivastava
Published on: 10 Nov 2024 4:58 PM IST
Gorakhpur News
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अपनी ही सरकार के खिलाफ भाजपा एमएलसी फिर मुखर (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: भारतीय जनता पार्टी के एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह पिछले कुछ दिनों से लगातार अपनी ही सरकार के खिलाफ मुखर है। लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी के अंदर से सरकार की कार्यशैली को लेकर सवाल उठाने वालों में देवेन्द्र प्रताप सिंह शामिल थे। इसके बाद गोरखपुर में डॉक्टर द्वारा सिपाही को पीटे जाने को लेकर एमएलसी ने आंदोलन चलाकर अपने ही सरकार को असहज किया। प्राथमिक स्कूलों में डिजिटल उपस्थिति को लेकर भी एमएलसी ने मुखर आवाज बुलंद की थी। अब उन्होंने पीसीएस और आरओ परीक्षा के शेड्यूल पर सवाल खड़े किए हैं। एमएलसी ने पीसीएस, आरओ/एआरओ की परीक्षा को एक ही दिन, एक ही पाली में कराने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखा है।

मुख्यमंत्री को लिखे पत्र में एमएलसी का कहना है कि अलग-अलग पालियों में परीक्षा कराने से शुचिता पर असर पड़ने की संभावना है। आयोग के इस मनमानी पूर्ण फैसले के विरोध में 4 लाख प्रतियोगी अभ्यर्थियों द्वारा ट्वीट किया गया है। एमएलसी का कहना है कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग द्वारा जो विज्ञापन दिया गया था, उसमें परीक्षाओं को एक दिवस और एक पाली में कराने का उल्लेख था। लेकिन पिछले 6 नवम्बर को जारी नोटिफिकेशन में इन परीक्षाओं को कई पालियों में सम्पन्न कराने की सूचना दी गई है।

एमएलसी का कहना है कि सर्वोच्च न्यायालय ने पिछले दिनों अपने निर्णय में साफ किया है कि चयन व भर्ती प्रक्रिया के नियम बीच में बदले नहीं जा सकते। दो दिवसीय परीक्षा सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का खुला उल्लंघन होगा। एमएलसी ने कहा कि शासन द्वारा निर्धारित एसओपी में कलेक्ट्रेट कार्यालय से 10 किमी के अन्दर परीक्षा केन्द्र बनाये जाने का निर्णय लिया गया है। जिससे आयोग को पर्याप्त परीक्षा केन्द्र नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में जरूरत है कि सभी जिलों में परीक्षा केन्द्र बनाएं जाएं।

अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट गए तो लटक जाएगी भर्ती प्रक्रिया

भाजपा एमएलसी का कहना है कि संभव है कि परीक्षा में इस बदलाव के खिलाफ कुछ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट की शरण में चले जाएं, जिससे भर्ती प्रक्रिया लटक सकती है। उन्होंने लिखा है कि पीसीएस परीक्षा के 5,74,000 तथा आरओ/एआरओ के लगभग 11,00,000 अभ्यर्थियों के गुस्से का परिणाम अच्छा नहीं होगा। एमएलसी ने कहा कि पूर्व में लोक सेवा आयोग द्वारा वर्ष 2023 में पीसीएस की परीक्षा 51 जिलों में हुई थी, जिसमें 6 लाख और आरओ/एआरओ की परीक्षा में करीब 11 लाख अभ्यर्थियों ने एक ही दिन में परीक्षा दी थी। उन्होंने स्केलिंग व्यवस्था पर भी सवाल उठाया है।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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