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DDU News: कुलपति ने अधिष्ठातागणों के साथ की बैठक, छात्रहित के मुद्दों पर की चर्चा

Gorakhpur News: बैठक में छात्रों के प्रवेश से लेकर परिणाम तक सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसमें स्नातक तथा परास्नातक प्रवेश परीक्षा के समन्वयक समेत अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहें।

Durgesh Sharma
Written By Durgesh Sharma
Published on: 21 Sept 2023 10:19 PM IST
Gorakhpur News
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DDU News(Pic:DDU)

Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. पूनम टंडन की अध्यक्षता में आज अधिष्ठातागणों की बैठक आयोजित की गई। बैठक में छात्रों के प्रवेश से लेकर परिणाम तक सभी मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। इसमें स्नातक तथा परास्नातक प्रवेश परीक्षा के समन्वयक समेत अन्य पदाधिकारी भी मौजूद रहे। बैठक में कुलपति ने छात्रों से संबंधित सभी प्रमुख विषयों पर जानकारी ली। प्रवेश प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करने तथा कक्षाओं के सुचारू संचालन पर जोर दिया।

कुलपति ने जोर देकर कहा कि छात्रों से जुड़े सभी मुद्दों का तत्काल समाधान किया जाए। इसके साथ ही सभी संकायों के विकास पर भी विस्तृत चर्चा की गई। बैठक में कुलसचिव प्रो शांतनु रस्तोगी, परीक्षा नियंत्रक तथा वित्त अधिकारी भी मौजूद रहे।

नाथपंथ के जीवंत केंद्र के रूप में स्थापित हो महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ: कुलपति

कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने महाराणा प्रताप परिसर स्थित महायोगी गुरु श्रीगोरक्षनाथ शोधपीठ भवन का निरीक्षण किया। इसके बाद कुलपति ने शोधपीठ के उपनिदेशक, सहायक निदेशक तथा शोधकर्ताओं के साथ बैठक करते हुए शोधपीठ को नाथपंथ पर मौलिक शोध करने पर जोर दिया। प्रो टंडन ने कहा कि गोरखपुर शहर नाथपंथ का प्रमुख केंद्र है ऐसे में शोधपीठ नाथपंथ पर आधारित सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक गतिविधियों को आयोजित करें। शोधपीठ को नाथपंथ के जीवंत केंद्र के रूप में विकसित करें। कुलपति ने कहा कि शोधपीठ को धर्म, नैतिकता एवं दर्शन की प्रतिष्ठित पत्रिकाओं में शोधपत्र प्रकाशित करें। उन्होंने शोध अध्येताओं को स्कोपस इनडेक्स में शोधपत्र प्रकाशित करने को कहा।


प्रो टंडन ने कहा कि शोधपीठ में संसाधनों की कमी को शीघ्र ही पूरा किया जायेगा। बैठक में कुलपति के समक्ष 2018 में शोधपीठ की स्थापना के बाद सम्पन्न हुये कार्यों तथा आगामी वर्षों में सम्पन्न होने वाले कार्यों की रूपरेखा पावर पॉइंट प्रजेंटेसन के माध्यम से प्रस्तुत किया गया।भारत-नेपाल मे चल रहे नाथ पंथ से संबंधित कार्यों का संकलन करने, नाथ पंथ पर आधारित इनसाइक्लोपीडिया पर कार्य करने के साथ ही विभिन्न अवधि के प्रमाणपत्रीय पाठ्यक्रमों का शुभारम्भ किया जाएगा।



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