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Gorakhpur University News: डीडीयू का 42वा दीक्षांत समारोह सम्पन्न, 32 गोल्ड मेडल सहित 25 छात्रों को मिली पीएचडी की उपाधि
Gorakhpur University News: दीक्षांत समारोह में महामहिम कुलाधिपति द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 के स्नातक के मेधावियों को कुल 32 स्वर्ण पदक प्रदान किये गए। महामहिम के हाथों पदक पाकर मेधावियों के चेहरे खिल उठे।
Gorakhpur News: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में आयोजित 42वें दीक्षांत समारोह सोमवार को उत्तर प्रदेश की कुलाधिपति आनंदी बेन पटेल की अध्यक्षता में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। दीक्षांत समारोह में महामहिम कुलाधिपति द्वारा शैक्षणिक सत्र 2022-23 के स्नातक के मेधावियों को कुल 32 स्वर्ण पदक प्रदान किये गए। महामहिम के हाथों पदक पाकर मेधावियों के चेहरे खिल उठे। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी, कुलपति प्रो. पूनम टंडन, गणमान्य नागरिक तथा कार्यपरिषद के सदस्य उपस्थित रहे। मुख्य कार्यक्रम की शुरुआत विद्वत पदयात्रा से हुई। पदयात्रा में महामहिम, विशिष्ठ अतिथि, कुलपति, कार्य परिषद के सदस्य तथा आचार्यगण शामिल हुए। राष्ट्रीय गीत गायन के पश्चात महामहिम कुलाधिपति ने जल संचयन कर जल संरक्षण का संदेश समाज को दिया। हरित फल देकर कुलपति ने महामहिम कुलाधिपति तथा विशिष्ठ अतिथि का स्वागत किया।
युवा शक्ति के रूप में हर क्षेत्र में बुलंदियों को छू रही बेटियां: महामहिम कुलाधिपति
अपने उद्बोधन में महामहिम कुलाधिपति ने उपाधि और पदक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई और शुभकामनाएं दी। राज्यपाल ने कहा कि आज सभी युवा हमारे भारत के मार्गदर्शक हैं। आप राष्ट्र की गौरवशाली यात्रा के आशा की किरण है। इतिहास के प्रत्येक काल खंड में समाज के सशक्तिकरण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन सदा युवा शक्ति करती रही है। युवाओं की सक्रियता और समर्पण का प्रभाव भारत के लोकतंत्र के सशक्तिकरण में भी रहा है। युवा शक्ति के रूप में हमारी बेटियां भी हर क्षेत्र में बुलंदियों छू रही है। नारी शक्ति ने हमेशा राष्ट्र शक्ति को जागृत किया है।
उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत काल में हमारी बेटियां नए-नए पराक्रम दिख रही हैं। भारत का मिशन चंद्रयान नारी शक्ति का उदाहरण है। इस पूरे मिशन से अनेक महिला साइंटिस्ट और इंजीनियर ने सीधे तौर पर जुड़ी रहीं। लखनऊ यूनिवर्सिटी की दो बेटियां चंद्रयान-3 में काम कर रही हैं यह शक्ति इधर भी है इसे पहचानो। आज की अर्थव्यवस्था तीव्र गति से बढ़ रही है। भारत विश्व की शीर्ष पांच अर्थव्यवस्था में शामिल है। मेरा आप सभी छात्रों से आग्रह है आप शिक्षा और ज्ञान प्राप्त करने पर ध्यान देने के साथ ही देश की संस्कृति और मूल्य और परंपराओं से भी जुड़े रहें। आपके मूल्य ना केवल दुनिया के लिए आपकी पहचान है बल्कि, यह आपके माता-पिता के शिक्षकों और देश की पहचान है। इसलिए आप सब को चरित्र निर्माण ध्यान देना चाहिए। मैं शिक्षकों से कहना चाहूंगी कि अध्यापक और विद्यार्थियों के बीच संवाद बहुत आवश्यक है, जिससे हर समस्या का समाधान किया जा सकता है।
नैक मूल्यांकन में ए प्लस प्लस की दी बधाई, कहा यहीं रुकना नहीं
कुलाधिपति ने कहा कि गोरखपुर विश्वविद्यालय ने NAAC मूल्यांकन के 3.78 सीजीपीए के साथ ए डबल प्लस ग्रेड प्राप्त करके देश का सम्मान बढ़ाया है। इस मूल्यांकन के बाद पहली बार परिसर में मेरा आगमन हुआ है अतः ए प्लस प्लस ग्रेड के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों, कर्मचारियों, पुरातन छात्र-छात्राओं के साथ ही विश्वविद्यालय के कुलपति तथा पूर्व कुलपति को भी हार्दिक बधाई देती हूं। ए डबल प्लस ग्रेड होने के बाद संतोष नहीं करना है, अभी आपको और आगे जाना है क्योंकि आज की जो युवा पीढ़ी है। उत्तर प्रदेश की सभी यूनिवर्सिटी एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए तैयारी कर रही हैं। इसी तरह क्यूएस रैंकिंग के लिए, एशिया रैंकिंग के लिए, वर्ल्ड रैंकिंग के लिए भी हमें प्रयास करना है। आप जहां भी जाए एमओयू साइन करें और उनके साथ मिलकर चर्चा करें यह नई-नई सिलेबस और रोजगारपरक कोर्सेस को शामिल करे।
