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Gorakhpur News: भोजपुरी साहित्य एवं देशज आधुनिकता विषय पर अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी 29 दिसंबर को, देश-विदेश से जुटेंगे दिग्गज
Gorakhpur News: अंग्रेजी साहित्य और भोजपुरी साहित्य के अंतर्संबंधों पर विशेष विमर्श होगा, जिससे वैश्विक स्तर पर भाषा और संस्कृति के अध्ययन को नए आयाम मिल सकें।
Gorakhpur News: भोजपुरी भाषा एवं संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए सतत प्रयासरत अंतर्राष्ट्रीय संस्था भोजपुरी एसोसिएशन ऑफ इंडिया ‘भाई’ एवं अंग्रेजी विभाग, दीन दयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में 29 दिसंबर को एक दिवसीय ‘अंतर्राष्ट्रीय भोजपुरी संगोष्ठी’ का आयोजन किया जा रहा है। भोजपुरी साहित्य एवं देशज आधुनिकता विषय पर आयोजित संगोष्ठी विश्वविद्यालय के संवाद भवन में होगी। जिसमें देश-विदेश से कई विद्वान शामिल होंगे।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के परिप्रेक्ष्य में यह संगोष्ठी क्षेत्रीय भाषाओं, विविधता, सांस्कृतिक पहचान एवं उनके संरक्षण की महत्ता को रेखांकित करेगी। अंग्रेजी साहित्य और भोजपुरी साहित्य के अंतर्संबंधों पर विशेष विमर्श होगा, जिससे वैश्विक स्तर पर भाषा और संस्कृति के अध्ययन को नए आयाम मिल सकें। संगोष्ठी के लिए अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष प्रो. अजय कुमार शुक्ल एवं ‘भाई’ के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने कुलपति प्रो. पूनम टंडन को औपचारिक निमंत्रण दिया। इस अवसर पर माननीय कुलपति ने संगोष्ठी की सराहना करते हुए अपनी प्रसन्नता व्यक्त की और आयोजन के लिए दोनों आयोजकों को बधाई दी।
भाई के राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि संगोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. सरिता बुधु (पूर्व अध्यक्ष, भोजपुरी स्पीकिंग यूनियन, मॉरीशस) उपस्थित रहेंगी। कार्यक्रम की अध्यक्षता माननीय कुलपति प्रो. पूनम टंडन करेंगी। संगोष्ठी में अखिल भारतीय भोजपुरी सम्मेलन के अध्यक्ष बृज भूषण मिश्र, प्रो. जय कांत सिंह ‘जय’ (मुजफ्फरपुर), मनोज भाऊक, केशव मोहन पांडेय, जलज अनुपम (दिल्ली), गोपाल ठाकुर (अध्यक्ष, भाषा आयोग, नेपाल), प्रो. राम नारायण त्रिपाठी (गाजीपुर), प्रो. प्रभाकर सिंह (समन्वयक, भोजपुरी अध्ययन केंद्र, बीएचयू, वाराणसी), डॉ. संध्या सिन्हा (जमशेदपुर), हिमांशु त्रिपाठी (नाइजीरिया), कनक किशोर (रांची), अरविंद चित्रांश (आजमगढ़), प्रो. चितरंजन मिश्र सहित अन्य ख्यातिप्राप्त विद्वान अपने विचार रखेंगे।
विदेशिया नाटक का होगा मंचन
संयोजक द्वय प्रो. अजय कुमार शुक्ल एवं डॉ. राकेश श्रीवास्तव ने बताया कि यह संगोष्ठी भोजपुरी भाषा की साहित्यिक महत्ता, सांस्कृतिक धरोहर एवं उसकी वैश्विक प्रासंगिकता पर गहन विमर्श का एक सशक्त मंच प्रदान करेगी। इसके साथ ही, अंग्रेजी साहित्य के वैश्विक दृष्टिकोण से भोजपुरी भाषा और प्रवासी (डायस्पोरा) संस्कृति के बीच संवाद स्थापित किया जाएगा।सांस्कृतिक सत्र के अंतर्गत सायं 7 बजे से पारंपरिक संस्कार गीतों की प्रस्तुति के साथ मानवेंद्र त्रिपाठी के निर्देशन में भिखारी ठाकुर कृत ‘विदेशिया’ नाट्य मंचन का आयोजन किया जाएगा। इस अवसर पर भोजपुरी साहित्य एवं संस्कृति के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले व्यक्तित्व को ‘माटी के लाल’ सम्मान से सम्मानित किया जाएगा।