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Gorakhpur: धुरियापार में 5500 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित होगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर, दो सीमेंट फैक्ट्री को हरी झंडी

Gorakhpur:गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को आकार देने के लिए प्रक्रियात्मक कार्य को तेज कर दिया है।

Purnima Srivastava
Published on: 19 Nov 2024 3:01 PM IST
Gorakhpur News
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गोरखपुर के धुरियापार में 5500 एकड़ क्षेत्रफल में विकसित होगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर (न्यूजट्रैक)

Gorakhpur News: जिले के दक्षिणांचल में स्थित धुरियापार क्षेत्र की जो जमीन ऊसर थी। जिसपर तिनका भी मुश्किल से उगता था, वहां योगी सरकार उद्योगों की फसल लगवाएगी। इसके लिए 5500 एकड़ में प्रस्तावित धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को मूर्त रूप दिया जा रहा है। 17 गांवों की अनुपजाऊ जमीनों का अधिग्रहण करने के सिलसिले में अब तक 500 एकड़ जमीन अधिग्रहित की जा चुकी है। यह कॉरिडोर पूर्वांचल के सबसे बड़े इंडस्ट्रियल लैंड बैंक वाला होगा। सरकार की मंशा यहां बड़े उद्यगों का संजाल बिछाने के साथ इसे इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कलस्टर के रूप में विकसित कर करने की है। यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से तो जुड़ा ही है, आने वाले समय में रेल कनेक्टिविटी से भी जुड़ जाएगा।

गोरखपुर औद्योगिक विकास प्राधिकरण (गीडा) ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को आकार देने के लिए प्रक्रियात्मक कार्य को तेज कर दिया है। गीडा की तैयारी जल्द ही इस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के पहले चरण को लांच कर देने की है। पहले चरण में सकरदेईया, हरपुर और काश्तकाशी नायक गांवों में करीब 1600 एकड़ भूमि अर्जित होनी है। गीडा इसमें से 500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण भी कर चुका है। उपजाऊ जमीन फसलों के माध्यम से सोना उगले और ऊसर धरती पर उद्योगों के जरिये रोजगार की भरपूर छांव मिले, योगी सरकार इसी फॉर्मूले के तहत ग्रेटर गीडा के रूप में धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का खाका खींच चुकी है।

इस कॉरिडोर को बसाने के लिए जिन 17 गांवों में जमीनों का अधिग्रहण किया जा रहा, वे परती पड़ी रहती हैं। यानी किसानों के लिए अनुपजाऊ। अब तक सिर्फ रकबे में गिनी जाने वाली ये जमीनें किसानों को भरपूर रकम दिलाकर मालामाल करेंगी। बीते सात सालों में देश-दुनिया के कई निवेशकों का गोरखपुर की तरफ रुझान देखते हुए सीएम योगी के मार्गदर्शन में धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का मास्टर प्लान फाइनल है, बस इसे शासन से अनुमोदन मिलने का इंतजार है। धुरियापार क्षेत्र में जमीनों का एक हिस्सा ऊसर प्रकृति का है। किसानों को ऊसर जमीनों का ही अधिग्रहण किया जा रहा है। इससे उन्हें अनुपजाऊ भूमि का भरपूर मूल्य प्राप्त होगा और ऊसर धरती पर औद्योगिक विकास के माध्यम से रोजगार और खुशहाली की फसल लहलहाएगी।

धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर को 17 ग्रामों की 5500 एकड़ भूमि में बसाया जाएगा। इस कॉरिडोर का विकास चरणबद्ध तरीके से किया जाना है। मास्टर प्लान के मुताबिक कुल क्षेत्रफल में 32.04 प्रतिशत क्षेत्र औद्योगिक, 19.39 प्रतिशत आवासीय, 6.51 प्रतिशत पीएसपी, 4.21 प्रतिशत व्यावसायिक, 15.70 प्रतिशत हरित-खुला क्षेत्र, 2.32 प्रतिशत मिश्रित, 4.17 प्रतिशत ट्रांसपोर्ट सुविधाओं के लिए प्रस्तावित है। गीडा की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) अनुज मलिक बताती हैं कि धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए भूमि अर्जन की प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ाई जा रही है। अब तक 500 एकड़ भूमि का अधिग्रहण हो चुका है और बाकी के लिए भी प्राधिकरण लगातार काम कर रहा है। मुख्य कार्यपालक अधिकारी का मानना है कि मूर्त रूप में आने के बाद यह इंडस्ट्रियल कॉरिडोर धुरियापार समेत समूचे गोरखपुर दक्षिणांचल के लिए गेम चेंजर साबित होगी। धुरियापार की पहचान अति पिछड़े क्षेत्र के रूप में रही लेकिन आने वाले दिनों में इसकी ख्याति गोरखपुर के नए औद्योगिक क्षेत्र के गेटवे के रूप में होगी। बीते सात सालों में देश-दुनिया के कई निवेशकों का रुझान गोरखपुर की तरफ देखते हुए सरकार धुरियापार क्षेत्र को ग्रेटर गीडा बनाने की तैयारी कर रही है। औद्योगिक विकास के साथ ही यहां रोजगार की बहार भी बहेगी।

धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए इन गांवों को किया गया है अधिसूचित

बाथ बुजुर्ग, बाथ खुर्द, भिसमपट्टी, चाडी, धौरहरा, दिघरूआ, दोदापार, दुबरीपुरा, गजपुर, गौरखास, हरपुर, काश्तकाशी नायक, मठदुर्वाशा, नारायण खुर्द, परसा बुजुर्ग, पुरादयाल और सकरदेइया।

उद्योगों के लिए मुफीद साबित होगी शानदार रोड और रेल कनेक्टिविटी

धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर रोड और रेल कनेक्टिविटी के लिहाज से उद्योगों के लिए काफी मुफीद साबित होगा। यह क्षेत्र गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से जुड़ा है। साथ ही सहजनवा से दोहरीघाट तक प्रस्तावित नई रेल लाइन परियोजना भी यहां से गुजर रही है। ऐसे में यहां बड़े उद्योगों के लिए पृथक से रेलवे साइडिंग दिए जाने की भी व्यवस्था होगी। उद्योगों के लिए कच्चा माल मंगाना और तैयार माल भेजना काफी सुविधाजनक होगा।

दक्षिणांचल के औद्योगिक विकास को लेकर योगी सरकार संजीदा

गोरखपुर के दक्षिणांचल के औद्योगिक विकास को लेकर योगी सरकार काफी संजीदा है। धुरियापार में बनने के बाद से ही बंद पड़ी चीनी मिल के कुछ हिस्से में इंडियन ऑयल की तरफ से कम्प्रेस्ड बायो गैस प्लांट लगाया जा चुका है। इस प्लांट के बाद धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मूर्त रूप में आने के बाद इस क्षेत्र का कायाकल्प हो जाएगा। इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में लगने वाले उद्योगों से करीब 10,000 से अधिक लोगों को रोजगार सुलभ होगा। गीडा की सीईओ अनुज मलिक बताती हैं कि धुरियापार इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के लिए निवेश प्रस्ताव आने शुरू हो गए हैं। अडानी समूह और जेके ग्रुप ने इस कॉरिडोर में सीमेंट फैक्ट्री लगाने के लिए क्रमशः 65 और 50 एकड़ जमीन की मांग की है। इसके अलावा कई अन्य औद्योगिक समूह यहां निवेश में रुचि दिखा रहे हैं।



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Shishumanjali kharwar

Shishumanjali kharwar

कंटेंट राइटर

मीडिया क्षेत्र में 12 साल से ज्यादा कार्य करने का अनुभव। इस दौरान विभिन्न अखबारों में उप संपादक और एक न्यूज पोर्टल में कंटेंट राइटर के पद पर कार्य किया। वर्तमान में प्रतिष्ठित न्यूज पोर्टल ‘न्यूजट्रैक’ में कंटेंट राइटर के पद पर कार्यरत हूं।

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