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Gorakhpur News: करोड़ों खर्च के बाद भी सीएम सिटी गोरखपुर का घुट रहा दम, खतरनाक स्तर पर प्रदूषण, ये है वजह

Gorakhpur News: मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक सत्येन्द्र यादव का कहना है कि बादलों की आमद की वजह से हवा में नमी बढ़ गई।

Purnima Srivastava
Published on: 12 Nov 2023 4:37 AM GMT
Gorakhpur News
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गोरखपुर में प्रदूषण रोकने को पानी का छिड़काव (Newstrack)

Gorakhpur News: बमुश्किल सप्ताह भर पहले नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने भारत सरकार की एजेंसी के आकड़े के हवाले से दावा किया था कि गोरखपुर वायु प्रदूषण से मुक्त देश के टॉप दस शहरों में शुमार है। लेकिन चंद दिनों बाद ही हकीकत सामने आने के बाद जिम्मेदारों की बोलती बंद है। रविवार की सुबह एक्यूआई 250 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गया। जो शनिवार को 246 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। दिवाली के बाद स्थिति और खराब होने की उम्मीद जतायी जा रही है।

बता दें कि शनिवार की सुबह नौ बजे एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 246 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर तक पहुंच गया। जो शुक्रवार के औसत एक्यूआई से करीब दो गुना अधिक है। शुक्रवार को एक्यूआई 121 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर था। वहीं, गुरुवार को पीएम 2.5 एवं पीएम 10 क्रमश न्यूनतम 82 एवं 101, अधिकतम 313 एवं 192 एवं औसतन 206 एवं 147 रिकार्ड हुआ। पीएम 10 का स्तर हवा में 100 से कम होने और पीएम 2.5 का स्तर 60 से कम होने पर ही उसे स्वास्थ्य के अनुकूल माना जाता है।

गोरखपुर में जाम से बढ़ा प्रदूषण

महानगर के प्रमुख बाजारों में जाम लग रहा। हजारों लोग बाजार में खरीदारी करने आ रहे हैं, इसके कारण अचानक हवा में धूल के कणों की संख्या बढ़ गई। इससे हवा प्रदूषित होने लगी। एक्यूआई उछल गया। शनिवार को सुबह नौ बजे एक्यूआई 246 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर लगा। हालांकि देर शाम तक यह लुढ़ककर 204 पर आ गया। शनिवार को हल्की बारिश के बाद स्थिति सुधरी थी लेकिन भीड़ और धूल से फिर लोगों का दम घुटने लगा। मदन मोहन मालवीय प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक सत्येन्द्र यादव का कहना है कि बादलों की आमद की वजह से हवा में नमी बढ़ गई।


प्रदूषण के खात्मे के लिए 70 करोड़ खर्च, नहीं हुआ सुधार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने गोरखपुर को वर्ष 2019-20 में नॉन अटेनमेंट सूची में डाला था। जिसके बाद नगर निगम को करोड़ों रुपये मिले। इस रकम से दो वॉटर स्प्रिंकलर खरीदी गई है। 2.50 करोड़ से एनिमल क्रीमिनेशन सेंटर बनाया जा रहा है। राप्ती तट पर दाह संस्कार के लिए गैसीफायर शवदाह गृह का निर्माण हुआ तो वहीं डोर टू डोर कूड़ा कलेक्शन के लिए 50 सीएनजी वाहन खरीदे गए। शहर में 27 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन हो रहा है।

इसके अलावा निगम क्षेत्र में 11 करोड़ से पार्कों में (13 हेक्टेयर) हरियाली की योजना पर काम हो रहा है तो वहीं सड़कों के किनारे धूल न उड़े इसके लिए एण्ड टू एण्ड पेविंग का काम हो रहा है। इस काम में लेटलतीफी से लोगों को काफी दिक्क्त हो रही है। पार्क रोड, कार्मल स्कूल रोड, सिविल लाइंस में करोड़ों रुपये के काम की रफ्तार काफी खराब है। दो मैकेनाइज्ड स्वीपिंग मशीन से सड़कों पर मैकेनिकल स्वीपिंग हो रही है। एकला बांध पर कूड़े के ढेर का दो ट्रामल मशीनों के जरिए निस्तारण हो रहा है। नगर आयुक्त का कहना है कि वर्ष 2019-20 में पीएम 10 की बेस वैल्यू 278 थी। जो मौजूदा वित्त वर्ष में अक्तूबर माह तक पीएम 10-98 रिपोर्ट हुआ। वायु प्रदूषण में सुधार को लेकर लगातार प्रयास हो रहा है।

Jugul Kishor

Jugul Kishor

Content Writer

मीडिया में पांच साल से ज्यादा काम करने का अनुभव। डाइनामाइट न्यूज पोर्टल से शुरुवात, पंजाब केसरी ग्रुप (नवोदय टाइम्स) अखबार में उप संपादक की ज़िम्मेदारी निभाने के बाद, लखनऊ में Newstrack.Com में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं। भारतीय विद्या भवन दिल्ली से मास कम्युनिकेशन (हिंदी) डिप्लोमा और एमजेएमसी किया है। B.A, Mass communication (Hindi), MJMC.

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