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Gorakhpur News: गाय केंद्रित है प्राकृतिक खेती की परिकल्पना से समृद्ध होगा देश, बोले डॉ. अनिल त्रिपाठी

Gorakhpur News: डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि हमारे पूर्वज वर्षों पूर्व भी समकालीन कृषि के उन्नत विधाओं की जानकारी रखते थे। वे उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से कृषि का परिचालन करते थे।

Purnima Srivastava
Published on: 16 Nov 2024 5:09 PM IST
Dr. Anil Tripathi said that the country will prosper with the concept of natural farming centered on cows
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गोरखनाथ विश्वविद्यालय में बोलते डाक्टर अनिल त्रिपाठी: Photo- Newstrack

Gorakhpur News: महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कृषि संकाय में शनिवार को आयोजित 'गौ आधारित प्राकृतिक खेती' विषयक व्याख्यान में केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय इम्फाल के पूर्व अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने कहा कि गाय पारंपरिक भारतीय कृषि प्रणाली की आधार है। प्राकृतिक खेती की परिकल्पना ही गाय केंद्रित है।

वर्तमान की आवश्यकता है प्राकृतिक खेती

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि हमारे पूर्वज वर्षों पूर्व भी समकालीन कृषि के उन्नत विधाओं की जानकारी रखते थे। वे उपलब्ध संसाधनों के माध्यम से कृषि का परिचालन करते थे, जिसमें बीजामृत, जीवामृत, ब्रह्मास्त्र, नीमास्त्र व अग्निस्त्र जैसी विधियों से बीज शोधन, कीट प्रबंधन व मृदा संरक्षण आदि कार्य किए जाते थे। यह सब कुछ प्रकृति के अनुकूल था।

उन्होंने कहा कि वर्तमान की आवश्यकता को समझते हुए भारत सरकार प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित कर रही है। वर्तमान में भारत खाद्यान्न के मामले में आत्मनिर्भर होने के साथ-साथ अन्य देशों को अनाज निर्यात कर रहा है।

डॉ. त्रिपाठी ने कहा कि सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में एक करोड़ किसनों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिससे किसान प्राकृतिक खेती के वैज्ञानिक प्रणाली को अपना सकें व जनमानस तक स्वस्थ आहार उपलब्ध करा सकें। व्याख्यान के दौरान अधिष्ठाता कृषि संकाय डॉ. विमल कुमार दुबे, डॉ. सरस्वती प्रेम कुमारी, डॉ. नवनीत सिंह, डॉ. कुलदीप सिंह व डॉ. विकास यादव तथा समस्त विद्यार्थी उपस्थित रहे।



Shashi kant gautam

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