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Gorakhpur News: आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस से सोशल मीडिया पर बदनाम हो रहीं बेटियां, गोरखपुर में सर्वाधिक मामले के पीछे ये हैं वजह
Gorakhpur News: पुलिस का विश्लेषण तस्दीक कर रहा है कि लड़कियां भी अपनी दुश्मनी निकालने के लिए सोशल मीडिया पर अपनी सहेली या परिचित को बदनाम कर रही हैं। इनकी भी संख्या 20 प्रतिशत के करीब है।
Gorakhpur News: एआई यानी आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस के साथ ही गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद दर्जनों एप से पूर्वांचल में आपसी दुश्मनी साधने के लिए बेटियों को बदनाम किया जा रहा है। पुलिस में दर्ज मामले तस्दीक कर रहे हैं कि बेटियों को बदनाम करने में गोरखपुर सबसे आगे है। यहां बेटियों को बदनाम कोई और नहीं रिश्तेदार और करीबी ही कर रहे हैं। कई मामलों में असफल प्रेमी ऐसा कर रहे हैं।
मिशन शक्ति के तहत चलाए जा रहे अभियान में आई शिकायतों के विश्लेषण से यह तथ्य सामने आया है कि गोरखपुर और महराजगंज में बेटियां सोशल मीडिया पर सर्वाधित बदनाम हो रही हैं। अभियान के दौरान गोरखपुर में 97 शिकायत सामने आईं तो महराजगंज में यह संख्या 71 रही। देवरिया में 11 और कुशीनगर में सात घटनाएं ही सामने आईं हैं। पुलिस का विश्लेषण तस्दीक कर रहा है कि लड़कियां भी अपनी दुश्मनी निकालने के लिए सोशल मीडिया पर अपनी सहेली या परिचित को बदनाम कर रही हैं। इनकी भी संख्या 20 प्रतिशत के करीब है।
ब्लैकमेल करने में भी बदनाम करने का चलन
दरअसल, इंस्टाग्राम, फेसबुक सहित अन्य सोशल साइट पर आपत्तिजनक तस्वीर डालकर बदनाम करने की घटनाएं बढ़ गई हैं। लड़के तो ब्लैकमेल कर ही रहे हैं, लड़कियों की भी एक अच्छी खासी तादात है। सहेली, पड़ोस की युवती या फिर रिश्ते में बहन ही क्यो न हो, उन्हें बदनाम कर लड़कियां भी जमकर दुश्मनी निकाल रही हैं।अभियान के दौरान ऐसे कई मामले सामने आए, जिसमें अपनी सहेली, परिचित या रिश्तेदारी की लड़की की कोई बात बुरी लग गई हो या फिर उसे उससे ज्यादा पसंद किया जा रहा हो तो ऐसी स्थिति में ये लड़कियां सोशल मीडिया के इस्तेमाल से दुश्मनी साध रही हैं।
ऐसे बना रहे आपत्तिजनक तस्वीर
चेहरा असली और गर्दन के नीचे का हिस्सा किसी आपत्तिजनक तस्वीर से जोड़कर नई तस्वीर बनाई जा रही है। मोबाइल पर मौजूद कई तरह के एप इस तरह की तस्वीर बनाने में मदद कर रहे हैं। मोबाइल से ही इन्हें पोस्ट भी किया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि फेसबुक पर आपत्तिजनक तस्वीर वायरल करने में पिछले एक साल में दर्जनभर युवक जेल जा चुके हैं हालांकि लड़कियां जेल नहीं गई हैं। ज्यादातर मामले में लड़कियों द्वारा साजिश के मामलों में परिवारों के बीच माफीनामा से समझौता हो रहा है।