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Gorakhpur News: 1000 क्विंटल ‘बुद्ध का प्रसाद’ Kala Namak Rice जाएगा अमेरिका, दुनिया के अन्य देशों में पहुंचाने की तैयारी
Gorakhpur News: पद्मश्री रामचेत चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर निर्यात को लेकर जानकारी दी है।
Gorakhpur News: उत्तर प्रदेश के सिद्धार्थनगर जिले के कपिलवस्तु में भगवान बुद्ध का बचपन गुजरा था। सिद्धार्थनगर का ओडीओपी उत्पाद काला नमक चावल को बुद्ध का प्रसाद कहकर पुकारा जाता है। अब केन्द्र सरकार की मदद से 1000 क्विंटल काला नमक चावल विदेशों को निर्यात करने की मंजूरी मिल गई है। इसमें से 400 क्विंटल काला नमक चावल अमेरिका को निर्यात किया जाएगा। पद्मश्री रामचेत चौधरी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर निर्यात को लेकर जानकारी दी है।
अब तक 180 रुपये प्रति किलोग्राम की दर पर 20 क्विंटल कालानमक चावल का निर्यात किया जा चुका है। निर्यात का माध्यम ट्रेडिंग फर्म ‘किसानसे’ से बनी है। गोरखपुर की संस्था पार्टिसिपेटरी रुरल डेवलपमेंट फाउंडेशन के निर्देशक पद्मश्री डॉ. रामचेत चौधरी ने रविवार को विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान डीडीयू में लगाए गए स्टॉल निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह जानकारी दी। कालानमक चावल के निर्यात की अनुमति दिलाने के लिए सीएम योगी का आभार भी व्यक्त किया। वैसे काला नमक के ओडीओपी उत्पाद में शामिल होने के बाद इसकी बिक्री ई-कामर्स प्लेटफार्म पर भी होने लगी है। कुछ निर्यातक तो इसे 1000 से 1600 रुपये क्विंटल के रेट से विदेशों में निर्यात कर रहे हैं।
‘गोरखपुर का काला नमक चावल’ बना ब्रांड
पद्मश्री डॉ. रामचेत चौधरी ने बताया कि पार्टिसिपेटरी रुरल डेवलपमेंट फाउंडेशन (पीआरडीएफ) से गोरखपुर-बस्ती मण्डल समेत 11 जनपद के किसान जुड़े हैं। वर्तमान में पूर्वांचल में तकरीबन 80 हजार हेक्टेयर में कालानमक धान की खेती हो रही है। लम्बे संघर्ष के बाद केंद्र सरकार ने 1000 टन कालानमक चावल के निर्यात की स्वीकृति दी है। निर्यात की यह राह खुलने के बाद किसानसे के माध्यम से ‘गोरखपुर का कालानमक चावल’ नाम से निर्यात किया जा रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कालानमक चावल और उससे जुड़े किसानों की बेहतरी के लिए पद्मश्री डॉ. रामचेत के प्रयासों की सराहना की।