TRENDING TAGS :
Gorakhpur Festival 2024: गोरखपुर महोत्सव के समापन पर बोले सीएम योगी-आस्था पर आघात करने वालों का मिट गया नामोनिशान
Gorakhpur Festival 2024: सीएम योगी शनिवार अपराह्न तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव 2024 के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने इतिहास, लोक परंपरा और लोक संस्कृति को संजोना भारत की विशेषता है। संरक्षण की यही भावना भारत को बनाए हुए है।
Gorakhpur Festival 2024: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया के तमाम सभ्यताएं एवं संस्कृतियां समाप्त हो गईं लेकिन भारत आज भी हजारों वर्षों की सभ्यता और संस्कृति को संजोए हुए है। तमाम जंझावतों में भी विरासत को संभालने का कमाल हिंदुस्तानियों के पास है। श्रीराम हजारों वर्ष पूर्व अवतरित हुए थे लेकिन उनकी हजारों वर्षों की परंपरा से हर भारतीय जुड़ा हुआ है। विरासत को संभालने की परंपरा और इसके लिए हर स्तर के संघर्ष का ही प्रतिफल है कि 22 जनवरी को अयोध्या में प्रभु श्रीराम एक बार फिर अपने भव्य मंदिर में विराजमान होने जा रहे हैं।
सीएम योगी शनिवार अपराह्न तीन दिवसीय गोरखपुर महोत्सव 2024 के समापन समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अपने इतिहास, लोक परंपरा और लोक संस्कृति को संजोना भारत की विशेषता है। संरक्षण की यही भावना भारत को बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि अयोध्या को लक्षित कर संस्कृति और आस्था पर आघात करने वालों को परास्त और पददलित कर उनका भारतीयों ने नामोनिशान मिटा दिया और आज प्रभु श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी बनने जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पर्व व त्यौहार अद्भुत हैं। इनके जरिए उन लोगों तक भी भारतीय संस्कृति का संचार होता है जो किन्हीं कारणों से इसे जानने से वंचित रह गए हों। दीपावली, होली, रामनवमी, महाशिवरात्रि, रक्षाबंधन जैसे पर्व इसके उदाहरण हैं। इन सभी पर्वों में विशेष संदेश निहित है। इसी तरह महोत्सव को भी संदेश देने का वाहक बनना चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में हजारों वर्ष पहले भगवान राम का प्रकटीकरण हुआ फिर भी उस परंपरा को आज भी हर भारतवासी अपने मन में समेटकर रामनवमी के साथ जुड़ता है। रामनवमी पर वर्ष 2023 में अयोध्या में 35 लाख लोग आए। अयोध्या में तब न रेल सेवा अच्छी थी न एयरपोर्ट था। सड़के भी निर्माणधीन थीं। आज तो अयोध्या फोरलेन एवं सिक्स लेन की कनेक्टविटी से जुड़ चुका है। रेलवे भी डबल लाइन से जुड़ चुकी है। नये एयरपोर्ट पर एक साथ 8 विमान लैण्ड कर सकते है। आज वहां धर्मशाला एवं अच्छे होटल भी उपलब्ध है। वहां कुम्भ की तरह एक टेंट सिटी भी बसाई जा रही है। इसी प्रकार श्री कृष्ण जन्मोत्सव का कार्यक्रम भी होता है। 5 हजार वर्ष बाद भी हम उसी उत्साह से अपनी इस परम्परा को आनंद एवं उत्साह से मनाते हैं। रात्रि के 12 बजे हर जनपद, हर घर एवं हर थाने, मंदिर, में कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाता है। जेल भी इस उत्सव का मंच बनता है और ऐसा केवल भारत में ही होता है।
आध्यात्मिक, सांस्कृतिक व प्राकृतिक संसाधनों से संपन्न है पूर्वी उत्तर प्रदेश
