×

Gorakhpur News: दुकानों से घरों तक पहुंच रहा चाय के नाम पर जहर, फूड सेफ्टी ने पकड़ा आठ बोरा खतरनाक केमिकल

Gorakhpur News: गोरखपुर के नौसढ़ में चायपत्ती के गोदाम में खाद्य सुरक्षा विभाग के छापे में आठ बोरा चमड़ा रंगने वाला केमिकल जब्त हुआ है। इसके साथ ही 180 कुंतल चायपत्ती भी जब्त की गई है।

Purnima Srivastava
Published on: 25 Jan 2025 9:01 AM IST
Gorakhpur News- Food Safety Department raids tea leaf warehouse eight bags of leather coloring chemical seized
X

Gorakhpur News- Food Safety Department raids tea leaf warehouse eight bags of leather coloring chemical seized ( Pic- Social- Media)

Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में मिलावट खोर लोगों की जान से खेल रहे हैं। गोरखपुर में कड़क चाय के नाम पर चमड़ा रंगने वाले केमिकल के इस्तेमाल से आम लोगों में हड़कंप है। फिलहाज खाद्य सुरक्षा विभाग ने 180 कुंतल मिलावटी चायपत्ती बरामद कर लिया है। लेकिन रोज चौराहों और दुकानों पर पहुंच चुकी केमिकल वाली चाय को घरों से पहले रोकना बड़ी चुनौती है।

गोरखपुर के नौसढ़ में चायपत्ती के गोदाम में खाद्य सुरक्षा विभाग के छापे में आठ बोरा चमड़ा रंगने वाला केमिकल जब्त हुआ है। इसके साथ ही 180 कुंतल चायपत्ती भी जब्त की गई है। खाद्य सुरक्षा अधिकारी सुधीर कुमार सिंह का कहना है कि चायपत्ती के गोदाम में सात कुंतल चमड़ा रंगने का केमिकल मिला है। इस केमिकल के साथ 180 कुंतल चायपत्ती जब्त की गई है। नौ नमूने लिए गए हैं, जिसकी जांच रिपोर्ट में पता चलेगा कि इसमें कौन-कौन से हानिकारक तत्व हैं। लेकिन अधिकारी इस बात का जवाब नहीं दे रहे हैं कि दुकानों तक पहुंच चुकी चायपत्ती को कप तक पहुंचने से कैसे बचाएंगे। नौसढ़ के गोदाम में डीएचटीसी ट्रांसपोर्ट कंपनी सिलीगुड़ी का गोदाम है, जहां से गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया सहित अन्य जिलों में चायपत्ती बेची जाती है। यहां से गोलू टी कंपनी और ऋद्धि सिद्धि टी कंपनी के नाम से भी चायपत्ती का कारोबार किया जा रहा है। अनुमान के मुताबिक, खाद्य सुरक्षा विभाग की टीम ने छापेमारी में 23.40 लाख रुपये की चायपत्ती जब्त की गई है। नौ नमूनों को खाद्य विश्लेषक प्रयोगशाला में भेजा जा रहा है।

पूर्वांचल के सभी जिलों में सप्लाई

चायपत्ती के गोदाम में चमड़ा रंगने वाला केमिकल पहली बार पकड़ा गया है। एक साल पहले भी सिद्धार्थनगर व आसपास के जिलों में मिलावटी चायपत्ती की चर्चा हुई थी, तो अभियान चलाकर जांच की गई थी। कई जिले में नमूने भी लिए गए थे। उस समय खुलासा हुआ था कि बाइक से सस्ती चायपत्ती बेचने वाले बिना लेवल वाली चायपत्ती बेचकर जाते थे और दुकानदार को भी अपना पता ठिकाना नहीं बताते थे। आशंका है कि गोदाम से चायपत्ती और केमिकल की बिक्री की जाती थी और उसे थोक व्यापारी खपा रहे थे। खाद्य सुरक्षा अधिकारियों के अनुसार चायपत्ती जैसे दिखने वाले गाढ़े रंग के छोटे-छोटे कण को चायपत्ती बनाते समय इस्तेमाल किया जाता है। इससे चाय गाढ़ी बनती है और उसका रंग भी अच्छा दिखता है। चायपत्ती जैसा पदार्थ दिखा तो टीम को शक हो गया कि यह केमिकल है।



Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story