TRENDING TAGS :
Cancer Awareness Day: खाद्य तेल और मसाले से खराब हो रही पूर्वांचल की सेहत, गॉलब्लैडर कैंसर मरीज राष्ट्रीय औसत से अधिक
National Cancer Awareness Day 2024: आज 7 नवम्बर को कैंसर जागरूकता दिवस है। पूर्वांचल में कैंसर के मरीज राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है।
National Cancer Awareness Day 2024: एक ही खाद्यतेल का बार बार प्रयोग के साथ मिलावटी मसालों के खाने से पूर्वी यूपी में कैंसर के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। खास तौर पर गॉलब्लैडर कैंसर के मामले प्रदेश में सबसे ज्यादा पूर्वांचल में मिलते हैं। पूर्वांचल में कैंसर के मरीज राष्ट्रीय औसत से कहीं अधिक है। 7 नवम्बर को कैंसर जागरूकता दिवस है। लेकिन हकीकत यह है कि खराब तेल से बन रहे स्ट्रीट फूड की लगातार बढ़ रही खपत बता रही है कि हम इसे लेकर संजीदा नहीं है।
सड़क पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ कैंसर कारक
कैंसर सर्जन डॉ. आलोक तिवारी ने बताया कि सड़क पर बिकने वाले खाद्य पदार्थ कैंसर का कारक हो सकते हैं। सड़क पर दुकानदार कढ़ाई में एक बार तेल डालकर उसमें कई बार समोसे, पकौड़ी छानता हैं। इससे तेल में नाइट्रॉसामीन का लेवल बढ़ जाता है। यह कैंसर कारक होता है। गॉलब्लैडर में कैंसर की एक वजह यह हो सकता हैं। 45 साल से अधिक उम्र के पुरुष व महिलाओं को कैंसर को लेकर सजग हो जाना चाहिए। इस उम्र में पुरुषों में प्रोस्टेट, फेफड़े व बड़ी आंत वहीं महिलाओं में स्तन व सर्वाइकल कैंसर का खतरा सर्वाधिक होता है।
पूर्वांचल में गालब्लैडर कैंसर के मामलों में उछाल
एम्स में गॉलब्लैडर कैंसर के मामले अधिक मिलने के कारणों की पहचान के लिए रिसर्च शुरू हो गई हैं। एम्स के कैंसर रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. शशांक शेखर ने बताया कि पूर्वी यूपी में कैंसर को लेकर जागरूकता की कमी है। एम्स की ओपीडी में इलाज के लिए पहुंच रहे मरीजों में गॉलब्लैडर कैंसर के मरीजों की संख्या तीसरे नंबर पर है। जबकि देश में गॉलब्लैडर के कैंसर के मामले छठवें या सातवें स्थान पर आते हैं। इसकी प्रमुख वजह तेल-मसाले का अतिशय प्रयोग माना जा रहा है। पूर्वी यूपी में खाद्य में तेल मसाले का ज्यादा प्रयोग होता है। डॉ. शशांक ने बताया कि पूर्वांचल में गालब्लैडर कैंसर के मामलों में उछाल आश्चर्यजनक है। इसको देखते हुए इसकी वजह की पहचान के लिए रिसर्च किया जा रहा है। यह रिसर्च अभी चल रहा है।
शरीर में दिखे ये संकेत तो हो जाएं सावधान
कैंसर रोग विशेषज्ञ डॉ. सौरभ मिश्रा ने बताया कि स्तन, छाती, मुंह में गांठ हो, बगैर कारण वजन घट रहा हो, शारीरिक संबंध के बाद रक्तस्राव हो, बच्चों में बिना वजह वजन घट रहा हो, बेवजह बच्चे को बुखार हो तो सतर्क हो जाना चाहिए। यह कैंसर के संकेत भी हो सकता है। महज दो साल में एक बार मैमोग्राफी और पेप्समीयर जांच कर महिलाएं दोनों कैंसर के खतरे से बच सकती है। 10 साल में एक बार क्लोनोस्कोपी जांच कराकर पुरुष कोलोरेक्टल के कैंसर से बच सकते हैं।