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Gorakhpur News: शहर में तेंदुओं का इलाज, बलरामपुर और बिजनौर में मचाया था आतंक

Gorakhpur News: गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर में पिछले छह माह के अंदर पांच आदमखोर तेंदुए लाए गए हैं।

Purnima Srivastava
Published on: 24 Feb 2024 9:17 AM IST
leopards Treatment Gorakhpur
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leopards Treatment Gorakhpur  (photo: social media )

Gorakhpur News: बेहतर कानून व्यवस्था के लिए बुलडोजर बाबा की छवि हासिल करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर गोरखपुर में अब आदमखोर तेंदुओं का भी ‘इलाज’ हो रहा है। बलरामपुर और बिजनौर में आतंक का पर्याय बने पांच तेंदुओं का गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर में चिकित्सक इलाज कर रहे है। इनकी हिंसक प्रवृति को कम करने का प्रयास कुछ हद तक रंग भी लाने लगा हैं।

गोरखपुर के शहीद अशफाक उल्ला खान चिड़ियाघर में पिछले छह माह के अंदर पांच आदमखोर तेंदुए लाए गए हैं। इन्हें जंगलों में छोड़ने के बजाए इनकी हिंसक प्रवृति पर अंकुश के प्रयास हो रहे हैं। चिकित्सकों का कहना है कि ये दोबारा जंगल में छोड़ दिये गए तो पहले की तरह कई जिंदगियों को खत्म कर सकते हैं। इनमें तीन बिजनौर और दो तेंदुए बलरामपुर से लाए गए हैं। चिड़ियाघर प्रशासन इलाज भी कर रहा है, लेकिन इनका गुस्सा कम नहीं हो रहा है। बिजनौर में तेंदुओं और मानव के बीच जबरदस्त खूनी संघर्ष हुआ था। जिसमें कुछ जानें भी गईं थी। इसके बाद वन विभाग की टीम बिजनौर से तीन आदमखोर तेंदुओं को रेसक्यू कर गोरखपुर चिड़ियाघर लेकर आई थी। बलरामपुर से लाया गया तेंदुआ भी आदमखोर है। चिड़ियाघर के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह बताते हैं कि तेंदुए ज्यादा आक्रामक हैं, ऐसे में अभी जंगल में छोड़ना संभव नहीं है। मानव को देखते ही बढ़ इनका गुस्सा बढ़ जाता है।

मानव को देखकर बाड़े में ही कूदने लगते हैं तेंदुए

डॉ. योगेश बताते हैं कि बिजनौर से लाए गए तेंदुए ज्यादा उग्र हैं। वह मानव वन्य जीव संघर्ष में लोगों को शिकार बना चुके हैं। अधिक उग्र होने के कारण उनकी विशेष निगरानी करनी पड़ रही है। मानव को देखकर ये अभी भी कूदने लगते हैं। यही कारण है कि सभी को अलग-अलग सेल में रखा गया है। महीनों की मशक्कत के बाद अब धीरे-धीरे वह शांत हो रहे हैं, लेकिन मानव को देखते ही उनका गुस्सा बढ़ जाता है और वे दहाड़ने लगते हैं। उग्र व्यवहार के कारण तेंदुओं को अलग-अलग तरीकों का भोजन आवश्यकता अनुसार दिया जा रहा है। धीरे-धीरे उनका व्यवहार सामान्य हो रहा है। लेकिन, अभी वह आक्रामक है।



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Monika

Monika

Content Writer

पत्रकारिता के क्षेत्र में मुझे 4 सालों का अनुभव हैं. जिसमें मैंने मनोरंजन, लाइफस्टाइल से लेकर नेशनल और इंटरनेशनल ख़बरें लिखी. साथ ही साथ वायस ओवर का भी काम किया. मैंने बीए जर्नलिज्म के बाद MJMC किया है

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