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Gorakhpur News: दूसरे यूनिवर्सिटी और कॉलेजों के छात्रों के प्रवेश में भेदभाव को डीडीयू ने किया खत्म, इन्हें मिलता रहेगा वेटेज

Gorakhpur News: डीडीयू में विद्यार्थियों के लिए वेटेज 5 प्रतिशत और सम्बद्ध कॉलेजों के छात्रों के लिए 2 प्रतिशत वेटेज दिया जाता था।

Purnima Srivastava
Published on: 31 Jan 2024 8:03 AM IST (Updated on: 31 Jan 2024 8:14 AM IST)
DDU admission
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DDU admission  (photo:social media )

Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के परास्नातक प्रवेश में मेधावी छात्रों को प्रवेश देने के लिए वेटेज सिस्टम खत्म कर दिया गया है। अब विद्यार्थी किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज से स्नातक हो उसे परीक्षा में प्राप्तांक के आधार पर ही प्रवेश दिया जाएगा। प्रवेश समिति की बैठक में इस पर मुहर लगने के बाद छात्रों ने राहत महसूस की है।

डीडीयू में विद्यार्थियों के लिए वेटेज 5 प्रतिशत और सम्बद्ध कॉलेजों के छात्रों के लिए 2 प्रतिशत वेटेज दिया जाता था। जबकि दूसरे विश्वविद्यालय से स्नातक उत्तीर्ण विद्यार्थियों को कोई वेटेज नहीं मिलता था। कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने भेदकारी नीति को हटाने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में इंजीनियरिंग के कम्प्यूटर साइंस, बीएससी कृषि, एमबीए, बीबीए, बीकॉम बैंकिंग एंड इंश्योरेंस में एक-एक सेक्शन बढ़ाने पर प्रवेश समिति ने मुहर लगा दी। इसके अन्तर्गत करीब 75-75 अतिरिक्त विद्यार्थियों को प्रवेश मिल सकेगा। अब साइंस से स्नातक करने वाले छात्र भी आर्ट्स विषयों से परास्नातक की पढ़ाई कर सकेंगे। यानी विज्ञान स्नातक का छात्र इतिहास या भूगोल जैसे विषयों से परास्नातक में प्रवेश हासिल कर सकता है। कुलसचिव प्रो. शांतनु रस्तोगी ने बताया कि एनसीसी कैडेट्स और एनएसएस स्वयंसेवकों आदि को दो प्रतिशत वेटेज दिए जाने का प्रावधान है। यह मिलता रहेगा। छात्राओं को भी दो प्रतिशत वेटेज मिलता रहेगा। डीडीयू कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने बताया कि प्रवेश के समय में वेटेज दिए जाने में भारी असमानता थी। इसे देखते हुए प्रवेश समिति ने इसे समाप्त करने का निर्णय लिया है। सर्वाधिक मांग वाले स्ववित्तपोषित पाठ्यक्रमों में एक-एक सेक्शन बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। अब बीएससी व बीकॉम के बाद विद्यार्थी एमए कर सकेंगे।

डीडीयू ने एनआईआरएफ में रैंक को किया आवेदन

डीडीयू की कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने मंगलवार को एनआईआरएफ (नेशनल इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क) के लिए आवेदन सबमिट कर दिया। उन्होंने आवेदन के बाद उम्मीद जताई कि नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस के बाद एनआईआरएफ में भी डीडीयू बेहतर रैंक हासिल करेगा। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय अकादमिक उत्कृष्टता के लिए निरंतर उठाए गए कदमों एवं सफलताओं का श्रेय कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री द्वारा प्रदान किए गए निरंतर मार्गदर्शन को दिया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा वर्ष 2015 में एनआइआरएफ रैंकिंग की शुरुआत के बाद डीडीयू ने पहली बार वर्ष 2017 में इसमें प्रतिभाग किया था। उसके बाद चार वर्ष तक आवेदन नहीं किया गया। वर्ष 2022 में आवेदन हुआ लेकिन रैंकिंग में स्थान नहीं मिला। वर्ष 2023 में नैक से ए प्लस प्लस मिलने के चंद दिनों बाद ही डीडीयू प्रशासन ने सभी तैयारियों के बाद अंतिम समय में हाथ खड़ा कर दिया था। 2023 को पदभार संभालने के बाद कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने रैंकिंग सेल की स्थापना की। सेल के प्रयास से विश्वविद्यालय ने सीमैगो इंस्टीट्यूशंस रैंकिंग में समग्रता में 190वीं रैंक हासिल की और भारत के 268 उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच अपना स्थान बनाया।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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