नेपाल के साथ एमओयू करें
उन्होंने कहा कि नेपाल बॉर्डर हमारे नजदीक है उनके साथ भी MoU साइन करके आपको वर्ल्ड रैंकिंग में रैंक लाने का प्रयास करना पड़ेगा। हमने पिछले 5 साल से यह ट्रेंड देखा है की सबसे ज्यादा गोल्ड मेडल महिलाओं को मिलता रहा है आज भी वही हुआ मुझे तो लगता था कुछ तो परिवर्तन आएगा लेकिन आजकल महिलाओं की ही बोल बाला है। नारी सशक्तिकरण तो हो रहा है नर सशक्तिकरण कब होगा। अब देखिए इस स्टेज पर तीन महिलाएं ही है, कोई पुरुष नहीं है। गोल्ड मेडल में भी सभी बेटियां.....तो चिंता तो होती है।
आपके लिए भी ये गर्व की बात है कि इसरो द्वारा भेजा गया चंद्रयान आदित्य L1 के टेलिस्कोप तैयार करने मे आपके विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र दुर्गेश त्रिपाठी और डॉक्टर वागीस मिश्रा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। मेरी माटी मेरा देश अभियान के अंतर्गत देशभर में अमृत कलश यात्रा की जा रही है देश के गांव-गांव से कलश में मिट्टी लेकर यह कलश यात्रा 12 अक्टूबर 2023 को दिल्ली पहुंचेगी। नई दिल्ली मे राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के पास मे शहीद हुए जवानों के लिए शहीद अमृत वाटिका का निर्माण किया जाएगा जो एक भारत श्रेष्ठ भारत का प्रतीक होगा। मैं चाहूंगी कि आपका विश्वविद्यालय भी इस योगदान में सहयोग करें। मैं यह मानती हूं कि अच्छे शिक्षक की सार्थकता इसी में है कि जो हर क्षण कुछ नया सीखने के लिए प्रेरित करें।
सकारात्मकता के साथ सभी जिम्मेदारियों को निभाने का प्रण ले विद्यार्थी: रजनी तिवारी
विशिष्ट अतिथि उच्च शिक्षा राज्य मंत्री रजनी तिवारी ने सभी पदक धारको को बधाई और शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नकारात्मकता से बचें और हमेशा सकारात्मक रहते हुए सभी जिम्मेदारियों को निभाने का प्रण ले। हर व्यक्ति में कुछ न कुछ विशेषताएं अवश्य होती है जिससे वह समाज मे सकारात्मक बदलाव ला सकता है। आप उस विशेषता को पहचाने।
अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के केंद्र के रूप में विश्वविद्यालय को करेंगे विकसित: कुलपति
कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय ने NAAC मूल्यांकन में A++ ग्रेडिंग हासिल किया है। विश्वविद्यालय अब NIRF सहित अन्य रैंकिंग में उच्च स्थान प्राप्त करने की तैयारी कर रहा है। विश्वविद्यालय परंपरागत विषयो में हमेशा से ही अग्रणी रहा है। विश्वविद्यालय में रोजगारपरक पाठ्यक्रम, ऑनलाइन और डिस्टेंस लर्निंग कोर्सेज शुरू किया जायेगा। उन्होंने अपने संबोधन में कहा की विश्विद्यालय की आवश्यकताओं और चुनौतियों से परिचित है जिनसे निपटने हेतु पूर्ण प्रयास करेंगी। विश्वविद्यालय में शैक्षणिक व रचनात्मक माहौल प्रदान कर उसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ले जाना है। नेपाल सहित अन्य निकटवर्ती देशों से विद्यार्थियों को भी आकर्षित कर गोरखपुर को अंतरराष्ट्रीय शिक्षा के केंद्र के रूप मे विकसित करना है।
परिषदीय विद्यालय के बच्चों को भेंट की स्कूल किट
महामहिम कुलाधिपति ने परिषदीय विद्यालय के 30 बच्चों को स्कूल किट भेंट की। छात्रा अविका विश्वकर्मा ने महामहिम को उनकी कलाकृति दिखा कर मनमोह लिया। महामहिम से इस छात्रा की सभी कलाकृतियों को सभी को दिखाया तथा अपना ऑटोग्राफ़ भी दिया।
महामहिम ने किया पनियाला का पौधरोपण
कार्यक्रम की शुरुआत में दीक्षा भवन के सामने स्थित कुलाधिपति वाटिका में महामहिम ने विलुप्त होते 'पनियाला' का पौध रोपण किया। इसके साथ ही संरक्षण करने का संदेश दिया। औषधि गुणों से भरपूर गोरखपुर का पनियाला पूरे भारत में प्रसिद्व है। लेकिन यह फल धीरे-धीरे विलुप्त होता जा रहा है।