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Drug Alert: हिमाचल में ऑर्डर पर बन रही दवाएं, एसिडिटी और हार्ट अटैक में दी जाने वाली दवाओं का सैंपल फेल

Drug Alert: एंटीबायोटिक और दिल की दवा के नमूने भी फेल ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि गैस की दवा के अलावा एंटीबायोटिक इंजेक्शन जेंटामाइसिन के नमूने फेल हुए हैं। इसे सर्जरी के दौरान दिया जाता है।

Purnima Srivastava
Published on: 31 March 2024 9:08 AM IST
Drug Alert
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सांकेतिक तस्वीर (सोशल मीडिया)

Drug Alert: पूर्वांचल का गोरखपुर दवाओं की सबसे बड़ी मंडी है। ज्यादातर डॉक्टरों की अपनी दवा कंपनियां हैं। वहीं, तमाम ऐसे भी हैं जिन्हें चिकित्सा का कोई ज्ञान नहीं है, बावजूद दवा की कंपनी खोल रखी है। इसी का नतीजा है कि बाजार में अधोमानक दवाओं की भरमार है। ड्रग विभाग के आकड़े बता रहे हैं कि हिमाचल में बनी दवाओं के नमूने खूब फेल हुए हैं। इसमें सर्वाधिक दवाएं एसिडिटी और ब्लड प्रेशर की हैं। कुछ दवाएं ऐसी भी हैं जो हार्ट अटैक के समय दी जाती हैं।

ड्रग विभाग ने गोरखपुर जिले में वर्ष 2023-24 में 197 दवाओं के नमूने लिए। जिन 144 दवाओं की रिपोर्ट विभाग को मिली है उनमें से आठ अधोमानक मिली हैं। आठ में चार दवाएं एसिडिटी की हैं। इन दवाओं को लोग केमिस्ट की दुकानों से खुद ले लेते हैं। ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने बताया कि गैस, कब्ज, खट्टी डकार के इलाज में प्रयोग किए जाने वाली दवाएं इस श्रेणी में आती हैं। विभाग की जांच में रैबीटाइम डीएसआर, रैएबी डीएसआर, रेबिस्ट डीएसआर और राबीजोल डीएसआर के नमूने मानक पर खरे नहीं उतरे हैं। रिपोर्ट के मुताबिक उनके नमूनों में तय मानक से कम पावर की दवाएं मिली हैं। इसी के साथ स्टेरॉयड के इंजेक्शन के नमूने भी फेल हुए हैं।

हार्टअटैक में दी जाने वाली दवा का भी नमूना फेल

एंटीबायोटिक और दिल की दवा के नमूने भी फेल ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि गैस की दवा के अलावा एंटीबायोटिक इंजेक्शन जेंटामाइसिन के नमूने फेल हुए हैं। इसे सर्जरी के दौरान दिया जाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता बिगड़ने के कारण होने वाले आटोइम्यून बीमारियों में हाइड्रोकॉर्टिसोन स्टेरॉइड इंजेक्शन दिया जाता है। यह दवा तेजी से बढ़ रही रोग प्रतिरोधक क्षमता को नियंत्रित करता है। इसका भी नमूना फेल हो गया है। हार्ट अटैक, उच्च रक्तचाप या ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों में रक्तचाप नियंत्रण के लिए दी जाने वाली टेल्गोसाल 20 एमजी का नमूना भी फेल हुआ है। एंटीबायोटिक टेबलेट सिफाडॉक्स सीवी का नमूना भी मानक के मुताबिक नहीं मिला है। 136 दावों के नमूने मानक के मुताबिक मिले हैं। अभी भी 53 दवाओं के नमूनों की रिपोर्ट विभाग को नहीं मिली है।

हाईस्कूल फेल हैं दवा कंपनी के मालिक

गोरखपुर में दवा का चोखा धंधा कईयों को करोड़पति बना चुका है। हाईस्कूल फेल लोग भी दवा कंपनी के मालिक बन चुके हैं। विभाग और चिकित्सकों की मिलीभगत से ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो दवा कंपनी के मालिक बन बैठे हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने बताया कि जिन दावों के नमूने मानक के मुताबिक नहीं मिले हैं। उनमें से ज्यादातर ने हिमाचल प्रदेश की निर्माता कंपनियों से दवाओं को बनवाया है। यह सब जेनेरिक फर्म की दवाएं हैं। इन दावाओं में रैपर पर दावा किए गए मानक के मुताबिक उसमें क्षमता नहीं मिली है। सभी दवाओं को अधोमानक की श्रेणी में रखा गया है। इस संदर्भ में संबंधित प्रांत के अधिकारियों को भी सूचित किया जा चुका है। लेकिन सवाल यह है कि इन कंपनी के मालिकों पर कोई कार्रवाई होगी या नहीं?



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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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