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Gorakhpur: एसपी दफ्तर से बोल रहा हूं, गिरफ्तारी से बचना है तो जल्द भेजों 10 हजार, यूपी कॉप एप में हो गया खेल
Gorakhpur News: रोज आ रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए गोरखपुर पुलिस ने एडीजी तकनीकी को पत्र भेजा है।
Gorakhpur News: यूपी पुलिस अपराध पर अंकुश के लिए भले ही पारदर्शिता अपना रही हो लेकिन शातिर दांव आजमा कर ठगी कर ले रहे हैं। अब शातिर यूपी कॉप एप से लोगों का मोबाइल नंबर लेकर ठगी कर रहे हैं। कई मामलों के उजागर होने के बाद यूपी पुलिस ऐसी व्यवस्था कर रही है कि शातिर एप से मोबाइल नंबर नहीं ले सकें। ऐसी ही जालसाजी मुख्यमंत्री जनसुनवाई पोर्टल पर दर्ज नंबरों को ट्रेस कर भी हो रहा है।
कोतवाली थाने में जनवरी 2023 में सुमेर सागर निवासी धर्मेंद्र गुप्ता ने मारपीट को केस दर्ज कराया। उनके पास केस दर्ज कराने के दो दिन बाद ही एक फोन आया और फोन करेन वाले ने खुद को सीओ ऑफिस का बताया। फिर गिरफ्तारी के नाम पर 10 हजार रुपये मांगे गए। इसी तरह रामगढ़ताल थाने में आठ अप्रैल को बड़गो निवासी साकेत तिवारी ने धमकी देने का केस दर्ज कराया। उनके पास शातिर ने यह कहते हुए फोन किया कि एसपी दफ्तर से बोल रहा हूं। दो हजार तत्काल भेज दो। रोज आ रही शिकायतों का संज्ञान लेते हुए गोरखपुर पुलिस ने एडीजी तकनीकी को पत्र भेजा है। एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्नोई का कहना है कि यूपी कॉप से एफआईआर डाउनलोड कर जालसाजी की शिकायतें आई हैं। पुलिस अब केस दर्ज करते ही पीड़ित को एफआईआर खुद पहुंचा दे रही है। इस वजह से जालसाजी को रोकने के लिए एडीजी तकनीकी को पत्र भेजा गया है। ताकि ठगी का यह रास्ता बंद हो सके।
आम लोगों की सहूलियत के लिए दी गई है व्यवस्था
आम लोगों की सहूलियत के लिए बनाए गए यूपी कॉप एप पर ऑनलाइन एफआईआर दर्ज करने के अलावा थानों में दर्ज कराए गए एफआईआर को डाउनलोड करने का भी विकल्प होता है। इस एप की मदद से एफआईआर कॉपी को डाउनलोड किया जाता है। उसमें से पीड़ित का नाम व नंबर लेकर घटना के बारे में जानकारी दी जाती है। क्योंकि एफआईआर में पूरा विवरण होता ही है, इस वजह से शातिर लोगों को अपनी जाल में फंसा ले रहे हैं।