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Gorakhpur News: श्रीरामचरित मानस की किल्लत दूर करेगी 9 करोड़ कीमत की मशीन, गीता प्रेस ने विस्तार के लिए जिला प्रशासन से मांगी 20 एकड़ जमीन

Gorakhpur News: भविष्य की मांग को देखते हुए प्रबंधन 9 करोड़ कीमत की नई मशीन मंगा रहा है। इसके साथ ही प्रिटिंग प्रेस के कम पड़ रहे एरिया को देखते हुए प्रबंधन ने जिला प्रशासन से 20 एकड़ जमीन की मांग की है।

Purnima Srivastava
Published on: 15 Jan 2024 9:08 AM IST (Updated on: 15 Jan 2024 9:40 AM IST)
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Gorakhpur News   (photo: social media )

Gorakhpur News: अयोध्या में 22 जनवरी को भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर तुलसीकृत श्रीरामचरित मानस, सुंदरकांड से लेकर हनुमान चालिसा की मांग में कई गुना बढ़ोतरी हुई है। गीता प्रेस प्रबंधन धार्मिक पुस्तकों की मांग पूरी नहीं का पा रहा है। ऑर्डर नहीं लिये जा रहे हैं। हालांकि भविष्य की मांग को देखते हुए प्रबंधन 9 करोड़ कीमत की नई मशीन मंगा रहा है। इसके साथ ही प्रिटिंग प्रेस के कम पड़ रहे एरिया को देखते हुए प्रबंधन ने जिला प्रशासन से 20 एकड़ जमीन की मांग की है।

गीता प्रेस प्रबंधन के मुताबिक, शताब्दी वर्ष में 111 करोड़ रुपये मूल्य की पुस्तकें गीताप्रेस ने प्रकाशित की हैं। प्रबंधन के अनुसार वर्तमान जगह व उपलब्ध संसाधनों से अधिकतम 130-135 करोड़ रुपये मूल्य तक की पुस्तकें प्रकाशित की जा सकती हैं। प्रबंधन ने गीताप्रेस को विस्तारित करने के लिए जिला प्रशासन को पत्र लिखकर 20 एकड़ जमीन की मांग की है। गीताप्रेस के प्रबंधक डा. लालमणि तिवारी ने बताया कि प्रिटिंग प्रेस के एरिया के लिए जिला प्रशासन से 20 एकड़ जमीन के लिए अनुरोध किया गया है। गीता प्रेस मांग के अनुरूप भगवान राम से जुड़ी 70 प्रतिशत ही पुस्तकें उपलब्ध करा पा रहा है। भंडारण और स्थान के अभाव के कारण बड़ी मशीनें स्थापित नहीं हो पा रही हैं। इस कारण दिक्कत आ रही है।

धार्मिक पुस्तकों का प्रोडक्शन 20 फीसदी बढ़ेगा

श्री रामचरित मानस की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गीता प्रेस में 9 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक प्रिटिंग मशीन लगाई जाएगी। इससे प्रकाशन क्षमता 20 प्रतिशत बढ़ जाएगी। गीताप्रेस का फिलहाल अन्य धार्मिक ग्रंथों को रोककर रामचरित मानस, हनुमान चालीसा, सुंदरकांड और आरती संग्रह की छपाई पर विशेष जोर दिया गया है। अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को राम मंदिर के भूमि पूजन के बाद से ही भगवान राम से जुड़ी पुस्तकों की मांग बढ़ गई है। इधर 22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तिथि तय होने के बाद देशभर के मंदिरों में भजन-कीर्तन के साथ श्री रामचरित मानस के पाठ की तैयारियां चल रही हैं। घरों में भी मानस पाठ और आरती की जा रही है। लोग एक-दूसरे को भगवान राम से जुड़ी पुस्तक उपहार स्वरूप दे रहे हैं। कई संस्थाएं इसे आम जनमानस के बीच बांट रही हैं। इस कारण पिछले तीन माह से रामचरित मानस की मांग कई गुना बढ़ गई है।

अधिक प्रिटिंग के बाद भी नहीं पूरी हो रही मांग

दिसंबर माह में 1.75 लाख रामचरित मानस की गुटका आकार की प्रतियों की डिमांड बिहार, राजस्थान से लेकर यूपी के विभिन्न जिलों से आई हैं। गीताप्रेस के प्रोडक्शन मैनेजर आशुतोष उपाध्याय ने बताया कि रामचरितमानस की 75 हजार प्रतियों की हर महीने छपाई होती है। मांग को देखते हुए पिछले नौ महीनों में साढ़े आठ लाख से अधिक प्रतियां छापी गईं। बावजूद इसके स्टॉक खत्म हो गया है। हनुमान चालीसा की छपी 13.50 लाख प्रतियों में से कुछ हजार प्रतियां ही स्टॉक में बची हैं। प्रबंधक लालमणि तिवारी के अनुसार, बेंगलुरु से साढ़े तीन करोड़ की मेड इन इंडिया मशीन मंगाई है। जापानी पांच करोड़ की मशीन (कमोरी) छपाई में तेजी लाने के लिए लगाई जा रही है। इसके अलावा वेब मशीन भी मंगाई गई है। इससे सभी धार्मिक ग्रंथों के प्रकाशन में 20 प्रतिशत वृद्धि होगी।



Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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