Gorakhpur News: गांव में दीवारों पर विज्ञापन पर लगेगा शुल्क, ये व्यवसाय भी लाइसेंस शुल्क के दायरे में

Gorakhpur News: घर, दुकान की दिवारों पर विज्ञापन करने पर 200 रुपये प्रतिवर्ग फुट की दर से शुल्क जिला पंचायत को अदा करना होगा।

Purnima Srivastava
Published on: 23 Oct 2024 3:22 PM GMT (Updated on: 23 Oct 2024 3:24 PM GMT)
Gorakhpur News  ( Pic- News Track)
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Gorakhpur News  ( Pic- News Track)

Gorakhpur News: नगर निगम और टाउन एरिया की तर्ज पर जिला पंचायत भी अपने क्षेत्र में विज्ञापन करने वालों के साथ ही 35 नये तरीके के कारोबार पर शुल्क वसूलेगा। जिला पंचायत विभाग ने विभिन्न राजमार्ग और संपर्क मार्गों पर विज्ञापन करने पर शुल्क निर्धारित करते हुए महीने भर के अंदर लोगों से आपत्ति मांगी है। दरें लागू होने के बाद हाईवे किनारे की दिवारों पर विज्ञापन पर हर साल 200 वर्ग फुट के हिसाब से शुल्क अदा करना होगा।

जिला पंचायत विभाग के अपर मुख्य अधिकारी द्वारा विज्ञापनों को लेकर नियमावली बनाई गई है। जिसके मुताबिक, गोरखपुर से लखनऊ, वाराणसी, सोनौली, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज और पिपराइच रोड पर विज्ञापन पट्टिका लगाने पर प्रतिवर्ष 75 रुपये प्रति वर्ग फुट के हिसाब से शुल्क देना होगा। वहीं कियोस्क पर विज्ञापन करने पर हर महीने 75 रुपये वर्ग फुट की दर से शुल्क देना होगा। घर, दुकान की दिवारों पर विज्ञापन करने पर 200 रुपये प्रतिवर्ग फुट की दर से शुल्क जिला पंचायत को अदा करना होगा। किसी मकान के छत या दिवार पर विज्ञापन हो रहा है तो इसका जिम्मेदार मालिक होगा। इसके साथ ही जनपदीय मार्गों पर भी विज्ञापन के लिए शुल्क देना होगा। विज्ञापन पट्टिका पर प्रति वर्ष 50 रुपये, कियोस्क पर प्रति महीने 50 रुपये वर्ग फुट और वाल राइटिंग 150 रुपये वर्ग फुट की दर से शुल्क का भुगतान करना होगा।

नियमावली के मुताबिक, प्रत्येक तीन वर्ष शुल्क में 15% की बढ़ोतरी की जाएगी। नियमावली के मुताबिक, सरकारी विज्ञापन शुल्क से मुक्त होंगे। जिस तरह नगर निगम और नगर पंचायत में विज्ञापन को लेकर फर्मों को लाइसेंस लेना होता है, उसकी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में विज्ञापन के लिए जिला पंचायत विभाग फर्मों को लाइसेंस देगा। जिला पंचायत में पंजीकृत फर्म ही विज्ञापन कर सकेंगे।जिला पंचायत के अपर मुख्य अधिकारी विनोद कुमार सिंह का कहना है कि जिला पंचायत क्षेत्र में राजमार्गों के साथ संपर्क मार्ग पर वाल राइटिंग, होर्डिंग से लेकर कियोस्क पर विज्ञापन की दरें निर्धारित कर एक महीने के अंदर आपत्तियां मांगी गई हैं। नियमावली के लागू होने से जिला पंचायत की आय बढ़ेगी। जिससे विकास कार्यों में मदद मिलेगी। औपचारिकता पूरी होने के बाद नियमावली को लागू किया जाएगा।

35 नये व्यवसाय भी लाइसेंस शुल्क के दायरे में

ग्रामीण क्षेत्रों में व्यवसाय करने वाले लोगों को अब लाइसेंस शुल्क के नाम पर अधिक धनराशि चुकानी होगी। जिला पंचायत ने 134 प्रकार के व्यवसायों के लिए लाइसेंस शुल्क डेढ़ से दो गुणा तक बढ़ा दिया गया है। कपड़े के लिए फेरी लगाने से लेकर पंचर बनाने की दुकान चलाने वालों के लाइसेंस शुल्क में बढ़ोत्तरी की गई है। जिला पंचायत ने पुरानी एवं नई दरें सार्वजनिक करते हुए एक महीने के भीतर आपत्तियां आमंत्रित की हैं। जिला पंचायत ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले व्यापार से लाइसेंस शुल्क वसूलता है। हर वर्ष यह शुल्क दुकानदारों से लिया जाता है। इससे पहले 2017 में यह दरें संशोधित की गई थीं।

कपड़े की दुकान, किराना की दुकान, बिसाता, मेडिकल स्टोर, नर्सिंग होम, कास्मेटिक, साइकिल मरम्मत, आभूषण की दुकान, जलौनी लकड़ी के व्यवसाय, घड़ी के मरम्मत का व्यवसाय करने वालों से भी लाइसेंस शुल्क बढ़ाकर लिया जाएगा। जिला पंचायत अधिकारी के मुताबिक, अब वाटर पार्क, स्टेडियम, रिजार्ट, इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशन, सीएनजी पंप, रेस्टोरेंट एवं बार, ग्राहक सेवा केंद्र-मनी ट्रांसफर, जिम आदि शामिल हैं। इन व्यवसायों का लाइसेंस शुल्क 500 रुपये से लेकर 15 हजार रुपये वार्षिक तक निर्धारित किया गया है।

Shalini singh

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