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Gorakhpur News: जांच कमेटी के सामने फूट फूटकर रोए प्रोफेसर, बोले - स्टूडेंट बेटी जैसी, छात्रा बोली - नौंटकी है ये गुरु
Gorakhpur News: प्रोफेसर ने कमेटी के सामने नशे में होने की बात को स्वीकारी, लेकिन यौन उत्पीड़न के आरोपों को पूरी तरह नकार दिया। आरोप लगाने वाली छात्रा को भी बुलाकर बयान दर्ज किया गया है।
Gorakhpur News: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आशिक मिजाज प्रोफेसर के निलंबन के बाद नई जांच कमेटी ने पूछताछ शुरू कर दी है। शुक्रवार को देर शाम तक चले पूछताछ के दौरान यौन उत्पीड़न के आरोपी शिक्षक फूट-फूटकर रोने लगे। रोते हुए उन्होंने जांच कमेटी के सामने कहा कि ऑडियो सुनें। स्टूडेंट को बेटी कह रहा हूं। दूसरी तरफ प्रोफेसर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली छात्रा का कहना है कि गुरु पूरा नौटंकी है। शराब के नशे में उसने 23 मिनट तक अश्लील बातें की। इसकी करतूत को सार्वजनिक करने के सिवा कोई विकल्प नहीं बचा था। माना जा रहा है कि शनिवार को भी प्रोफेसर कमेटी के सामने पेश होंगे।
कुलपति के निर्देश पर कुलसचिव ने आदेश जारी करते हुए प्रोफेसर की करतूतों की जांच के लिए प्राचीन इतिहास विभाग की प्रो. प्रज्ञा चतुर्वेदी को आईसीसी का अध्यक्ष बनाया है। अंग्रेजी विभाग के प्रो. अवनीश राय, मनोविज्ञान की डॉ रश्मि रानी, विधि विभाग की डॉ समुनलता चौधरी, लेखा विभाग से मीनावती कनौजिया, भौतिक विज्ञान विभाग के पुनीत भारती सदस्य बनाए गए हैं। मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि बाहरी सदस्य के रूप में नामित किए गए हैं। शुक्रवार को कमेटी ने करीब ढाई घंटे तक प्रोफेसर से पूछताछ की। प्रोफेसर ने कमेटी के सामने नशे में होने की बात को स्वीकारी, लेकिन यौन उत्पीड़न के आरोपों को पूरी तरह नकार दिया। आरोप लगाने वाली छात्रा को भी बुलाकर बयान दर्ज किया गया है। समिति छात्राओं और आरोपी के बयान के आधार पर अपनी रिपोर्ट विश्वविद्यालय प्रशासन को सौंपेगी।
परिसर में शिक्षक का प्रवेश हुआ बंद
स्नातक छात्रा के यौन शोषण के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित करने के बाद कई बंदिशें लगा दी गई हैं। कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने इस सम्बंध में जारी आदेश में कहा है कि विश्वविद्यालय परिनियमावली के परिनियम संख्या 16.04 एवं उसके उपबन्ध (ई) के प्रावधान के अन्तर्गत अध्यनरत छात्रा द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोप की जांच के लिए अगले आदेश तक तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में असिस्टेंट प्रोफेसर का शैक्षणिक परिसर में प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। निलंबन की अवधि के दौरान वे कुलसचिव कार्यालय से सम्बद्ध रहेंगे।
छात्रा और सहेली दोनों के साथ बैडटच
डीडीयू के स्नातक की छात्रा ने विज्ञान संकाय के एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर फेवर मांगने का सनसनीखेज आरोप लगाया है। कुलाधिपति, महिला आयोग, प्रमुख सचिव उच्च शिक्षा और डीडीयू प्रशासन से किए गए दो पन्ने की शिकायत में उसने दावा किया है कि उसके पास शिक्षक का 23 मिनट के फोन काल की रिकॉर्डिंग है। वे पूरी तरह नशे में हैं। शिक्षक द्वारा छात्रा और उसकी सहेली के साथ बैडटच का भी आरोप लगाया है।