TRENDING TAGS :
Gorakhpur News: स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता के लिए ‘हर सुबह गुणवत्ता के नाम’ अभियान, सीएम योगी की मंशा से शुरू हुआ नवाचार
Gorakhpur News: सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे की पहल पर ‘हर सुबह गुणवत्ता के नाम’ नवाचार शुरू किया गया है। इस नवाचार के जरिये स्वास्थ्य इकाई से लेकर जिला स्तर तक की सभी इकाइयों पर प्रतिदिन पंद्रह मिनट क्वालिटी चेकलिस्ट पर कार्य करने को कहा गया है।
Gorakhpur News: भारत सरकार और प्रदेश सरकार का प्रयास है कि वर्ष 2026 के अंत तक सभी स्वास्थ्य इकाइयों का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस सर्टिफिकेशन (एनक्वास) हो जाए। ऐसे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा को धरातल पर उतारने के लिए गोरखपुर यह लक्ष्य पूरा करने के लिए सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे की पहल पर ‘हर सुबह गुणवत्ता के नाम’ नवाचार शुरू किया गया है। इस नवाचार के जरिये स्वास्थ्य इकाई से लेकर जिला स्तर तक की सभी इकाइयों पर प्रतिदिन पंद्रह मिनट क्वालिटी चेकलिस्ट पर कार्य करने को कहा गया है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि मंडलीय क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ जसवंत कुमार मल्ल के सहयोग से यह पहल गोरखपुर जिले में हुई है। सभी ब्लॉकों से कहा गया है कि मरीजों व लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण सुरक्षित चिकित्सकीय उपचार देना सुनिश्चित करें, क्योंकि यह उनका अधिकार है। उन्हें गुणवत्तायुक्त चिकित्सकीय सेवा पाने का भी अधिकार है। साथ ही सभी मरीजों व लाभार्थियों को गुणवत्तापूर्ण तरीके से आईईसी, वेलनेस एक्टिविटी, वीएचएनडी, छाया वीएचएसएनडी, एचबीएनसी आदि सेवाएं और चिकित्सकीय कार्यक्रमों की जानकारी और लाभ मिलना चाहिए। साथ ही प्रत्येक स्वास्थ्यकर्मी को संक्रमण मुक्त गुणवत्तायुक्त सुरक्षित वातावरण में कार्य करने का अधिकार है। यह तभी संभव है, जबकि शत प्रतिशत स्वास्थ्य इकाइयों का एनक्वास करा लिया जाए। इसके लिए प्रतिदिन प्रयास करना होगा। सीएमओ डॉ. दूबे ने बताया कि प्रमुख सचिव स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण पार्थ सारथी सेन शर्मा के स्तर से क्वालिटी कार्यक्रम को सुदृढ़ बना कर एनक्वास सर्टिफिकेशन के लक्ष्य को पूरा करने का निर्देश मिला है। उनके निर्देशों के क्रम में ही ‘‘हर सुबह गुणवत्ता के नाम’’ पहल की गई है।
मंडलीय क्वालिटी एश्योरेंस कंसल्टेंट डॉ.जसवंत कुमार मल्ल का कहना है कि इस नवाचार के जरिये चार माह में एनक्वास कराना संभव है। इसके तहत रोज अपने कार्यों की मॉनीटरिंग कर कमियों को डायरी में लिखना है और कार्ययोजना बना कर संबंधित अधिकारी और कर्मचारी से चर्चा करनी है। नियमित मॉनीटरिंग, चर्चा और गैप को दूर करके प्रत्येक सेवा को क्वालिटी के मानकों तक लाया जा सकता है। इसके लिए टीम भावना के साथ कार्य करना होगा। इस नवाचार में जिला स्तर पर डीपीएम व डीसीपीएम, ब्लॉक स्तर पर बीपीएम व बीसीपीएम और चिकित्सा इकाई स्तर पर विभागीय नोडल व सीएचओ की जिम्मेदारी तय की गई है ।
ऐसे हो रहा है काम
जिला क्वालिटी एश्योरेंस प्रोग्राम के गोरखपुर प्रभारी विजय कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि सीएमओ से प्राप्त दिशा निर्देशों के अनुसार डीपीएम और डीसीपीएम को प्रतिदिन दो ब्लॉक का अनुश्रवण कर संबंधित अधिकारी और क्वालिटी कंसल्टेंट से चर्चा करनी है। ब्लॉक स्तर पर बीपीएम किसी भी एक चिकित्सा इकाई और बीसीपीएम दो सीएचओ के कार्यों का अनुश्रवण कर गैप्स दूर कराएंगे। चिकित्सा इकाई स्तर पर विभागीय नोडल और सीएचओ को कम से कम 20 चेकप्वाइंट पर काम करना है। उन्हें आउटकम इंडीकेटर या केआईपी डेटा भी एचएमआईएस से पूरा करना है । साथ ही गैप्स के बारे में संबंधित अधिकारियों और क्वालिटी कंसल्टेंट से चर्चा भी करनी है।