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Gorakhpur News: 125 करोड़ की जापानी मशीन में लग रहा जंग, नेशनल डेयरी फेडरेशन से बदलेगी किसानों की किस्मत?

Gorakhpur News: 2019 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाने के मैदान से 125 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक प्लांट का वर्चुअल शुभारंभ किया था। एक लाख लीटर दूध के प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट पहले कोरोना और बाद में दूध की किल्लत से संचालित नहीं हो सका।

Purnima Srivastava
Published on: 15 Oct 2024 7:02 PM IST
Gorakhpur News: 125 करोड़ की जापानी मशीन में लग रहा जंग, नेशनल डेयरी फेडरेशन से बदलेगी किसानों की किस्मत?
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Gorakhpur News (Pic- Newstrack)

Gorakhpur News: 2019 में लोकसभा चुनाव के ठीक पहले पीएम नरेन्द्र मोदी ने गोरखपुर के खाद कारखाना परिसर से 125 करोड़ के लागत से अत्याधुनिक मशीन वाले प्लांट का लोकार्पण किया था। लेकिन पांच साल बाद जापानी मशीन जंग खा रही है। एक साल से अधिक समय हुआ, प्लांट से उत्पादन ठप है। अब नेशनल डेयरी फेडरेशन द्वारा प्लांट को टेकओवर करने की कोशिशें के बाद किसानों को उम्मीद जगी है।

वर्ष 2019 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाने में हुई जनसभा के दौरान पराग डेयरी के प्लांट की 125 करोड़ की अत्याधुनिक मशीन का वर्चुअल लोकार्पण किया था, तो बेहतरी की उम्मीद जगी थी। लेकिन एक लाख लीटर क्षमता वाले प्लांट के लिए दूध नहीं मिला। जैसे तैसे अयोध्या से दूध मंगाकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी, आरपीएसएफ, एम्स, स्पोर्ट्स कॉलेज के साथ जिला अस्पताल को दूध के साथ पनीर की आपूर्ति हो रही है। इस बीच करीब डेढ़ साल में बीआरडी मेडिकल कॉलेज प्रशासन पर सप्लाई हो रहे दूध का 85 लाख बकाया हो गया। इसे लेकर पराग प्रबंधन के साथ जिलाधिकारी द्वारा भी पत्र लिखा गया। इस मामले में बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. रामकुमार जायसवाल का कहना है कि इस वित्तीय वर्ष का बकाया है। शासन से धन आते ही भुगतान कर दिया जाएगा।

वर्तमान में पराग डेयरी को अयोध्या यूनिट से 3500 लीटर दूध मिल रहा है। वहीं, स्थानीय किसानों से 700 से 1000 लीटर तक दूध मिल रहा है। पराग डेयरी प्रबंधन का कहना है कि अयोध्या से जितने दूध का नकद में भुगतान होता है, उतना ही दूध मिलता है। यह स्थिति 3.5 करोड़ के बकाए के बाद बनी है। डेयरी के सेल्स से जुड़े जिम्मेदार बता रहे हैं कि एमएमएमयूटी, एयरफोर्स के साथ जिला अस्पताल आदि से नियमित भुगतान के बाद दूध और पनीर की आपूर्ति की जा रही है। लगातार घाटे के चलते डेयरी से जुड़े 12 आउटलेट पर पेडा, छेना खीर, खोआ, देशी घी, पनीर आदि की आपूर्ति भी नहीं हो रही है।

पराग डेयरी पहुंची केन्द्रीय टीम

पराग डेयरी के प्लांट की दोबारा पूरी क्षमता से संचालित होने की उम्मीदें परवान चढ़ने लगी हैं। नेशनल डेयरी फेडरेशन की पांच सदस्यीय टीम ने छपिया स्थित पराग डेयरी के प्लांट का निरीक्षण कर चुकी है। टेक्निकल टीम ने प्लांट को दोबारा शुरू करने की संभावना को परखा। दिसंबर महीने से प्लांट के संचालन का जिम्मा नेशनल डेयरी फेडरेशन को सौंपा जा सकता है।

