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Gorakhpur News: छठ पर्व के उल्लास में गोरक्षनगरी, चारों तरफ गूंज रहे शारदा सिन्हा के गीत
Gorakhpur News:छठ गीतों के बीच मंगलवार को व्रतियों ने चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय से की। व्रती महिलाएं स्नान के बाद नहाय-खाय और खरना प्रसाद के लिए पवित्र जल पीतल सहित अन्य बर्तनों में लेकर घर गए।
Gorakhpur News: लोकआस्था का पर्व छठ मंगलवार को नहाय खाय संग शुरू हो गया। व्रती महिलाएं खरना के साथ निर्जला उपवास कर रही हैं। घरों में फलों को शुद्धता के साथ सुरक्षित किया जा रहा है। वहीं कुम्हारों की दुकानों पर लोग कोसा और दीयों की खरीद कर रहे हैं। बाजार में फलों से लेकर कपड़ों तक की बिक्री हो रही है। फलों की कीमतों में 50% तक की बढ़ोतरी देखी जा रही है। वहीं नगर निगम की टीमें राप्ती तट, एकला बंधा से लेकर सभी प्रमुख घाटों की सफाई में जुटी हैं। रात में किसी प्रकार की दिक्कत नहीं हो इसे देखते हुए छठ घाटों को लाइट लगाने का काम अंतिम चरण में है। वहीं लोगों के घर लौटने के चलते रेलवे के साथ ही बस स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़ देखी जा रही है।
छठ गीतों के बीच मंगलवार को व्रतियों ने चार दिवसीय लोक आस्था का महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय से की। व्रती महिलाएं स्नान के बाद नहाय-खाय और खरना प्रसाद के लिए पवित्र जल पीतल सहित अन्य बर्तनों में लेकर घर गए। व्रती महिलाओं ने कद्दू, अरवा चावल, चना दाल, आंवले की चटनी आदि का प्रसाद पवित्र स्नान के बाद ग्रहण किया। इसके साथ चार दिवसीय छठ व्रत करने का संकल्प भी भगवान भास्कर के समक्ष लिया।
व्रती महिलाओं ने स्नान कर कद्दू-चावल बनाकर ग्रहण किया। बुधवार को खरना की परंपरा निभाई गई। जिसमें व्रतधारी गुड़ की खीर बनाकर प्रसाद ग्रहण किया। इसके बाद निर्जल व्रत शुरू होगा और गुरुवार शाम को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का आयोजन किया जाएगा। बुधवार को खरना के दिन व्रती महिलाओं ने मिट्टी का चूल्हा बनाया। दिन भर व्रत रखने के बाद शाम को गुड़ की खीर और रोटी बनाकर ग्रहण किया। इसके बाद निर्जल व्रत का पालन शुरू होगा।
ज्योतिषाचार्य मनीष मोहन बताते हैं कि छठ के चार दिवसीय महानुष्ठान में भगवान भास्कर और उनकी मानस बहन षष्ठी देवी की असीम कृपा श्रद्धालुओं को प्राप्त होती है। छठ करने से लोगों के स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है। संतान प्राप्ति, स्वास्थ्य, सुख, शांति और समृद्धि के लिए भी लोग इस व्रत को करते हैं। नहाय-खाय के दिन व्रतियों ने छठ महापर्व के प्रसाद के लिए गेहूं सुखाया। इस बीच व्रतियों द्वारा गाए छठ गीतों से माहौल भक्तिमय बना रहा।
पीस के हिसाब से बिक रहा फल
महेवा, धर्मशाला, बैंक रोड, बक्शीपुर, मेडिकल रोड, कूड़ाघाट, पादरी बाजार, आजाद चौक, नौसढ़, बिछिया, सूरजकुंड, गोरखनाथ आदि इलाकों में फलों की 1500 से अधिक नई दुकानें सज गई हैं। फलों की दुकान पर ड्रैगन फ्रूट, आम, सरीफा, तरबूज जैसे फल पीस के हिसाब से बिक रहे हैं। ड्रैगन फ्रूट 100 रुपये पीस बिक रहा है। वहीं दो से तीन किलोग्राम का तरबूज 100 से 150 रुपये में बिक रहा है। कश्मीर का सेब 150 से लेकर 200 रुपये किलो तक बिक रहा है।
फल कारोबारी सुरेश सोनकर ने बताया कि पिछले कुछ साल की तुलना में फलों की मांग में दोगुने से अधिक की बढ़ोतरी हो गई है। फलों की फुटकर दुकानें जितनी शहर में लगी हैं, उतनी कभी नहीं दिखीं। मुंबई और दक्षिण के राज्यों से मंगाए गए आम 30 से 50 रुपसे पीस के हिसाब से बिकता दिखा। वहीं नासिक का अंगूर फुटकर में 200 रुपये किलो तक पहुंच गया है।
राप्ती नदी से सटे सभी 10 कृत्रिम पोखरों में भरा गया पानी
नगर निगम इस बार राप्ती तट पर तकियाघाट से लेकर हनुमान गढ़ी तक 10 कृत्रिम तालाब बनाने का काम पूरा कर चुका है। मंगलवार को सभी 10 कृत्रिम पोखरों में पानी भर दिया गया। यहां हजारों परिवारों ने वेदी बना दिया है। पूरे एरिया को रोशनी से सजाया गया है। मिर्जापुर निवासी अनिल जायसवाल बताते हैं कि कृत्रिम पोखरा सुरक्षित है। अच्छी सफाई से छठ पर्व की पवित्रता बनी रहेगी।
मंगलवार को जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश के साथ नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल और निगम के जिम्मेदारों ने छठ घाट पर पहुंचकर तैयारियों की समीक्षा की। नगर निगम 80 वार्डों में 357 स्थानों पर चिह्नित सार्वजनिक अर्घ्य स्थलों की साफ सफाई, कृत्रिम तालाब की खुदाई, कृत्रिम तालाब में पानी भरने, प्रकाश और पेयजल का इंतजाम में मंगलवार को भी जुटा रहा।
छठ पर्व के लिए तारामंडल क्षेत्र में भी व्यवस्था की जा रही है। गोरखपुर विकास प्राधिकरण (जीडीए) की ओर से चंपा देवी पार्क (वाटर बाडी वाले हिस्से में) में तीन कृत्रिम पोखरे बनवाए जा रहे हैं। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु अर्घ्य दे सकेंगे। सफाई कराने के बाद गड्ढा खोदा जा चुका है। इसके साथ ही तारामंडल क्षेत्र के मोहल्लों गौतम विहार, गौतम विहार विस्तार, सिद्धार्थ एन्क्लेव, सिद्धार्थ एन्क्लेव विस्तार के पास वाटर बाडी में भी सफाई कर घाट बनाए जा रहे हैं।