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Gorakhpur: यौन शोषण के आरोपी असिस्टेंट प्रोफेसर निलंबित, नई जांच कमेटी को मिली ये जिम्मेदारी
Gorakhpur News: कुलपति ने असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित करते हुए पूरी जांच कमेटी को ही बदल दिया है। प्राचीन इतिहास विभाग की प्रो. प्रज्ञा चतुर्वेदी को आईसीसी का अध्यक्ष नामित किया गया है।
Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में असिस्टेंट प्रोफेसर द्वारा विभाग टाप कराने के नाम पर छात्रा से यौन शोषण के मामले में कुलपति प्रो.पूनम टंडन ने बड़ी कार्रवाई की है। कुलपति ने असिस्टेंट प्रोफेसर को निलंबित करते हुए पूरी जांच कमेटी को ही बदल दिया है। प्राचीन इतिहास विभाग की प्रो. प्रज्ञा चतुर्वेदी को आईसीसी का अध्यक्ष नामित किया गया है।
प्रो. प्रज्ञा चतुर्वेदी को आईसीसी का कमान
शुक्रवार को कुलपति प्रो. पूनम टंडन द्वारा आदेश में आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) की पूरी टीम को भी बदल दिया गया है। प्राचीन इतिहास विभाग की प्रो. प्रज्ञा चतुर्वेदी को आईसीसी का अध्यक्ष नामित किया गया है। सात सदस्यीय समिति का पुनर्गठन किया गया है। डीडीयू प्रशासन के मुताबिक समिति का कार्यकाल पूरा होने के बाद नई समिति गठित की गई है। इस मामले को लेकर शुक्रवार को भी विश्वविद्यालय में धरना प्रदर्शन का दौर जारी रहा।
समाजवादी छात्र सभा ने डीडीयू के मेन गेट के साथ ही प्रशासनिक भवन पर भी जमकर प्रदर्शन किया। गुरुवार को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और दिशा छात्र संगठन ने प्रदर्शन करते हुए विवि प्रशासन की कार्यशैली पर गम्भीर सवाल खड़े किये थे। विद्यार्थी परिषद ने कहा कि महिला कुलपति के पद पर आसीन होते हुए छात्रा का यौन शोषण होना और इसके बाद भी कार्रवाई नहीं होना सवाल खड़े करता है।
शराब के नशे में प्रोफेसर ने 23 मिनट तक की अश्लील बातें
बीए की छात्रा ने आईसीसी को शिकायती पत्र देकर शिक्षक पर यौन और मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया है। उसका दावा है कि उसके पास शिक्षक ने 21 दिसंबर की रात फोन कर शिक्षक ने 23 मिनट तक अश्लील बातें की थी। उस बातचीत की रिकॉर्डिंग भी छात्रा के पास है। छात्रा ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर वह साक्ष्य देने के लिए तैयार है। छात्रा ने न्याय नहीं मिलने पर आत्महत्या की चेतावनी भी दी है।
‘कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट’ गठित करने की उठी थी मांग
दिशा छात्र संगठन इस शर्मनाक घटना पर खेद प्रकट करते हुए ‘कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेंट’ गठित करने की मांग की थी। संगठन की मांग थी कि आरोपी शिक्षक को तत्काल बर्खास्त किया जाय और इनके ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज कर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाये। ऐसे मामलों को संज्ञान में आते ही उनको गम्भीरता से लिया जाये और अविलम्ब जाँच-पड़ताल पूरी करके आरोपी को कठोरतम दण्ड मिले।
विश्वविद्यालय में लड़कियों की निजता और सुविधा की दृष्टि से अलग हॉल और टॉयलेट्स खोले जायें और उनका उचित प्रबन्धन किया जाये। विश्वविद्यालय परिसर में आये दिन छेड़छाड़ व यौन उत्पीड़न की घटनाएँ होती हैं। ‘कमेटी अगेंस्ट सेक्सुअल हैरेसमेण्ट’ गठित किया जाय, इसे जाँच व कार्रवाई की शक्ति दी जाय, इसकी एक हेल्पलाइन जारी कर सभी छात्र-छात्रओं को इससे अवगत कराया जाय।