प्रदेश के पशुधन और दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने बीते दिनों दिल्ली में गोरखपुर, कन्नौज और कानपुर के बंद प्लांट को लेकर नेशनल डेयरी फेडरेशन के चेयरमैन मिनेश शाह से मुलाकात की थी। जिसके बाद चेयरमैन ने जल्द टीम भेजकर प्लांट का निरीक्षण कराने का आश्वासन दिया था। शुक्रवार को दिन में 12 बजे पांच सदस्यीय केन्द्रीय टीम छपिया स्थित पराग डेयरी के प्लांट का निरीक्षण करने पहुंची। टीम में शामिल पीसीडीएफ के कमल किशोर, इंजीनियर अमित यादव, इंडियन डेयरी मशीनरी कंपनी लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर नानक श्रीवास्तव, सिविल मैनेजर गौरीशंकर और मदर डेयरी के देवेश द्विवेदी ने प्लांट का निरीक्षण किया। टीम ने करीब दो घंटे तक 125 करोड़ रुपये से स्थापित अत्याधुनिक प्लांट की मशीनों को देखा। टीम ने प्लांट में पैकेजिंग से लेकर बॉयलर, स्टीम, मशीनों के पार्ट्स, पाईप लाईन आदि का गहनता से निरीक्षण किया। टीम जांच रिपोर्ट नेशनल डेयरी फेडरेशन के चेयरमैन को सौंपेगी। इसके बाद प्लांट के दोबारा संचालन को लेकर निर्णय होगा। वैसे टीम के सदस्यों का मानना है कि नेशनल डेयरी फेडरेशन के देखरेख में दिसम्बर महीने से प्लांट का दोबारा संचालन हो सकता है। प्लांट के दोबारा संचालन की उम्मीद को देख कर्मचारी ही नहीं इस प्लांट पर निर्भर किसानों में खुशी है।

जून, 2023 से बंद है प्लांट

वर्ष 2019 में पीएम नरेन्द्र मोदी ने खाद कारखाने के मैदान से 125 करोड़ रुपये की लागत से अत्याधुनिक प्लांट का वर्चुअल शुभारंभ किया था। एक लाख लीटर दूध के प्रतिदिन की क्षमता वाला प्लांट पहले कोरोना और बाद में दूध की किल्लत से संचालित नहीं हो सका। पराग डेयरी के लोग बताते हैं कि प्लांट में कभी 10 हजार लीटर से अधिक दूध पहुंचा नहीं। वहीं दूसरी तरफ प्लांट के रखरखाव पर हर महीने 50 से 65 लाख रुपये खर्च हुए। घाटे के चलते 1 जून, 2023 को प्लांट को पूरी तरह बंद करने का निर्णय लिया गया।

आर्थिक संकट से जूझ रहा डेयरी

पराग डेयरी की गोरखपुर यूनिट बंदी की कगार पर पहुंच गई है। अभी तक यूनिट को अयोध्या की पराग डेयरी से दूध की आपूर्ति हो रही थी, लेकिन 3.5 करोड़ रुपये बकाए के बाद आपूर्ति रोक दी गई है। नकद भुगतान के बाद ही दूध मिल रहा है। उधर, पराग डेयरी प्रबंधन ने बीआरडी मेडिकल कॉलेज को 600 लीटर दूध की रोज हो रही आपूर्ति को 85 लाख रुपये के बकाए के बाद रोक दिया है। प्लांट द्वारा अयोध्या से दूध मंगाकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज, मदन मोहन मालवीय टेक्निकल यूनिवर्सिटी, आरपीएसएफ, एम्स, स्पोर्ट्स कॉलेज के साथ जिला अस्पताल को दूध के साथ पनीर की आपूर्ति हो रही है।



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Ragini Sinha

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