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Gorakhpur News: गोरखपुर में रियल एस्टेट और फ्लोर मिल कारोबारी के ठिकानों पर आयकर का छापा, मचा हड़कंप
Gorakhpur News Today: आयकर की टीम दो दर्जन से अधिक गाड़ियों से पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी साहबगंज समेत अन्य ठिकानों पर एक साथ पहुंची।
Gorakhpur News in Hindi: गोरखपुर। पूर्वांचल के बड़े फ्लोर मिल कारोबारी के प्रतिष्ठानों पर आयकर की टीम ने छापेमारी की है। कारोबारी रिश्ते के चलते कार शो रूम के मालिक और रियल एस्टेट का काम करने वाले कारोबारियों के प्रतिष्ठानों पर छापेमारी हुई है। 9 जनवरी को सुबह आठ बजे से जारी छापेमारी में आयकर विभाग के हाथ महत्वपूर्ण दस्तावेज लगे हैं। करीब आठ जिलों की आयकर की टीमें गोरखपुर के कौड़ीराम और संतकबीर नगर में भी छापेमारी कर रही है।
आयकर की टीम दो दर्जन से अधिक गाड़ियों से पूर्वांचल की सबसे बड़ी किराना मंडी साहबगंज समेत अन्य ठिकानों पर एक साथ पहुंची। एक साथ भारत सरकार लिखी गाड़ियों के चलते कारोबारियों में हड़कंप मच गया। जांच टीम में 200 से अधिक अधिकारियों और कर्मचारियों के शामिल होने की सूचना है। टीम में गोरखपुर, प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, आगरा, बरेली, मुरादाबाद के अधिकारी शामिल है। छापेमारी के चलते सुबह 10 बजे गुलजार होने वाली साहबगंज मंडी की ज्यादेतर दुकानें 12 बजे तक भी नहीं खुली थीं। जिस कारोबारी के प्रतिष्ठान और आवास पर छापेमारी हुई है, उसका फ्लोर मिल का बड़ा काम है।
कार शो रूम के मालिक के प्रतिष्ठानों पर भी छापा
फ्लोर मिल कारोबारी का कारोबार गोरखपुर से लेकर कोलकाता फैला हुआ है। इसी के साथ फोर व्हीलर गाड़ियों के शो रूम के मालिक के प्रतिष्ठान पर छापेमारी की सूचना मिल रही है। इस कारोबारी का रियल एस्टेट का भी काम है। इस समूह ने पिछले 7 सालों में कई बड़े भवनों का निर्माण किया है। बड़ी कंपनियों के शोरूम एवं रिटेल स्टोर इन भवनों में हैं। सभी प्रमुख स्थानों पर इनके भवन नजर आते हैं। मेडिकल रोड पर एक अपार्टमेंट भी बनवाया है। आयकर की टीम ने गोरखपुर में दोनों निदेशकों के आवास, मेडिकल कालेज रोड स्थित कार्यालय और लखनऊ स्थित आवास पर भी जांच शुरू की है। इस समूह के बारे में एक बात चर्चित है कि जो भी भवन ये बनवाते हैं, उसे किराए पर ही देते हैं। आमतौर पर भवन बनाकर लोग बेचते हैं और पूंजी निकालकर दूसरे प्रोजेक्ट कर काम करते हैं। लेकिन यह समूह बिल्डिंग बनाता है और उसे किराए पर देता है। उसके बाद दूसरी प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाता है। गोरखपुर में यह समूह सबसे तेजी से उभरा है।