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Gorakhpur News: ठंड आते ही बढ़ गई बाघ, तेंदुआ की डाइट, भालू का मिजाज ठीक रखेगा शहद

Gorakhpur News: बाघ और शेर को प्रतिदिन 12 किलोग्राम से बढ़ाकर 14 किलोग्राम मांस दिया जा रहा। यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू की गई है।

Purnima Srivastava
Published on: 4 Nov 2024 7:48 AM IST
diet of tiger leopard bear increased
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चिड़ियाघर में रहने वाले जानवरों के खाने में परिवर्तन  (फोटो: सोशल मीडिया )

Gorakhpur News: मौसम में हो रहे बदलाव को देखते हुए उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में शहीद अशफाक उल्ला खां प्राणि उद्यान (चिड़ियाघर) में रहने वाले जानवरों के खाने में परिवर्तन किया गया है। ठंडक शुरु होते ही चिड़ियाघर में भालू को अब शहद दिया जाएगा। दूसरी तरफ सांप और मरमच्छ को माह में एक ही दिन भोजन दिया जाएगा। बाघ और शेर को प्रतिदिन 12 किलोग्राम से बढ़ाकर 14 किलोग्राम मांस दिया जा रहा। यह व्यवस्था एक नवंबर से लागू की गई है।

चिड़ियाघर में 275 से अधिक जानवर हैं। इनमें पशुओं से लेकर पक्षी भी शामिल हैं। गर्मी और बारिश के मौसम में इन जानवरों को भोजन के साथ कुछ न कुछ सप्लीमेंट दिया जाता है, जिससे कि वह संक्रमित न होने पाएं। इस बीच अब ठंड का मौसम शुरू हो रहा है, तो कुछ पशु-पक्षियों का भोजन बढ़ जाता है। जबकि, कुछ का भोजन घट जाता है। मांस का सेवन करने वाले पशुओं के भोजन की मात्रा बढ़ जाती है।

बाघ और शेर को प्रतिदिन 12 किलोग्राम से बढ़ाकर 14 किलोग्राम मांस दिया जा रहा है। तेंदुआ व लकड़बग्घा को 4 से बढ़ाकर 5 किलोग्राम मांस कर दिया गया है। वहीं, सियार को दिया जाने वाला मांस एक से बढ़ाकर डेढ़ किलो, लोमड़ी का आधा से बढ़ाकर एक किलोग्राम कर दिया गया है।

ठंड में शेर, तेंदुआ, सियार, लोमड़ी और लकड़बग्घा को भोजन बढ़ा

चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.योगेश प्रताप सिंह का कहना है कि ठंड में शेर, तेंदुआ, सियार, लोमड़ी और लकड़बग्घा को भोजन बढ़ा दिया जाता है। जबकि, सांप, मगरमच्छ, घड़ियाल के शरीर का तापमान कम होने से भोजन कम कर दिया जाता है।

गैंडा खाएगा शकरकंद : गैंडा सहित अन्य कुछ अन्य जानवरों को अन्य दिनों में मिलने वाले भोजन के साथ गन्ना, शकरकंद, बरसीम की मात्रा बढ़ाकर दी जा रही है। इसके अलावा पक्षियों को दाने की मात्रा बढ़ाई गई है। जबकि, पानी कम कर दिया गया है। हिरन और अन्य शाकाहारी जानवरों को भोजन के साथ गुड़ देना शुरू कर दिया गया है।

चिड़ियाघर प्रशासन का मानना है कि गर्मी और बारिश के मौसम में सांप के शरीर का तापमान सही रहता है। क्योंकि, ये चलते और फिरते हैं। ठंड में ये जानवर कम चलते हैं, इसलिए सांप को माह में एक बार चूहा और अजगर को खरगोश दिया जाता है। मगरमच्छ और घड़ियाल भी ठंड में कम चलते हैं। इनके शरीर के तापमान में कमी हो जाती है। इसलिए उन्हें सप्ताह में दो बार की जगह केवल एक बार जीवित मछलियां दी जाएंगीं।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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