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Gorakhpur News: आखिर गोरखपुर में क्यो नहीं पड़ रही सर्दी? मौसम वैज्ञानिकों ने बताया कारण, इस दिन से ठंड देगी दस्तक
Gorakhpur News: जुलाई-अगस्त वाली गर्मी लग रही है। लोगों के शरीर से ऊनी कपड़ों की संख्या कम हो गई। रात में भी ठंड का असर कम हुआ है। पूर्वी यूपी में दिसंबर में सर्दी का अहसास अभी तक लोगों को नहीं हुआ है।
Gorakhpur News: देश के कई इलाकों में भले ठंड से जीना मुहाल हो रहा हो लेकिन गोरखपुर से लेकर देवरिया तक लोगों को अहसास ही नहीं हो रहा है कि दिसम्बर की सर्दी की विदाई होने वाली है। सर्दी के दस्तक नहीं देने से गर्म कपड़ों से लेकर गीजर, ब्लोअर से लेकर हीटर का कारोबार ठंडा पड़ा हुआ है। कारोबारियों के करोड़ों रुपये फंस गए हैं। मौसम वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर पश्चिमी विक्षोभ शक्तिशाली रहा तो पूर्वी यूपी में तापमान में गिरावट होगी। इसके असर अगले तीन दिन में पूर्वी यूपी पर दिखने लगेगा।
जुलाई-अगस्त वाली गर्मी लग रही है। लोगों के शरीर से ऊनी कपड़ों की संख्या कम हो गई। रात में भी ठंड का असर कम हुआ है। पूर्वी यूपी में दिसंबर में सर्दी का अहसास अभी तक लोगों को नहीं हुआ है। मफलर, जैकेट, मोजा से लेकर टोपी का कारोबार अभी भी ठंडा है। शहर के बीचोबीच लगे तिब्बत मार्केट में अभी 10 फीसदी माल भी नहीं बिका है। माना जाता है कि मकर संक्राति यानी 15 जनवरी के बाद ठंड की विदाई होने लगती है। इलेक्ट्रिकल उत्पादों के थोक बिक्रेता राजीव रस्तोगी का कहना है कि गीजर की कई कंपनियों ने तो बिक्री को देखते हुए उत्पादन आधा कर दिया है। मौसम का अब कोई ठिकाना नहीं है। अब कारोबारी मौसम के हिसाब से कारोबार की तैयारी नहीं कर रहे हैं। ठंड पड़ेगी तो दो दिन में माल मंगा लेंगे।
सामान्य से अधिक तापमान
रविवार को दिन का तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के पार चला गया था। यह सामान्य से चार डिग्री सेल्सियस अधिक था। सोमवार को भी दिन का तापमान 25.8 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से करीब तीन डिग्री सेल्सियस अधिक है। इसी तरह मंगलवार को भी तापमान 27 डिग्री सेल्सियस के पार था।
जनवरी के पहले हफ्ते से ठंड की उम्मीद
मौसम विशेषज्ञ केसी पांडेय का दावा है कि जनवरी के पहले सप्ताह में पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में एक और विक्षोभ सक्रिय होकर तिब्बत की तरफ शिफ्ट होगा। अगर पश्चिमी विक्षोभ शक्तिशाली रहा तो गोरखपुर और आसपास के जिलों में तापमान में गिरावट होगी। उनका कहना है कि पूर्वांचल में गर्मी का सीधा संबंध राजस्थान और जम्मू कश्मीर से है। जम्मू कश्मीर की तरफ से पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होता है। यह पश्चिम विक्षोभ पश्चिमी हिमालय की पहाड़ों में बनता है। दिसंबर में अमूमन 8 से 10 पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होते हैं। यह जितना ताकतवर होता पूर्वांचल में उतनी ही ठंड पड़ेगी। इस बार पश्चिमी विक्षोभ बेहद कमजोर बना है। अब तक तीन-चार पश्चिमी विक्षोभ गुजर चुके।