मुख्यमंत्री ने कहा कि गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक व आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत समृद्ध रहा है। बाबा गोरखनाथ ने अपनी साधना स्थली के रूप में गोरखपुर को चुना था। भगवान बुद्ध की जन्मस्थली लुम्बनी यहां से 90 किमी की दूरी पर है। उनका परिनिर्वाण स्थल गोरखपुर से 60 किमी दूर कुशीनगर में है। संतकबीर का जन्म काशी में हुआ किन्तु अंत समय में वे मगहर आ गये। गोरखपुर से अयोध्या की एवं काशी की दूरी भी मात्र कुछ घण्टों की है। सामाजिक एवं सांस्कृतिक दृष्टि से समृद्ध यह क्षेत्र प्राकृतिक संसाधनों से भी भरपूर है। यह क्षेत्र मीठे जल की प्रचुरता से समृद्ध है। यहां की भूमि बेहद उर्वर है। धरोहर से सम्पन्न इस क्षेत्र के बारे में सबको एहसास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि पलायन की बजाय संघर्ष की प्रकृति पैदा की जानी चाहिए। परिश्रम व पुरूषार्थ का भाव होना चाहिए।
सफलता का परचम लहरा रहा गोरखपुर महोत्सव
सीएम योगी ने कहा कि यह प्रसन्नता का क्षण है कि गोरखपुर महोत्सव सफलता के परचम को लहरा रहा है। महोत्सव में अनेक कलाकरों ने अपनी प्रस्तुति देकर गोरखपुर एवं पूर्वी यूपी की जनता का इस भीषण शीतलहर में भी मनोरंजन करके उत्साहवर्धन किया। महोत्सव के पीछे की धारणा भी यही है कि हम लोक परंपरा व लोककला को प्रोत्साहित करें। नए कलाकारों को मंच प्रदान कर उन्हें आगे बढ़ने को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि गोरखपुर महोत्सव को गोरखपुर के नामकरण, इसकी विकास यात्रा, इसके महानायकों की थीम के साथ इसे आगे बढ़ाया गया है। गोरखपुर का आधुनिक विकास, नयापन एवं आजादी के लड़ाई में यहां के महानायको का योगदान आदि का उल्लेख भी इस महोत्सव के माध्यम से देखने को मिला है।
समाज आगे, सरकार उसके पीछे रहे तभी प्रगति
सीएम योगी ने कहा कि विकास केवल सरकार का ही कार्य नहीं है बल्कि इसमें समाज को भी आगे आना चाहिए। समाज आगे होगा और सरकार पीछे होगी तो प्रगति होगी। पर यदि सरकार आगे और समाज पीछे होगा तो दुर्गति होगी। हमे दुर्गति नहीं बल्कि प्रगति की ओर अग्रसर होना है। समाज को हमेशा नेतृत्वकर्ता के रूप में होना चाहिए तथा सरकार को पीछे से सपोर्ट करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर व्यवस्था ही स्वावलम्बन का आधार बनेगा और स्वावलम्बी समाज ही समृद्धि का आधार बन सकता है। इस प्रगति की दिशा में हम सबको आगे बढ़ना है।
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सीएम ने की अपील
सभी लोगों को मकर संक्रान्ति की बधाई देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मकर संक्रान्ति से लेकर 22 जनवरी तक स्वच्छता अभियान में जुड़ना हम सबका दायित्व है। गोरखपुर को स्वच्छ व प्लास्टिक मुक्त बनाने के लिए आगे आना है। उन्होंने कहा कि जिस तरह हम दिवाली व अन्य मांगलिक अवसर पर अपने घर की साफ सफाई करते है वैसे ही मकर संक्रान्ति के अवसर पर साफ सफाई करेंगे। 16 जनवरी से हर घर व देव मंदिर में रामनाम संकीर्तन का पाठ करें। 