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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर विशेष: टीबी मरीजों के लिए योग भी है दवा, दिनचर्या में शामिल करने के लिए फैलाई जा रही जागरूकता

Gorakhpur News: योग, टीबी मरीज के लिए एक निवारक चिकित्सा के रूप में कार्य करता है। इसे मरीज की दिनचर्या में शामिल करने से फेफड़े साफ होते हैं और उसे मानसिक शांति भी मिलती है।

Purnima Srivastava
Published on: 20 Jun 2024 1:35 PM GMT
International Yoga Day, Yoga is also a medicine for TB patients
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अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस, टीबी मरीजों के लिए योग भी है दवा:

Gorakhpur News: टीबी की शीघ्र पहचान और दवा के सम्पूर्ण कोर्स के साथ-साथ अगर टीबी का मरीज नियमित योग करता है तो वह जल्दी ठीक हो सकता है। योग, टीबी मरीज के लिए एक निवारक चिकित्सा के रूप में कार्य करता है। इसे मरीज की दिनचर्या में शामिल करने से फेफड़े साफ होते हैं और उसे मानसिक शांति भी मिलती है। साथ ही अगर टीबी के साथ मधुमेह की सहरूग्णता है तो मधुमेह भी नियंत्रित रहता है। जिससे टीबी से ठीक होने की गति में अपेक्षाकृत तेजी आती है। यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आशुतोष कुमार दूबे ने दी, जो एक श्वसन रोग विशेषज्ञ भी हैं।

डॉ. दूबे ने बताया कि राष्ट्रीय क्षय रोग उन्मूलन कार्यक्रम के तहत जो टीबी केयर टूल तैयार किया गया है उसके जरिये मरीज को शारीरिक गतिविधियों के साथ साथ प्राणायम की भी सलाह दी जाती है। इसके जरिये संदेश दिया गया है कि मन को शांत करने, तनाव व चिंता को दूर करने में ध्यान की अहम भूमिका है। यह सुबह शाम के अलावा दिन में कभी भी किया जा सकता है। मरीजों को बताया जाता है कि वह शांत जगह पर आराम से बैठें और नाक से धीरे धीरे सांस अंदर लें। जब तक हो सके सांस को अंदर रोक कर रखें और फिर मुंह से धीरे धीरे सांस को बाहर छोड़ें। सांस अंदर और बाहर लेते समय उस पर ध्यान दें। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. गणेश यादव की देखरेख में कार्यक्रम के तहत मरीजों को परामर्श के दौरान दवा के साथ योग व व्यायाम की भी सलाह दी जा रही है। जिले में इस समय ड्रग रेसिस्टेंट टीबी (डीआर टीबी) के 313 मरीज, जबकि ड्रग सेंसिटिव टीबी (डीएस टीबी) के 8209 मरीज उपचाराधीन हैं। इन सभी मरीजों को नियमित दवा के सेवन के साथ साथ योग और व्यायाम अवश्य करना चाहिए।

Photo- Social Media

कई प्रकार से उपयोगी है योग

योग शिक्षक कुणाल सिंह का कहना है कि मधुमेह ग्रसित और नशे का सेवन करने वाले टीबी रोगियों के जल्दी ठीक होने की संभावना कम होती है। योग इन दोनों स्थितियों पर काबू पाने में कारगर है। एक तरफ नियमित योग से जहां मधुमेह नियंत्रित रहता है, वहीं दूसरी ओर नशा छोड़ने में भी मददगार है। ऐसे टीबी मरीज जो बहुत अधिक कुपोषित और कमजोर नहीं हैं, वह सूर्य नमस्कार, धुनरासन, हलासन, कंधारासन और महामुद्रा का नियमित अभ्यास कर अपने फेफड़ों की शक्ति बढ़ाने के साथ साथ टीबी के अन्य कारकों पर काबू पा जल्दी ठीक हो सकते हैं। भस्त्रिका प्राणायाम को रोजाना दो से पांच मिनट और कपालभांति प्राणायाम पांच से पंद्रह मिनट करना टीबी मरीज के लिए काफी लाभदायक पाया गया है।

केंद्रों से ले सकते हैं लाभ

सीएमओ ने बताया कि योग की सार्वभौमिक महत्ता को देखते हुए ही इस साल अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम स्वयं और समाज के लिए योग रखी गयी है। इस दिवस पर सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिरों पर गतिविधियों का आयोजन कर लोगों को योग के लिए प्रेरित करने के लिए कहा गया है। इन केंद्र की मदद से भी टीबी मरीज योग सीख कर लाभ उठा सकते हैं।

Shashi kant gautam

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