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Gorakhpur News: छोटी सी चूक बच्चों से लेकर युवाओं की लंबाई बढ़ने में लगा रही ब्रेक, एम्स ने बतायी ये बड़ी वजह
Gorakhpur News: गोरखपुर में एम्स के वजूद में आने वाले पूर्वांचल के बच्चों से लेकर युवाओं में होने वाली बीमारी का पता चल रहा है। ऐसी ही दिक्क्त बच्चों से लेकर युवाओं में लंबाई नहीं बढ़ने की है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एम्स के वजूद में आने वाले पूर्वांचल के बच्चों से लेकर युवाओं में होने वाली बीमारी का पता चल रहा है। ऐसी ही दिक्क्त बच्चों से लेकर युवाओं में लंबाई नहीं बढ़ने की है। डॉक्टरों ने जांच में पाया है कि मरीजों में काइफोसिस के कारण रीढ़ की हड्डियां भी मुड़ जा रहीं हैं। इसके साथ ही छोटी-बड़ी दुर्घटनाओं में हड्डियों में बीच-बीच में टूटकर पिचकने की भी शिकायतें आ रही हैं। ज्यादेतर की हड्डियां कमजोर हैं। ऐसे में लंबाई बढ़ने में दिक्कत हो रही है।
रीढ़ की हड्डियों में आ रही सिकुड़न से मरीजों का कद कम हो रहा है। इसकी वजह से मरीजों को काइफोसिस (कूबड़) बीमारी हो रही है। काइफोसिस के कारण रीढ़ की हड्डियां भी मुड़ जा रही हैं। एम्स में हर सप्ताह तीन से चार मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। इनमें कम उम्र के बच्चे भी शामिल हैं। एम्स के डॉक्टरों ने सलाह दी है कि बच्चों को भारी बैग न उठाने दें। साथ ही कंप्यूटर पर घंटों झुक कर काम करने से रोकें। एम्स के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. श्याम सुधीर कुशवाहा ने बताया कि काइफोसिस बेहद खतरनाक बीमारी है। इस बीमारी में मरीजों की रीढ़ की सर्जरी तक करनी पड़ती है। बच्चों की पीठ और रीढ़ की हड्डियों में हो रहे दर्द की जांच में वार्टिबा में सिकुड़न मिल रही है। वर्टिब्रा के सिकुड़ने के कारण काइफोसिस की शिकायत सामने आ रही है। जांच के क्रम में यह भी जानकारी मिली है कि ऐसे बच्चों के बैग भारी थे और वे कंप्यूटर का इस्तेमाल ज्यादा देर तक करते थे, जिसके कारण उनकी रीढ़ की हड्डियों में दर्द था।
कैल्शियम और विटामिन-डी के सेवन से मिल सकती है राहत
डॉ. श्याम सुधीर कुशवाहा ने बताया कि बड़ों में यह बीमारी पहले पल्लेदारी करने वालों और मजदूरों में मिलती थी। यह लोग झुककर भारी भरकम सामान उठाते थे, लेकिन अब यह बीमारी ऐसे लोगों को भी हो रही है, जो भारी भरकम सामान नहीं उठा रहे हैं। इनमें बच्चों की संख्या भी ठीक-ठाक है। यह स्थिति चिंताजनक है। क्योंकि, उम्र और शारीरिक संरचना के अनुसार उनकी लंबाई भी कम हो रही है। डॉ. श्याम सुधीर कुशवाहा ने बताया कि ऐसे मरीजों की जांच में रीढ़ की हड्डियां भी कमजोर मिल रही है। इन हड्डियों के कमजोर होने से रीढ़ की कई हड्डियां बीच-बीच में टूटकर पिचक जाती हैं। इससे भी कद छोटा हो जाता है। इन मरीजों के शरीर में कैल्शियम और विटामिन-डी की कमी भी मिल रही है।