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Gorakhpur News: कल्याण के आदि संपादक की 131वीं जयंती पर मुख्यमंत्री ने दी श्रद्धांजलि, बोले, देश प्रथम के संकल्प से दुनिया की महाशक्ति बनेगा भारत
Gorakhpur News: सीएम योगी बुधवार शाम गीता वाटिका में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पत्रिका कल्याण के आदि संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार 'भाई जी' की 131वीं जयंती पर संगोष्ठी के रूप में आयोजित श्रद्धा अर्चन कार्यक्रम में अपने भावों को शब्द रूप में व्यक्त कर रहे थे।
Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यदि हर भारतीय अपने कार्यक्षेत्र में देश प्रथम का संकल्प लेकर कार्य करे तो भारत आजादी के शताब्दी वर्ष तक दुनिया की महाताकत बनकर रहेगा। हर व्यक्ति की प्राथमिकता पहले देश, फिर धर्म, समाज व अंत में परिवार होनी चाहिए। यही प्राथमिकता व संकल्प हनुमान प्रसाद पोद्दार 'भाई जी' का भी था।
सीएम योगी बुधवार शाम गीता वाटिका में विश्व प्रसिद्ध धार्मिक पत्रिका कल्याण के आदि संपादक हनुमान प्रसाद पोद्दार 'भाई जी' की 131वीं जयंती पर संगोष्ठी के रूप में आयोजित श्रद्धा अर्चन कार्यक्रम में अपने भावों को शब्द रूप में व्यक्त कर रहे थे। 'भाई जी हनुमान प्रसाद जी पोद्दार- जीवन एवं अवदान' विषयक संगोष्ठी में मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएम योगी ने कहा कि भाई जी ने अपना सम्पूर्ण जीवन भारत एवं भारतीयता, भक्ति व वैराग्य और आध्यात्मिक शक्ति के उत्थान में लगाया। गीता प्रेस के संस्थापक जयदयाल गोयनका के सानिध्य में रहकर उन्होंने साहित्य साधना के द्वारा भारत की अभिनंदनीय आध्यात्मिक सेवा की।उनके द्वारा प्रकाशित कल्याण पत्रिका भारतीय संस्कृति को मानने वाले सभी लोगो के मन में बसा है।
युवाओं में आध्यात्मिक शक्ति को जगाने का कार्य किया
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाई जी ने कल्याण पत्रिका के द्वारा भारत की आध्यात्मिक साहित्य और वैदिक साहित्य का समावेश कर, समाज और परिवार के अनुकूल बनाकर आम जन तक इसे सुलभ एवं सहज बनाया। गीता वाटिका के महान संत राधा बाबा के सानिध्य में रहकर भारतीय अध्यात्म एवं वैदिक साहित्य को घर घर तक पहुंचाया। सीएम ने कहा कि भाई जी आध्यात्मिक सेवक के साथ स्वतंत्रता सेनानी तथा आपदा में सहयोग के लिए अग्रणी रहने वाले भी थे। एक व्यक्ति में इतनी सारी योग्यता थी यह आश्चर्य की बात थी। देश की आजादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में सक्रिय रहकर उन्होंने युवाओं में आध्यात्मिक शक्ति को जगाने का कार्य किया। सम्पूर्ण भारतीयों के कल्याण एवं भारतीयता के हित में जो भी हो सकता था उन्होंने किया। आजादी की लड़ाई में वह जेल भेजे गए, उन्हें नजरबंद किया गया, कल्याण पत्रिका को जब्त कर लिया गया लेकिन भाई जी बेपरवाह अपने ध्येय में लगे रहे। उन्होंने आजादी के आंदोलन में भक्ति की शक्ति की आधारशिला तैयार की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भाई जी ने साहित्य साधना में अद्भुत कार्य किया। गोरखपुर से कल्याण का प्रकाशन करने के साथ गीता वाटिका को साधना स्थली बनाया। यहां राधा बाबा के साथ आध्यात्मिक शक्ति को लोक कल्याण से जोड़कर जीवन का ध्येय बनाया। वास्तव में राधा बाबा व भाई जी दो शरीर और एक आत्मा थे। उन्होंने कहा कि भाई जी की भावनाओं के अनुरूप देश का वर्तमान नेतृत्व भारत और भारतीयता, देश के मानबिन्दुओं की पुनर्स्थापना के लिए कार्य कर रहा है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम मंदिर का हो रहा निर्माण, काशी विश्वनाथ धाम, विंध्यवासिनी धाम का कायाकल्प और कुंभ का भव्य आयोजन इसके उदाहरण हैं। आज का नया भारत विरासत का सम्मान करते हुए आगे बढ़ रहा है।
सबके कल्याण की बात करता है सनातन धर्म
सीएम योगी ने कहा कि सनातन धर्म सबके व चराचर जगत के कल्याण की बात करता है। सनातन धर्म में हर जाति को संरक्षण प्राप्त है। इसने कभी किसी जाति का विरोध नहीं किया।
सनातन पर हो रहे प्रहार को लेकर रहें चौकन्ना
मुख्यमंत्री ने कहा कि सनातन धर्म पर हो रहे प्रहार को लेकर चौकन्ना होना होगा। इस पर प्रहार करने वाले वे लोग हैं जिन्हें भारत का विकास अच्छा नहीं लगता, जिन्हें देश की आध्यात्मिक और भौतिक प्रगति स्वीकार नहीं होती। ऐसे लोगों को पहचानना होगा नहीं तो सनातन को कोसने वालों की तादाद बढ़ती जाएगी।
भाई जी के प्रति श्रद्धार्चन के इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उनकी समाधि स्थली पर भी गए और पुष्पांजलि अर्पित कर अपनी श्रद्धा निवेदित की। इस दौरान मुख्यमंत्री ने मंच पर दो बच्चों को खूब दुलारा और आशीर्वाद देकर उन्हें खूब पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली के महानिदेशक प्रो. बुद्ध रश्मि मणि, हरियाणा साहित्य एवं सांस्कृतिक अकादमी के उपाध्यक्ष प्रो. कुलदीप चंद अग्निहोत्री, भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद के निदेशक (शोध एवं प्रशासन) ओम जी उपाध्याय, हनुमान प्रसाद पोद्दार स्मारक समिति के सचिव उमेश सिंहानिया, संयुक्त सचिव रसेंदु फोगला, विष्णु प्रसाद अजितसरिया, प्रमोद मातनहेलिया आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।