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Gorakhpur News: सीबीआई जांच में रेलवे अफसर के पास निकला कुबेर का खजाना, गोरखपुर और नोएडा से मिले इतने करोड़ की रकम
Gorakhpur News: सीबीआई की टीम उसके गोरखपुर और नोएडा स्थित आवास पर जांच कर रही है। अभी तक टीम को अधिकारी के गोरखपुर और नोएडा स्थित आवास से 2.61 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए है।
Gorakhpur News: पूर्वोत्तर रेलवे मुख्यालय में प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक (पीसीएमएम) केसी जोशी के रेलवे कालोनी आवास पर मंगलवार की देर रात सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई की थी। अब सीबीआई की टीम उसके गोरखपुर और नोएडा स्थित आवास पर जांच कर रही है। अभी तक टीम को अधिकारी के गोरखपुर और नोएडा स्थित आवास से 2.61 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए है। इसके साथ ही अधिकारियों ने जेवरात के साथ आपत्तिजनक कागजात भी बरामद किया है। गिरफ्तार प्रधान मुख्य सामग्री प्रबंधक वर्ष 1988 बैच का आईआरएसएस है। उसकी दो साल की नौकरी बची हुई है।
कोर्ट में पेश हुआ आरोपी
सीबीआई ने अधिकारी केसी जोशी को गिरफ्तार कर लखनऊ कोर्ट में पेश किया है। जहां उसे रिमांड पर लिये जाने की सूचना है। रेलवे को सामग्री आपूर्ति करने वाली फर्म सूक्ति एसोसिएट के प्रोपराइटर अलहदादपुर गोरखपुर के रहने वाले प्रणव त्रिपाठी ने घूस मांगे जाने की शिकायत सीबीआई के एंटी करप्शन ब्रांच, लखनऊ के एसपी से 9 सितंबर को की थी। उन्होंने बताया था कि सूक्ति एसोसिएट जेम पोर्टल पर पंजीकृत है और फर्म को एक ठेका मिला है। जिसकी वैधता 15 जनवरी 2024 तक है। प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक ने उनकी फर्म का जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन रद्द करने के लिए लिख दिया है। उन्होंने धमकी दी है कि सात लाख रुपये रिश्वत नहीं दी तो जेम पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के साथ चालू टेंडर भी रद्द करा देंगे। सीबीआई ने इस मामले में प्राथमिक जांच कर केस दर्ज कर लिया और पीसीएमएम को रंगे हाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। उधर, नोएडा के डीसीपी हरीश चन्दर का कहना है कि इस मामले को लेकर लेकर संबंधित एजेंसी और विभाग की ओर से जानकारी नोएडा पुलिस से साझा नहीं की गई है। मामले की जानकारी की जा रही है।
मोबाइल टीम ने कर लिये थे जब्त
पीसीएमएम के आवास पर सर्चिंग के दौरान अफसर के साथ इंस्पेक्टर और ड्राइवर भी बैठाए गए थे। इस दौरान के सभी फोन जमा करा लिए गए थे और किसी को न तो बाहर जाने की अनुमति थी और न ही बाहर से अंदर आने की। उधर, सीबीआई की दूसरी टीम ने प्रमुख मुख्य सामग्री प्रबंधक कार्यालय पहुंच कर देर रात तक फाइलों की पड़ताल में जुटी रही। इस दौरान यहां दो क्लास-वन अफसरों को बैठाया गया था। एक-एक फाइल और उस पर दर्ज टिप्पणियों मायने समझने में टीम लगी रही।