Gorakhpur: गोरखपुर विवि राम के वैश्विक प्रभाव पर करेगा रिसर्च, इंटर्नशिप प्रोग्राम-लर्निंग कोर्स हो रहा तैयार

Gorakhpur: दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग ने राम के वैश्विक प्रभाव पर शोध करने का निर्णय लिया है। पांच बिंदुओं को शोध का निर्णय लिया गया है।

Purnima Srivastava
Published on: 22 Jan 2024 8:48 AM GMT
gorakhpur news
X

गोरखपुर विवि राम के वैश्विक प्रभाव पर करेगा रिसर्च (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: देश-दुनिया में प्रभु राम आगमन की धूम है। हर कोई गुगल पर भगवान और उनसे जुड़े साहित्य को पढ़ना चाहता है। ऐसे में दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर यूनिवर्सिटी के संस्कृत विभाग ने राम के वैश्विक प्रभाव पर शोध करने का निर्णय लिया है। पांच बिंदुओं को शोध का निर्णय लिया गया है। इसका शीर्षक है ‘वैश्विक पटल पर श्री राम’ रखते हुए विभाग ने परियोजना की मंजूरी के लिए आईसीएसएसआर दिल्ली को प्रस्ताव भेजा है।

संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग के असिस्टेंट प्रो. कुलदीपक शुक्ल ने बताया कि राम पर वृहद शोध परियोजना तैयार की जा चुकी है। शोध पांच बिंदुओं पर आधारित होगा। इन विंदुओं में वैश्विक पटल पर श्री राम से संबंधित शोध, अन्य संस्थाएं एवं उनके क्रियाकलाप, राम से संबंधित भाषा का साहित्य एवं उससे संबंधित पुरस्कार, राम से संबंधित विभिन्न देशों के स्थान एवं उससे संबंधित मान्यताएं, रामायण में वर्णित वनवास का परिपथ, भौगोलिक सीमांकन एवं वैज्ञानिकता के साथ रामायण का वैश्विक पटल पर सामाजिक एवं सांस्कृतिक अनुप्रयोग जैसे विषय शामिल हैं।

इसके साथ ही विभाग में स्नातक छात्रों के लिए राम के जीवन पर इंटर्नशिप कार्यक्रम तैयार किया जा रहा है। विश्व भर के छात्रों के लिए लर्निंग कोर्स भी तैयार किया जा रहा है। इसकी पढ़ाई करने पर छात्रों को क्रेडिट स्कोर मिलेगा। प्रो. कुलदीपक ने बताया कि विभाग में स्नातक स्नातकोत्तर एवं पीएचडी के छात्र रामकथा आश्रित साहित्य पर लघुशोध एवं शोधकार्य कर रहे हैं। इसमें रामाश्रित नाटकों का शास्त्रीय अनुशीलन, अयोध्या की विद्वत परंपरा, अयोध्या की ऋषि परंपरा, रामाश्रित काव्यों में अर्थव्यवस्था अनुशीलन, रामायण का सांस्कृतिक अनुशीलन राम काव्य में कला विमर्श, रामायण में समाज कार्य, संस्कृत पत्र-पत्रिकाओं में राम, गोरखपुर में राम पर आधारित हुए शोध कार्यों का सर्वेक्षण आदि शामिल है।

तीन ओपन लर्निंग कोर्स भी तैयार

इसके अतिरिक्त विभाग रामायण पर आधारित तीन ओपन लर्निंग कोर्स भी तैयार कर रहा है, जिसका विषय रामायण में वृक्ष आयुर्वेद, रघुकुल की राजनीति, अयोध्या की स्थापत्य कला रहेगा। प्रत्येक कोर्स स्कोर क्रेडिट का होगा। यह कोर्स पूरे विश्व के लिए तैयार हो रहा है। इसका संचालन ऑनलाइन माध्यम से होगा। देश-विदेश में कोई भी घर बैठे यह कोर्स कर सकता है।

Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

Next Story