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Gorakhpur News: आयुर्वेद में सर्वाइकल की समस्याओं का मिलेगा समाधान, जटिल रोगों का भी शत प्रतिशत निदान

Gorakhpur News: ओपीडी में आए मरीजों से बात करते हुए डॉ. तोमर ने कहा कि आजकल लोगों का आयुर्वेद की तरफ रुझान बढ़ रहा है। क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है।

Purnima Srivastava
Published on: 13 May 2024 6:24 PM IST
Cervical problems will get solution in Ayurveda, 100% diagnosis of complex diseases also
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आयुर्वेद में सर्वाइकल की समस्याओं का मिलेगा समाधान, जटिल रोगों का भी शत प्रतिशत निदान: Photo- Newstrack

Gorakhpur News: अंतरराष्ट्रीय ख्याति के आयुर्वेदाचार्य एवं विश्व आयुर्वेद मिशन के अंतरराष्ट्रीय अध्यक्ष प्रो. (डॉ.) जीएस तोमर ने कहा कि आयुर्वेद विश्व की प्राचीन चिकित्सा पद्धति है। आज के समय में दुनिया आयुर्वेद चिकित्सा का तेजी से अनुसरण कर रही है। आयुर्वेद के दृष्टिकोण से जीवनशैली परिवर्तन, प्राकृतिक चिकित्सा और आहार पर ध्यान दिया जाए तो जटिल और गंभीर रोग का उपचार शत प्रतिशत संभव है। योग, प्राणायाम और ध्यान के साथ नियमित चिकित्सीय परामर्श से व्यक्ति निरोग रहकर स्वस्थ जीवन जी सकते हैं।

डॉ. तोमर सोमवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज, आरोग्यधाम बालापार में आयुर्वेदिक ओपीडी की शुरुआत करने के बाद यहां आयोजित निशुल्क आयुर्वेदिक चिकित्सा शिविर में मरीजों को परामर्श दे रहे थे। शिविर में डॉ. तोमर ने 108 मरीजों को देखा और उपचार संबंधी परामर्श दिया। इस अवसर पर उन्होंने सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के कुछ मरीजों को समझाया कि सर्वाइकल स्पाइन की समस्याएं आयुर्वेद में ‘ग्रीवासंधिगत वात’ के रूप में जानी जाती हैं।


इसमें गर्दन में दर्द, गर्दन की अकड़न, ऊपरी बाहु, कंधे और बाजू में दर्द और स्थायी अस्वस्थता शामिल हो सकती है। सर्वाइकल की समस्या आयुर्वेद के माध्यम से दूर की जा सकती है। इसमें आयुर्वेद के विशेषज्ञ के परामर्श से आहार, औषधि, योग-प्राणायाम पर ध्यान देने की आवश्यकता है। व्यायाम, दवाओं के प्रयोग, फिजियोथेरेपी, योग या चिकित्सा आसन के सामंजस्य से आयुर्वेद चिकित्सा का महत्व और भी बढ़ रहा है।

आयुर्वेद का कोई साइड इफेक्ट नहीं

ओपीडी में आए मरीजों से बात करते हुए डॉ. तोमर ने कहा कि आजकल लोगों का आयुर्वेद की तरफ रुझान बढ़ रहा है। क्योंकि इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है। आसपास की जड़ी बूटियों और खान-पान में सुधार करके हम स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। शिविर में मरीजों की विभिन्न प्रकार की मुफ्त जांच भी की गई।


इस अवसर पर डॉ. तोमर का स्वागत करते हुए गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के निदेशक डॉ. कर्नल राजेश बहल ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर शिक्षा के साथ चिकित्सा क्षेत्र में भी जन मानस की सेवा करने का पुनीत कार्य कर रहा है। डॉ जीएस तोमर आयुर्वेद चिकित्सा क्षेत्र में लब्ध प्रतिष्ठत हैं। शिविर में गुरु गोरक्षनाथ इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंसेज के प्रिंसिपल डॉ. मंजूनाथ एनएस, अस्पताल प्रबंधक जीके मिश्रा आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।



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Shashi kant gautam

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