Gorakhpur News: गोरखपुर बना सोना तस्करी का हब, नेपाल और ‘मिनी बैंकाक’ से सीधा कनेक्शन

Gorakhpur News: हालांकि गोरखपुर में सख्ती के बाद सोना तस्कर नेपाल के सीमावर्ती जिले के सराफा कारोबारियों को तस्करी का सोना बेच रहे हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 7 Sep 2024 2:24 AM GMT
Gorakhpur News ( Pic- Newstrack)
X

Gorakhpur News ( Pic- Newstrack)

Gorakhpur News: सोना तस्करों के लिए गोरखपुर मुफीद स्थान बन गया है। कोलकाता से लेकर नेपाल के रास्ते तस्करी का सोना गोरखपुर पहुंच रहा है। कोलकाता और नेपाल के रास्ते गोरखपुर पहुंच रहे तस्करी के सोने की बरामदगी इसकी तस्दीक भी कर रही है। गोरखपुर में बड़हलगंज को मिनी बैंकाक कहा जाता है। यहां के एक लाख से अधिक लोग बैंकाक में रहते हैं। इनमें से कुछ तस्करों के कैरियर बन गए हैं। हालांकि गोरखपुर में सख्ती के बाद सोना तस्कर नेपाल के सीमावर्ती जिले के सराफा कारोबारियों को तस्करी का सोना बेच रहे हैं।

डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) की पिछले दिनों महराजगंज से लेकर लखनऊ के बीच तीन टीमों द्वारा हुई संयुक्त कार्रवाई में 6 कैरियर की गिरफ्तारी के बाद इनके नेटवर्क को लेकर स्थितियां साफ हो रही है। पूछताछ से साफ हो रहा है कि कैरियर के पास से बरामद तीन करोड़ रुपये भारतीय सराफा कारोबारियों को तस्करी का सोना बेचने के एवज में मिला था। कैरियर को तीन किलो सोना चिन्हित कारोबारियों तक पहुंचाना था। इसी दौरान वह डीआरआई के हत्थे चढ़ गए। माना जा रहा है कि गोरखपुर के हिन्दी बाजार में सोना खपाने में हो रही कार्रवाई के बाद तस्करों ने अपना रूट बदला है।

बैंकाक से तस्करी का सोना काठमांडू एयरपोर्ट से सीमावर्ती नेपाल के जिलों तक पहुंचाया जा रहा है। जहां से कैरियर की मदद से सीमावर्ती जिलों के चिन्हित सराफा कारोबारियों को सोने की बिक्री की जा रही है। सूत्र बताते हैं कि नेपाल सोना तस्करी का ट्रांजिट सेंटर बन गया है। तस्करी का सोना यूएई, थाईलैंड से लेकर म्यांमार से आ रहा है। कस्टम ड्यूटी कम होने से तस्करों के मुनाफे पर असर पड़ा है। ऐसे में वह कम मात्रा में छोटे कारोबारियों के पास तस्करी के सोने को खपा रहे हैं।

गोरखपुर का हिंदी बाजार है तस्करों के लिए मुफीद

गोरखपुर का हिंदी बाजार तस्करी का सोना खपाने की मंडी के रूप में पहचान बना चुका है। बीते अगस्त महीने में लखनऊ एयरपोर्ट से दो बार सोना पकड़ा जा चुका है। बीते 21 अगस्त को लखनऊ डीआरआई की टीम ने इनोवा से पांच किलो सोने के बिस्कुट और ज्वैलरी की बरामदगी की थी। पकड़े गए तस्कर का कनेक्शन गोरखपुर के हिन्दी बाजार स्थित सर्राफा मंडी से है। इसके बाद 26 अगस्त को कस्टम की टीम ने लखनऊ एयरपोर्ट से एक व्यक्ति के पास से 931 ग्राम सोना बरामद किया था। पकड़ा गया व्यक्ति बड़हलगंज का बताया जा रहा है। वह बेल्ट में सोना छिपाकर निकलने की फिराक में था।

वहीं वाराणसी की एक फर्म हिंदी बाजार में संचालित है। जहां से डीआरआई ने करीब साढ़े चार किलो सोना बरामद किया था। इसी क्रम में मई 2024 में गोरखपुर रेलवे स्टेशन से 750 ग्राम सोना पकड़ा गया था जो थाईलैंड से लाया गया था।इसी तरह फरवरी 2024 में कुशीनगर फोरलेन पर सात करोड़ की कीमत के सोने के साथ दो तस्कर पकड़े गए थे। जिन्होंने बताया था कि वह ऐसे सोने को गोरखपुर के हिंदी बाजार में बेचने का कार्य करते हैं। वर्ष 2023 में देवरिया रेलवे स्टेशन से पकड़े गए तस्करों के पास से एक करोड़ 31 लाख रुपए कीमत के 17 सोने के बिस्किट बरामद हुए थे।

बड़हजगंज के कुछ कैरियर हुए हैं चिन्हित

वर्ष 2022 में बिहार में तस्करी के करोड़ों के सोने के साथ सुडानी नागरिक पकड़े गए थे। वर्ष 2022 में गोरखपुर के व्यापारी के पास से ढाई किलो सोना बरामद हुआ था तो, दिसंबर 2022 में गुवाहाटी से मुंबई जा रही ट्रेन में गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर 650 ग्राम सोना बरामद हुआ। बड़हलगंज से लेकर गोला तक बड़ी संख्या में लोग थाईलैंड में रहते हैं। सराफा कारोबारी इनके संपर्क में रहकर तस्करी को अंजाम दे रहे हैं। डीआरआई की टीम ने कुछ संदिग्ध लोगों को चिन्हित किया है। इनमें ऐसे लोग शामिल हैं जो बैंकाक से गोरखपुर नियमित अंतराल पर आवाजाही कर रहे हैं। तस्करी के मास्टर माइंड के ये कैरियर बने हुए हैं।

Shalini Rai

Shalini Rai

Next Story