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Gorakhpur News: AVBP के राष्ट्रीय अधिवेशन के भूमि पूजन का निमंत्रण देकर विवादों में फंसी DDU की कुलपति, कांग्रेस ने घेरा
Gorakhpur News: गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो.पूनम टंडन की तरफ से आमंत्रण को लेकर हंगामा मच गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कुलपति आरएसएस का एजेंडा छात्रों पर थोपना चाहती हैं।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में प्रस्तावित अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के 70वें राष्ट्रीय अधिवेशन निमित्त भूमि पूजन समारोह के बाबत गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रो.पूनम टंडन की तरफ से आमंत्रण को लेकर हंगामा मच गया है। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि कुलपति आरएसएस का एजेंडा छात्रों पर थोपना चाहती हैं। राजनीतिक दल से जुड़े संगठन का आमंत्रण देना किसी भी कुलपति के लिए शर्मनाक है।
बता दें कि राष्ट्रीय अधिवेशन को लेकर भूमि पूजन 8 नवम्बर को होना था। जिसे लेकर विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रो शांतनु रस्तोगी ने रात में 11:44 बजे पोस्ट किया। जिसके बाद ट्रोलिंग शुरू हुई तो पोस्ट को रात में ही डिलीट कर दिया गया। इसके बाद प्रो शांतनु रस्तोगी ने खेद प्रकट करते हुए रात में 12:35 बजे कहा है कि यह गलती से चला गया था। इससे कुलपति का कोई लेना-देना नहीं है। पोस्ट भले ही डिलिट हो गया लेकिन सियासी गलियारे में इसे लेकर बखेड़ा खड़ा हो गया है। यूपी कांग्रेस के उपाध्यक्ष विश्वविजय सिंह ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में छात्र संघों को खत्म कर दिया गया है। अब वहां विरोध का सुर नहीं दिख रहा है। ऐसे में भाजपा कुलपतियों से आरएसएस के एजेंडों को अमल में ला रही है। एक राजनीतिक दल के जुड़े संगठन के कार्यक्रम का आमंत्रण देना कुलपति के लिए शर्मनाक है।
गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा राजनैतिक दल से जुड़े छात्र संगठन के कार्यक्रम का निमंत्रण देना शर्मनाक है।
— Vishwavijay Singh وشواوجے سنگھ (@VishwavijayINC) November 8, 2024
जनता के पैसे से स्टेट फंडिंग विश्वविद्यालय के कुलपति का संघ के टूल के रूप में काम करना दुर्भाग्यपूर्ण है!
भाजपा सरकार कुलपतियों के माध्यम से विश्वविद्यालयों के… pic.twitter.com/66W5R08urq
कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने भी घेरा
कांग्रेस जिलाध्यक्ष निर्मला पासवान का कहना है कि गोरखपुर यूनिवर्सिटी की कुलपति एक राजनीतिक दल के छात्र संगठन के कार्यक्रम का निमंत्रण दे रही हैं। जनता के पैसे से स्टेट फंडिंग विश्वविद्यालय के कुलपति का संघ के टूल के रूप में काम करना दुर्भाग्यपूर्ण है। एक राजनीतिक दल को इस प्रकार खुलेआम समर्थन देना कुलपति पद की गरिमा और निष्पक्षता के लिहाज से अत्यंत आपत्तिजनक कृत्य है। जिसकी घोर निंदा की जाती है, यह बहुत ही निंदनीय है। भाजपा सरकार कुलपतियों के माध्यम से विश्वविद्यालय में संघीकरण करने में लगी है, जो शर्मनाक है। कुलपति माफी मांगे। जिला कांग्रेस कमेटी घर निंदा करती है। कांग्रेस इसका सड़क तक विरोध करेगी।
DDU ने जारी किया स्पष्टीकरण
विश्वविद्यालय प्रशासन यह स्पष्ट करना चाहता है कि ABVP ने कुलपति को एक मेहमान के रूप में अपने कार्यक्रम में आमंत्रित किया था। विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम का मेज़बान नहीं है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने ABVP की ओर से कोई निमंत्रण नहीं भेजा है। यदि कोई संदेश इस संदर्भ में प्रसारित हो रहा है, तो वह कुलपति की स्वीकृति के बिना है।