22 जनवरी को भगवान श्रीराम के प्राण प्रतिष्ठा के दिन घर की साफ सफाई के बाद अयोध्या से सीधा प्रसारण अपने घर या मंदिरों पर स्क्रीन लगाकर देंखे। उन्होंने कहा कि कई पीढ़ियों के सघर्ष के लगभग 500 वर्षो के बाद यह सुअवसर हमारे पास आया है। यह हमारे लिए सौभाग्य की बात है कि हम भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा व लीला का अवतरण अपने आंखो से देखेंगे। उस दिन प्रभु की पूजा, प्रसाद एवं गर्म कपड़ो का वितरण के साथ ग्रीन आतिशबाजी भी करे। उन्होंने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा के उपरान्त 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश का स्थापना दिवस भी मनाया जायेगा। इस दिन 1950 में प्रदेश का नामकरण हुआ था। पहले इसका नाम आगरा एवं अवध का संयुक्त प्रान्त था। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर संविधान के प्रति निष्ठा के साथ अपने नागरिक जिम्मेदारी को समझने का अवसर होगा। उन्होंने कहा कि यदि सभी प्रदेशवासी इन सब कार्यो से जुड़ते है तो यह न केवल हमारे लिए बल्कि आने वाली पीढ़ी के लिए भी सुखदायी एवं मंगलदायी होगा।
पद्मश्री सुरेश वाडकर के भजनों का लिया आनंद, रवि किशन की फिल्म का टीजर देखा
गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विख्यात गायक एवं पद्मश्री से सम्मानित सुरेश वाडकर के गाए सुमधुर भजनों का आनंद उठाया। भजन सुनने के लिए मुख्यमंत्री मुख्य मंच से उतरकर सामने लगी कुर्सियों की तरफ आ गए थे। सुरेश वाडकर ने भजन संध्या में अपनी प्रस्तुतियों की शुरुआत सीएम योगी के सामने नाथपंथ के गुरुजन की वंदना पर केंद्रित भजन 'आओ नमन करें' से की। इसके बाद उनकी प्रस्तुति 'मंगल भवन, अमंगल हारी', गंगा हमारी कहे बात ये रोते-रोते' भी मुख्यमंत्री ने सुनीं। इस अवसर पर सीएम योगी ने पांच भाषाओं में बनी सांसद व मशहूर सिने स्टार रविकिशन की फिल्म 'महादेव का गोरखपुर' के टीजर का अवलोकन भी किया। टीजर के बाद रविकिशन ने सीएम के समक्ष हनुमान चालीसा और एक रामभजन की प्रस्तुति दी।
सीएम योगी के हाथों गोरखपुर रत्न से सम्मानित हुईं दो विभूतियां
गोरखपुर महोत्सव के मुख्य मंच से सीएम योगी ने दो विभूतियों को गोरखपुर रत्न से सम्मानित किया। विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए डीआरडीओ के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं कोरोनाकाल में कोरोना के इलाज की प्रामाणिक दवा बनाने वाली टीम के लीडर डॉ अनंत नारायण भट्ट को तथा साहित्य के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रो सदानंद प्रसाद गुप्त को गोरखपुर रत्न से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री ने दोनों विभूतियों के अपने अपने क्षेत्र में दिए गए योगदान की मुक्तकंठ से सराहना की और उन्हें गोरखपुर का गौरव बढ़ाने वाला सपूत बताया। गोरखपुर रत्न से सम्मानित करने के बाद सीएम योगी ने महोत्सव की स्मारिका 'अभ्युदय' का विमोचन किया।
सीएम योगी के विजन से लगातार अपग्रेड हो रहा गोरखपुर : रविकिशन
गोरखपुर महोत्सव के समापन समारोह में सांसद रविकिशन शुक्ल ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विजन से गोरखपुर विकास के पैमाने पर लगातार अपग्रेड हो रहा है। उनके मार्गदर्शन में यहां आयोजित होने वाला गोरखपुर महोत्सव ज्ञान, विज्ञान एवं मनोरंजन का संगम सा दिखते हुए नई ऊंचाइयों को छू रहा है। स्वागत संबोधन में मंडलायुक्त एवं महोत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल ढींगरा ने आयोजन के विभिन्न पहलुओं की विस्तार से जानकारी दी।