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Gorakhpur News: गोरखपुर के इस कारोबारी ने बनाया अजब-गजब रिकॉर्ड, 27 करोड़ का कारोबार, जीएसटी एक रुपये भी नहीं
Gorakhpur News: बिना जीएसटी दिए एक साल में 27 करोड़ की खरीद बिक्री करने वाले गोरखपुर के फर्म विश्वकर्मा इंटरप्राइजेज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के एक कारोबारी ने अजब गजब रिकॉर्ड बनाया है। बीते एक साल में कारोबारी की फर्म ने 27 करोड़ रुपये का कारोबार किया लेकिन उसने एक रुपये भी जीएसटी अदा नहीं किया है। जीएसटी के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह गोलमाल पकड़ा था। अब जांच आगे बढ़ रही हैं तो गोलमाल की परतें खुल रहीं हैं। जांच में साफ हुआ है कि कारोबारी ने लखनऊ माल सप्लाई ट्रक से दिखाया है लेकिन टोल प्लाजा की रिपोर्ट बताती है कि वह ट्रक गोरखपुर से लखनऊ के बीच एक भी टोल प्लाजा से गुजरा ही नहीं।
बिना जीएसटी दिए एक साल में 27 करोड़ की खरीद बिक्री करने वाले गोरखपुर के फर्म विश्वकर्मा इंटरप्राइजेज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) विभाग ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। प्रथम दृष्टया जांच में विभाग ने पाया है कि फर्म ने बिक्री के बाद जिस ट्रक से माल लखनऊ भेजना दिखाया है वह गाड़ियां टोल प्लाजा से गुजरी ही नहीं। यानी सिर्फ कागज में ही फर्जी बिक्री दिखाया गया है। अब जीएसटी टीम सरकारी काम करने वाले उस ठेकेदारों तक पहुंचने में जुटी है जिसने सीमेंट तो ली है, लेकिन उन गाड़ियों का लोकेशन पता करने पर उनका गतिविधियां नहीं पाई गईं।
विभागीय सूत्रों के अनुसार इसके पूर्व भी कई मामलों में पकड़ी गई फर्मों ने ट्रकों से जहां माल भेजना दिखाया उसे रास्ते से गाड़ियां गुजरी ही नहीं। जांच में कई जगह ट्रक की जगह ई-रिक्शा व आटो मिले हैं। अब जीएसटी विभाग के अधिकारी सर्विलांस के जरिये अब उस सिडिंकेट का भंड़ाफोड़ करने में जुटे हैं, जिन्होंने बिना माल की खरीदारी किए आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ लेने के लिए सिर्फ बिल लिए हैं। इनमें अधिकांश फर्में लखनऊ की हैं जो विभाग के रडार पर हैं और उनके विरुद्ध कार्रवाई की तैयारी चल रही है।
चार घंटे तक चली थी छापेमारी
गत पांच दिन पूर्व जीएसटी की टीम ने मेडिकल कालेज रोड स्थित विश्वकर्मा इंटरप्राइजेज के यहां छापेमारी कर बिना जीएसटी दिए ही एक साल में 27 करोड़ की खरीद बिक्री का भंडाफोड़ किया था। रेकी के आधार पर की गई इस कार्रवाई में फर्म के संचालक द्वारा फर्जी फर्मों से खरीद-बिक्री दिखाकर आइटीसी (इनपुट टैक्स क्रेडिट) का लाभ लिया जाता पाया गया। फर्म ने तारामंडल स्थित अमन ट्रेडर्स से भी खरीद दिखाया था वह एक फर्जी फर्म थी जिसके विरुद्ध पहले ही कार्रवाई हो चुकी है।