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Gorakhpur News: कुलपतियों के साथ बैठक में बोले मुख्यमंत्री, विशेषज्ञता का आदान-प्रदान कर विकास में योगदान दें गोरखपुर के चारों विश्वविद्यालय

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जब एक विद्यार्थी वहां से अपनी पढ़ाई पूरी करके निकले तो उसके पास सिर्फ कागजी डिग्री न रहे।

Purnima Srivastava
Published on: 28 Jan 2024 9:24 PM IST (Updated on: 28 Jan 2024 9:28 PM IST)
Gorakhpur News
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Gorakhpur News (Pic:Newstrack)

Gorakhpur News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को गोरखपुर के चारों विश्वविद्यालयों दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय तथा महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपतियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में उन्होंने सभी कुलपतियों का आह्वान किया कि यह सभी विश्वविद्यालय मिलकर पूर्वी उत्तर प्रदेश के सामाजिक, सांस्कृतिक, आर्थिक व स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास में अपना योगदान सुनिश्चित करें।

सीएम योगी ने कहा कि गोरखपुर के चारों विश्वविद्यालयों की अपनी विशिष्ट विशेषज्ञता का क्षेत्र है। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय मानविकी के क्षेत्र में, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय तकनीकी के क्षेत्र में, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यता के क्षेत्र में और महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय आयुष के क्षेत्र में विशिष्ट विशेषज्ञता वाला है। ऐसे में ये सभी विश्वविद्यालय आपस में अपनी विशेषज्ञता का आदान-प्रदान कर पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास को एक नई ऊंचाई पर ले जा सकते हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्वविद्यालयों को यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि जब एक विद्यार्थी वहां से अपनी पढ़ाई पूरी करके निकले तो उसके पास सिर्फ कागजी डिग्री न रहे। बल्कि उसे स्किल के किसी एक क्षेत्र में ऐसा दक्ष भी बनाया जाए जिससे वह रोजगार प्राप्त कर सके या खुद का रोजगार शुरू कर सके। एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट साथ-साथ चलना चाहिए।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में जो भी प्रोजेक्ट चलें उसे अध्ययन के साथ ही इनोवेशन (नवाचार) और पेटेंट के साथ भी जोड़ा जाना चाहिए। सीएम योगी ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और तकनीकी से जोड़कर कृषि को रोजगारपरक और समाज के लिए अति उपयोगी बनाया जा सकता है। वैज्ञानिक व व्यासायिक तरीके से हर्बल मेडिसिन प्लांट का उत्पादन शुरू कर अन्नदाता किसानों की आए कई गुना बढ़ाई जा सकती है। और इन सभी कार्यों में चारों विश्वविद्यालय को आगे बढ़कर अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभानी चाहिए।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सभी विश्वविद्यालय सोशल इंपैक्ट स्टडी (सामाजिक प्रभाव अध्ययन) के साथ खुद को जोड़ने के लिए आगे कदम बढ़ाए। खाद कारखाना, एम्स के निर्माण तथा गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में हो रहे तीव्र औद्योगीकरण के चलते पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसकी असीम संभावनाएं भी हैं। सोशल इंपैक्ट स्टडी से विश्वविद्यालयों और इससे जुड़े विद्यार्थियों को आर्थिक मजबूती भी मिलेगी। उन्होंने विद्यार्थियों को प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना के साथ प्रोजेक्ट वर्क से जोड़ने का भी आह्वान किया।

बैठक में मुख्यमंत्री ने विश्वविद्यालय के परिसर व इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट को लेकर भी टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर) फंड से अत्याधुनिक प्रयोगशाला, पुस्तकालय व स्टेडियम को अपने परिसर का हिस्सा बनाएं। विद्यार्थियों को नवाचार के प्रति प्रेरित करें। प्रोजेक्ट और शोध को रोजगारपरक बनाएं।

उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय परिसर का वातावरण आध्यात्मिकता के पुट में होना चाहिए। परिसर में स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए और इसे प्लास्टिक मुक्त बनाया जाए। सप्ताह में एक दिन ऐसा कोई कार्यक्रम अवश्य हो जिसमें सभी शिक्षक व विद्यार्थी स्वच्छता के अभियान से जुड़ें। ऐसा माहौल विकसित होना चाहिए कि हर विद्यार्थी के मन में अपने विश्वविद्यालय के प्रति आत्मीयता व गौरव का भाव रहे।

बैठक में दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. पूनम टंडन, मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. जेपी सैनी, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी और महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह मौजूद रहे।



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Durgesh Sharma

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