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Gorakhpur News: गीता प्रेस के ‘कल्याण’ के विशेषांक में दिखेगी ग्लोबल वार्मिंग को लेकर चिंता, 500 पेज की होगी पत्रिका

Gorakhpur News: पर्यावरण प्रदूषण की स्वरूप मीमांसा विषय पर भूमि आदि पंचतत्वों के प्रदूषण की रूपरेखा, प्रदूषण नियंत्रण का स्वरूप का अप्राकृतिक दोहन, ओजोन परत की भयावह स्थिति पर आधारित 19 तरह के लेख हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 8 July 2024 7:25 AM IST
Gorakhpur News
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गीता प्रेस मुख्य द्वार (Pic: Newstrack)

Gorakhpur News: धार्मिक पुस्तकों के तीर्थ कहे जाने वाले गोरखपुर के गीता प्रेस के विशेषांक का पाठकों को इंतजार रहता है। इस बार का विशेषांक ग्लोबल वार्मिंग की चिंताओं को समेटे होगा। इसमें वेद, पुराण एवं अन्य ग्रंथों में हजारों वर्ष पूर्व बताए गए पर्यावरण संरक्षण के महत्व को एक जगह समायोजित करने की कवायद हो रही है। बहुप्रतिक्षित कल्याण का 99 वां की दो लाख प्रतियां छपेंगी। विशेषांक 500 पेज का होगा।

कल्याण विशेषांक के माध्यम से पाठकों को यह बताने की कोशिश होगी कि बिना पर्यावरण के सहयोग के जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती है। इसकी सूची में पर्यावरण परिचय, महिमा और उपयोगिता विषय पर आधारित पर्यावरण और जीव जगत का सनातन संबंध, हमारे व्रत पर्व और पर्यावरण, पंचतत्वों का पर्यावरण से संबंध, पर्यावरण संतुलन का जीव जगत पर प्रभाव सहित कल 18 तरह के आलेख शामिल किए गए हैं। इसी प्रकार पर्यावरण के विविध आयाम विषय पर पर्यावरण के संरक्षण एवं सुचिता में वन उपवनों और पर्वतों का उपयोग, गृहस्थ धर्म और पर्यावरण संरक्षण सहित कुल 29 आलेख हैं।

साहित्य एवं संस्कृतियों में पर्यावरण दिग्दर्शन विषय पर आधारित वेदों में पर्यावरण की महिमा और उसके रक्षण के उपायों का निर्देशन, वेदों में पर्यावरण संबंधित सूक्तों की वैज्ञानिक मीमांसा, वैदिक सनातन संस्कृति और पर्यावरण, अथर्ववेद और पर्यावरण विज्ञान, योग दर्शन और पर्यावरण सहित 26 तरह के लेख शामिल किए गए हैं। पर्यावरण प्रदूषण की स्वरूप मीमांसा विषय पर भूमि आदि पंचतत्वों के प्रदूषण की रूपरेखा, प्रदूषण नियंत्रण का स्वरूप का अप्राकृतिक दोहन, ओजोन परत की भयावह स्थिति पर आधारित 19 तरह के लेख हैं। पर्यावरण व अध्यात्म विषय पर आधारित सनातन संस्कारों में निर्देशित पर्यावरण की उपयोगिता और उसके रक्षण का उपलब्ध बोध और मानव जीवन, पर्यावरण और देवविज्ञान सहित 13 लेख इसमें शामिल किए गए हैं।

500 रुपये देकर बन सकते हैं ग्राहक

ऐसे ग्राहक जो पांच सौ रुपये देकर प्रतिवर्ष व 25 सौ देकर पांच वर्षों के लिए ग्राहक बनते हैं, उन्हें प्रति माह कल्याण का विशेषांक रजिस्टर्ड डाक द्वारा उनके घर भेजा जाता है। कल्याण का ग्राहक बनने के लिए गीताप्रेस के किसी भी केंद्र पर संपर्क किया जा सकता है। वेबसाइट पर भी जाकर ग्राहक बन सकते हैं। गीता प्रेस के ट्रस्टी देवी दयाल अग्रवाल का कहना है कि पर्यावरण संरक्षण को लेकर केवल सरकारी नहीं समाज के सभी वर्गों को जागरूक होना होगा। पेड़ों की हो रही अंधाधुंध कटाई पर्यावरण और परिवेश के लिए खतरा है। समाज को जागरूक करने के लिए इस बार अध्यात्म से पर्यावरण को जोड़कर कल्याण विशेषांक प्रकाशित किया जा रहा है।




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Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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