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Gorakhpur: हाईटेक मशीनों से गीता प्रेस की पुस्तकें हो रहीं रंगीन, गीता के श्लोक रंगीन चित्रों की मदद से पढ़ सकेंगे
Gorakhpur News: नई मशीन कॉमोरी स्थापित होने के बाद ब्लैक एंड व्हाइट ग्रंथों को रंगीन एवं सचित्र छापने का गीताप्रेस का सपना साकार हो रहा है।
Gorakhpur News: धार्मिक पुस्तकों के तीर्थ के रूप में पहचान रखने वाला गीता प्रेस बदले हालात में हाईटेक हो रहा है। विदेशी मशीनों से छपाई ने न सिर्फ प्रिंटिंग की रफ्तार बढ़ाई है, बल्कि क्वालिटी में भी इजाफा किया है। अब गीता प्रेस का जोर धार्मिक पुस्तकों को अधिक से अधिक रंगीन पेज और चित्र देने का है। गीता प्रेस प्रबंधन प्रमुख ग्रंथ गीता प्रबोधिनी को भी आर्टपेपर पर रंगीन चित्र में छापने की तैयारी कर ली है। इससे गीता के श्लोक को रंगीन चित्रों के साथ पढ़ने में मदद मिलेगी।
नई मशीन कॉमोरी स्थापित होने के बाद ब्लैक एंड व्हाइट ग्रंथों को रंगीन एवं सचित्र छापने का गीताप्रेस का सपना साकार हो रहा है। श्रीमद्भागवत गीता, रामचरितमानस, शिव पुराण, दुर्गा सप्तशती और सुंदरकांड का चित्रमय ग्रंथ गीता प्रेस पहले से ही प्रकाशित कर रहा है। जापान की मशीन लगने से पुस्तकों की छपाई की क्षमता काफी बढ़ गई है। वहीं पाठकों द्वारा रंगीन पुस्तकों की मांग भी काफी बढ़ गई है। जापान की ही दूसरी नई मशीन कॉमोरी लगने के बाद गीता प्रबोधिनी पहला ग्रंथ है, जिसे रंगीन चित्रों के साथ आर्ट पेपर पर प्रकाशित किया जाएगा। 138 से अधिक आकर्षक रंगीन चित्रों के साथ गीता प्रबोधिनी टीका के साथ प्रकाशित होगी। इसका मूल्य 350 रुपये और कुल पृष्ठों की संख्या 352 है। गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल का कहना है कि गीता प्रेस में नई मशीन लगने के बाद रंगीन ग्रंथों की छपाई की क्षमता बढ़ी है। प्रमुख ग्रंथों की कड़ी में गीता प्रबोधिनी ग्रंथ को भी आर्ट पेपर पर रंगीन चित्रों के साथ प्रकाशित करने की तैयारी है। पाठक इन पुस्तकों को घर में रखने और उपहार स्वरूप देने के लिए अधिक पसंद कर रहे हैं। गीता प्रबोधिनी का आकार अन्य ग्रंथों की अपेक्षा छोटा है, लिहाजा इसे आसानी से बैग में रखकर कहीं भी ले जा सकते हैं।
गीता के सभी 700 श्लोकों की व्याख्या होगी उपलब्ध
महत्वपूर्ण श्लोकों के अर्थ के साथ है संक्षिप्त व्याख्या गीता प्रबोधनी ग्रंथ में श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों का गुण भाव प्रदर्शित किया गया है। महत्वपूर्ण श्लोकों के अर्थ के साथ संक्षिप्त व्याख्या दी गई है। स्वामी रामसुखदास द्वारा संपादित इस गीता प्रबोधिनी टीका में कुछ नए भाव आए हैं। इसके अलावा श्रीमद्भागवत गीता के श्लोकों पर आधारित रामसुख दास की गीता साधक संजीवनी, जयदयाल गोयंदका की गीता तत्व विवेचनी, शंकराचार्य की गीता शांकर भाष्य, गीता रामानुज भाष्य, श्री हरी टीका, गीता व्याकरण आदि ग्रंथ उपलब्ध हैं। गीता प्रेस के प्रोडक्शन मैनेजर आशुतोष कुमार उपाध्याय ने बताया कि यदि पाठकों को किसी विषय की व्याख्या विस्तार से समझने की आवश्यकता प्रतीत होती हो तो उन्हें साधक संजीवनी टीका देखनी चाहिए। उसमें गीता के सभी 700 श्लोकों की व्याख्या उपलब्ध है।